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    पेपर लीक के बाद उत्तराखंड में पहली परीक्षा, सख्ती से सिस्टम भी जाम; रिकॉर्ड भेजने में हुई परेशानी

    Updated: Sun, 16 Nov 2025 07:42 PM (IST)

    उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ने पेपर लीक के बाद पहली परीक्षा आयोजित की। सहकारिता विभाग की परीक्षा में सख्ती बरती गई, जैमर लगाए गए जिससे संचार सेवा ठप रही। इंटरनेट जाम होने से रिकॉर्ड भेजने में दिक्कत हुई, कक्ष निरीक्षकों को मोबाइल की अनुमति नहीं थी। हल्द्वानी में नौ केंद्र बनाए गए, जहाँ 4320 में से 2088 अभ्यर्थी उपस्थित रहे।

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    हल्द्वानी में नौ केंद्रों पर यूकेएसएसएससी ने कराई सहकारिता विभाग की भर्ती परीक्षा. Concept

    जागरण संवाददाता, हल्द्वानी। उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (यूकेएसएसएससी) की ओर से 21 सितंबर को आयोजित स्नातक स्तरीय भर्ती परीक्षा का पेपर केंद्र से लीक हो गया था। इसमें केंद्र पर जैमर काम नहीं करने, कक्ष निरीक्षकों व कर्मियों के पास मोबाइल फोन होने से सहित कई लापरवाही सामने आई थीं। हल्द्वानी के केंद्रों पर जैमर ठप होने के शिकायतें आई थीं।

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    इस मामले के बाद रविवार को आयोग ने पहली परीक्षा कराई। सहकारिता विभाग के सहकारी निरीक्षक वर्ग तीन/ सहायक विकास अधिकारी सहकारिता के पदों के लिए परीक्षा कराई गई। जिसमें कई प्रकार की सख्ती कई गई थीं। उच्च क्षमता के जैमर लगाए गए थे, जिससे केंद्रों पर संचार सेवा पूरी तरह से ठप हो गई।

    इस सख्ती से इंटरनेट सिस्टम जाम रहा और एग्जाम के बाद आयोग को रिकार्ड भेजने में समस्या हुई। केंद्र देरी से सूचना भेज पाए। जिससे प्रशासन भी परेशान दिखा। वहीं कक्ष निरीक्षकों और कर्मचारियों को भी कमरों में मोबाइल फोन ले जाने की अनुमति नहीं दी गई। साथ ही बगैर संस्थान के परिचय पत्र किसी भी शिक्षक और कर्मियों को प्रवेश नहीं दिया गया।

    हल्द्वानी में संबंधित परीक्षा के लिए नौ केंद्र बनाए गए थे। इनमें से सरकारी संस्थानों में तीन केंद्र एमबीपीजी कालेज, जीजीआइसी हल्द्वानी, जीआइसी हल्दूचौड़ और महात्मा गांधी इंटर कालेज में एक-एक केंद्र था। हिमालय विद्या मंदिर, एवरग्रीन स्कूल और सेंट लारेंस प्राइवेट संस्थान केंद्र बनाए गए थे। केंद्रों पर सुबह 8:30 बजे से 11 बजे तक अभ्यर्थियों को प्रवेश दिया गया। 11 बजे से एक बजे तक परीक्षा हुई। एडीएम शैलेंद्र नेगी ने बताया कि 4320 अभ्यर्थी पंजीकृत थे। इसमें से 2088 उपस्थित रहे। प्रत्येक केंद्र में एक-एक सेक्टर मजिस्ट्रेट और तीन केंद्रों पर एक जोनल मजिस्ट्रेट नियुक्त थे।

    यह सख्ती भी रही सख्ती लागू

    • केंद्रों के भीतर शिक्षक और कर्मचारियों के वाहन प्रतिबंधित रहे
    • कक्ष निरीक्षकों को परीक्षा छूटने तक कमरों से बाहर जाने नहीं दिया
    • परिसर भी किसी भी अधिकारी, कर्मचारी और पुलिस कर्मियों को बाहर नहीं जाने दिया
    • प्रत्येक कक्ष में एक पुरुष और एक महिला कक्ष निरीक्षक की तैनाती
    • डाग स्क्वायड ने प्रत्येक परीक्षा केंद्र पर कमरों की जांच की