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    उत्तराखंड बोर्ड में अधिकारियों की कमी, बढ़ रहा काम का अतिरिक्त बोझ

    Updated: Fri, 06 Jun 2025 02:34 PM (IST)

    उत्तराखंड बोर्ड अधिकारियों की कमी से जूझ रहा है जिससे काम का बोझ बढ़ गया है। अपर सचिव संयुक्त सचिव और वित्त अधिकारी जैसे महत्वपूर्ण पद खाली हैं और कुछ कार्यरत अधिकारी जल्द ही सेवानिवृत्त होने वाले हैं। बोर्ड कई परीक्षाएं आयोजित करता है और अधिकारियों की कमी से काम का दबाव बढ़ रहा है। नीचे विस्‍तार से पढ़ें खबर।

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    अपर सचिव, संयुक्त सचिव, वित्त अधिकारी समेत अनेक पद खाली। फाइल फोटो

    जासं, रामनगर। हाईस्कूल व इंटर की परीक्षा कराने वाले उत्तराखंड बोर्ड जैसे महत्वपूर्ण विभाग में अधिकारियों की कमी बनी हुई है। आलम यह है कि पहले से खाली पद भरे नहीं, और जो कार्यरत हैं, उसमें से भी कई अधिकारी जल्द सेवानिवृत्त होने के कगार पर है।

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    उत्तराखंड बोर्ड हाईस्कूल व इंटर की परीक्षा के अलावा विभागीय परीक्षा भी कराता है। जिसमें डीएलएड, एनएसएस बी व सी प्रमाण पत्र परीक्षा, यूटीईटी, आवासीय विद्यालय प्रवेश परीक्षा, राजीव गांधी नवोदय विद्यालय प्रवेश परीक्षा, बोर्ड की सुधार परीक्षा शामिल हैं।

    इन परीक्षाओं को कराने के लिए बोर्ड पर अधिकारी पूरे होने चाहिए थे। लेकिन वर्तमान में यहां अधिकारियों के पदों में कमी बनी हुई है। बोर्ड से मिली जानकारी के मुताबिक अपर सचिव के दो पद हैं। जिसमें एक पद पर बृजमोहन रावत कार्यरत हैं। जबकि दूसरा अपर सचिव का पद काफी समय से खाली है। कार्यरत बृजमोहन रावत भी फरवरी 2026 में सेवानिवृत्त हो रहे हैं।

    संयुक्त सचिव के दो पद में से एक पर श्याम सिंह बिष्ट कार्यरत हैं। जबकि दूसरा पद खाली है। 30 जून को श्याम सिंह भी सेवानिवृत्त हो रहे हैं। इसी तरह उप सचिव के एक पद पर सुषमा का अनिवार्य सूची में नाम आ गया है। ऐसे में इन पदों में तैनाती नहीं हुई तो यह तीनों ही पद शत प्रतिशत खाली होने वाले हैं।

    बोर्ड के वित्त अधिकारी भी एक जून को सेवानिवृत्त हो रहे हैं। सहायक निदेशक, प्रवक्त के 13 में पांच पद खाली है।प्रशासनिक अधिकारी के पद भी 14 में से छह तथा कनिष्ठ सहायक के 14 में से नौ पद खाली हैं।

    यह होता है काम

    बोर्ड में परीक्षा संबंधी, आहरण वितरण के अलावा विभागीय परीक्षा, नाम संशोधन केे कार्यों के अनुभाग हैं। ऐसे में पदों में कमी होने पर अधिकारियों पर अतिरिक्त अनुभागों का कार्य होता है। जिसमें अतिरिक्त काम का बोझ बढ़ जाता है।

    बोर्ड में खाली पड़े पदों के संबंध में प्रस्ताव भेजकर सभापति को अवगत करा दिया गया है। कुछ अधिकारी बाद में सेवानिवृत्त भी होंगे। ऐसे में अधिकारियों की कमी हो सकती है। उम्मीद है जल्द पद भरे जाएंगे। - विनोद कुमार सिमल्टी, सचिव उत्तराखंड बोर्ड, रामनगर