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    सक्षम को मां ने द‍िया मूलमंत्र, जिससे वह बने उत्‍तर भारत के एकमात्र इंटरनेशनल मास्‍टर और 2016 से बने हैं उत्‍तराखंड शतरंज के चैंप‍ियन

    By Prashant MishraEdited By:
    Updated: Sat, 03 Apr 2021 07:22 PM (IST)

    जीत का नशा सिर पर न चढ़े और हार से सबक मिले। उत्तराखंड शतरंज चैंपियन सक्षम रौतेला की मां किरन रौतेला का दिया यह मूलमंत्र काम कर गया। जि‍ससे सक्षम वह ह ...और पढ़ें

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    सक्षम के पास लगातार उत्तराखंड के चैंपियन और इंटरनेशनल मास्टर का भी खिताब हैै।

    रुद्रपुर से संदीप जुनेजा। First International Master of North India : जीत का नशा सिर पर न चढ़े और हार से सबक मिले। उत्तराखंड शतरंज चैंपियन सक्षम रौतेला की मां किरन रौतेला का दिया यह मूलमंत्र काम कर गया। सक्षम की जीत के लिए कारगर हथियार साबित हुआ। वर्ष 2016 से सक्षम के पास लगातार उत्तराखंड के चैंपियन और इंटरनेशनल मास्टर का भी खिताब हैै।

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    कुमाऊं के बागेश्वर निवासी सक्षम रौतेला ने वर्ष 2006 में मात्र आठ वर्ष की आयु में शतरंज खेलना शुरू किया तो पिता बालम सि‍ंह रौतेला को होनहार बेटे की प्रतिभा का भान हो गया।  सक्षम के छोटे भाई सछ्वव ने भी शतरंज की चालें सीखीं। बागेश्वर से किच्छा पहली बार सक्षम ने स्टेट चैंपियनशिप में प्रतिभाग कर अपना परचम लहरा दिया। मां किरन रौतेला ने पूरा साथ दिया। हर स्पर्धा में हौसला बढ़ाया। नतीजा, आठ वर्ष की कड़ी मेहनत के बाद सक्षम उत्तराखंड का चैंपियन बन गया। 2020 में उसने उत्तराखंड के पहले इंटरनेशनल मास्टर का खिताब हासिल करने का गौरव प्राप्त किया। सक्षम शतरंज के क्षेत्र में किसी पहचान का मोहताज नहीं। लगातार तीन बार सक्षम ने 2480  रेङ्क्षटग हासिल की है। 12वीं का यह छात्र इस समय यूएस यूनिवर्सिटी ऑफ टैक्सस में प्रवेश की तैयारी कर रहे है।

    ग्रैंड मास्टर व इंटरनेशनल मास्टर

    शतरंज की सर्वोच्च संस्था विश्व शतरंज महासंघ की ओर से ग्रैंड मास्टर व इंटरनेशनल का खिताब दिया जाता है। ग्रैंड मास्टर शतरंज की दुनिया का सबसे बड़ा खिताब है। दूसरे नंबर पर इंटरनेशनल मास्टर का खिताब है। यदि किसी खिलाड़ी पर धोखा या भ्रष्टाचार सिद्ध हो जाता है तो संस्था इस खिताब को वापस ले लेती है। एक बार ग्रैंड मास्टर का खिताब मिलने के बाद खिलाड़ी जिंदगी भर इसे अपने नाम के आगे लगा सकता है। किसी खिलाड़ी को इस खिताब को बरकरार रखने के लिए उसे कम से कम 2500 रेटिंग पानी होती है। विश्व में सर्वाधिक ग्रैंड मास्टर रूस से हैं। वहीं भारत से सबसे अधिक तमिलनाडु से आते हैं।

    सक्षम को 2020 में मिला था इंटरनेशनल मास्टर का खिताब

    बागेश्वर निवासी सक्षम रौतेला विश्व शतरंज संस्था फिडे ने 2480 रेटिंग लाने पर इंटरनेशनल मास्टर का खिताब दिया है। वह देश के सर्वोच्च 50 खिलाडिय़ों में शुमार हैं। इसके साथ ही वह न सिर्फ उत्तराखंड के बल्कि उत्तर भारत के एकमात्र इंटरनेशनल मास्टर हैं। उन्हें आठ अक्टूबर 2020 में आइएम ने नवाजा गया है। ऑल इंडिया चेस फेडरेशन के अनुसार वर्तमान में देश में 66 ग्रैंड मास्टर व 125 इंटरनेशनल मास्टर हैं। सक्षम के छोटे भाई भी उन्हीं के पदचिन्हों पर चलते हुए अंडर-9 में एशिया के नंबर वन खिलाड़ी का खिताब जीत चुके हैं।

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