Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    स्व. इंदिरा हृदयेश हल्द्वानी से रह चुकी हैंं तीन बार विधायक, अब सुमित संभालेंगे विरासत

    By Skand ShuklaEdited By:
    Updated: Sun, 23 Jan 2022 08:53 AM (IST)

    Sumit Hridayesh declared Congress candidate स्व. इंदिरा हृदयेश के निधन के बाद अब उनके बेटे सुमित हृदयेश हल्द्वानी सीट से चुनाव लड़ेंगे। सुमित अपने टिकट को लेकर शुरू से आश्वस्त थे। इंदिरा के चुनाव का पूरा मैनेजमेंट संभालने वाले सुमित पहली बार विधायक का चुनाव लडऩे जा रहे हैं।

    Hero Image
    Sumit Hridayesh: कांग्रेस ने सुमित हृदयेश को हल्द्वानी सीट से अपना प्रत्याशी बनाया है।

    जागरण संवाददाता, हल्द्वानी : उत्तराखंड की राजनीति में बड़ा नाम रही स्व. इंदिरा हृदयेश के निधन के बाद अब उनके बेटे सुमित हृदयेश हल्द्वानी सीट से चुनाव लड़ेंगे। 2002, 2012 और 2017 में तीन बार डा. इंदिरा यहां से विधायक रही थीं। जून में उनके निधन के बाद भी यहां उपचुनाव नहीं हुआ। ऐसे में आम चुनाव में टिकट को लेकर कई लोगों ने आवेदन किया। मगर सुमित अपने टिकट को लेकर शुरू से आश्वस्त थे। इंदिरा के चुनाव का पूरा मैनेजमेंट संभालने वाले सुमित पहली बार विधायक का चुनाव लडऩे जा रहे हैं। हालांकि, 2018 में हुए मेयर चुनाव में वह अपना दमदख दिखा चुके हैं। तब हल्द्वानी विधानसभा क्षेत्र में वह भाजपा के उम्मीदवार डा. जोगेंद्र रौतेला से आगे निकल गए थे।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    डा. इंदिरा हृदयेश के रहते हुए सुुुमित हृदयेश ने राजनीति में कदम रख लिया था। 2012 से 2018 तक वह मंडी सभापित रहे। पीसीसी मेंबर और एआइसीसी मेंबर रहते हुए भी उन्होंने संगठन के लिए काम किया। इसके अलावा कांग्रेस से जुड़े हर कार्यक्रम में उन्होंने मौजूदगी रहती है। हालांकि, टिकट दावेदारी को लेकर आम दावेदार की तरह उन्हें भी हर प्रक्रिया से गुजरना पड़ा। लेकिन अंत में कांग्रेस ने अपनी बड़े नेता की विरासत सुमित हृदयेश को ही सौंपी। देर रात टिकट फाइनल होने पर समर्थक उन्हें बधाई देने के लिए घर पहुंच गए थे। वहीं, सुमित ने कहा कि पार्टी की उम्मीदों पर हर हाल में खरा उतरा जाएगा।

    इंदिरा यात्रा से मिली मजबूती: डा. इंदिरा के निधन के बाद सुमित ने इंदिरा विकास संकल्प यात्रा के जरिये हल्द्वानी विधानसभा के सभी वार्डों में लोगों से संपर्क किया। करीब तीन माह तक यह सिलसिला चलता रहा। इस दौरान उन्होंने लोगों से मां के अधूरे सपने पूरे करने को सहयोग भी मांगा। कोरोना काल की वजह से फिलहाल बड़ी रैलियों और कार्यक्रमों में प्रतिबंध है। ऐसे में इंदिरा विकास संकल्प यात्रा सुमित के लिए फायदेमंद होगी। क्योंकि, पूरे क्षेत्र में प्रचार का एक राउंड वह पूरा कर चुके हैं।