जागरण संवाददाता, रामनगर। उत्तराखंड बोर्ड के हाईस्कूल व इंटरमीडिएट की परीक्षा के परंपरागत प्रश्नपत्रों में अब नया बदलाव देखने को मिलेगा। बोर्ड छात्र-छात्राओं की बौद्धिक एवं तार्किक क्षमता को विकसित करने के लिए उत्तराखंड बोर्ड में नई कवायद शुरू हो गई है।
अब अभ्यर्थी किसी पाठ्य सामग्री को रटने के बजाए उसे समझकर व विश्लेषण कर प्रश्नों को हल कर सकेंगे। इसके लिए प्रश्नपत्रों के डिजाइन व ब्लू प्रिंट निर्माण को राज्य के विभिन्न स्थानों से पहुंचे विषय विशेषज्ञों ने मंथन के बाद अंतिम रूप दिया।
देश के सभी बोर्ड्स में समानता लाने की कवायद
नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत देश के सभी बोर्ड्स में समानता लाने व प्रश्नपत्रों को भी एक समान करने की कवायद हो रही है। इसी के तहत बुधवार को बोर्ड सभागार में सचिव विनोद कुमार सिमल्टी ने नई शिक्षा नीति के तहत प्रश्नपत्रों के बदलाव को लेकर चर्चा की।
प्रश्नपत्रों में कथन कारण प्रकार के प्रश्नों, दक्षता आधारित प्रश्न, केस स्टडी प्रकार के प्रश्न तो बढ़ेंगे हीख् अब बहु विकल्पीय प्रश्नों की संख्या भी प्रश्नपत्र में बढ़ जाएगी। नये प्रश्नपत्र में छात्र प्रश्नों को सोचने व उसे समझने के लिए मजबूर होंगे। वे प्रश्नों का विश्लेषण कर उसका जवाब देंगे। कार्यशाला के बाद अभी माडल प्रश्नपत्र तैयार किए जाएंगे।
अपर सचिव बृजमोहन रावत ने कार्यशाला के विषय में जानकारी दी। शोध अधिकारी डा. नंदन सिंह बिष्ट के संचालन में हुई कार्यशाला को विषय विशेषज्ञ मनोज पाठक, कमल जोशी, सोनम शर्मा, मनीष सुयाल ने संबोधित किया।
दसवीं में सात व इंटरमीडिएट में 13 विषयों में होगा बदलाव
प्रश्नपत्रों में बदलाव पर मंथन के लिए हाईस्कूल में सात विषयों के 14 और इंटर में 13 विषयों के 26 विषय विशेषज्ञ शामिल रहे। हाईस्कूल में हिंदी, अंग्रेजी, संस्कृत, गणित, विज्ञान, सामान्य ज्ञान व गृह विज्ञान तथा इंटर में हिंदी, अंग्रेजी, संस्कृत, इतिहास, भूगोल, राजनीति विज्ञान, अर्थशास्त्र, समाज शास्त्र, गृह विज्ञान, भौतिक विज्ञान, रसायन विज्ञान, जीव विज्ञान, गणित विषय शामिल है।
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