उत्तराखंड के 17,800 किसानों को झटका, पीएम सम्मान निधि पर लगी रोक
उत्तराखंड के लगभग 17,800 किसानों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि पर रोक लगने से निराशा हुई है। भूमि रिकॉर्ड में गड़बड़ी के चलते कृषि विभाग ने यह कदम उठाया है। किसानों को नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण मांगा गया है। सरकार ने निष्पक्ष जांच का आश्वासन दिया है ताकि पात्र किसानों को योजना का लाभ मिल सके और गलत जानकारी देने वालों पर कार्रवाई हो।

कुमाऊं में 17,800 किसानों की पीएम सम्मान निधि पर लगी रोक। प्रतीकात्मक तस्वीर
केवाईसी, आधार सीडिंग न होने से नहीं जारी होगी अगली किश्त
जागरण संवाददाता, हल्द्वानी । प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना में कृषि विभाग सख्ती नहीं दिखा रहा है। इसका नतीजा है कि कुमाऊं में 17,800 किसानों की अब तक आधार सीडिंग नहीं हुई है। इससे किसानों की पीएम सम्मान निधि की धनराशि पर रोक लगा दी है। जो उनके खाते में नहीं पहुंचेगी। यह धनराशि छोटे व सीमांत किसानों को कृषि कार्य में सहयोग देने के लिए दी जाती है।
राज्य में एक दिसंबर 2018 से प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना का शुभारंभ हुआ था। योजना के तहत पात्र किसान परिवार को हर वर्ष छह हजार रुपये पीएम किसान सम्मान निधि दी जाती है। जो दो हजार रुपये की तीन किस्तों में किसानों के खाते में पहुंचती है। इससे किसानों को बीज, खाद आदि आवश्यक चीजें खरीदने में मदद मिलती है। कुमाऊं में करीब 17,800 किसानों की प्रधानमंत्री सम्मान निधि संकट में है।
इन किसानों ने अभी तक अपना आधार सत्यापन, ई-केवाइसी नहीं करवाया है। कृषि विभाग की टीम किसानों को ढूंढ भी रही है, लेकिन किसान ई-केवाइसी के लिए नहीं मिल रहे हैं। अब नैनीताल में 1626, अल्मोड़ा में 4686, चंपावत में 1520, बागेश्वर में 1501, पिथौरागढ़ में 2639 और ऊधमसिंह नगर में 2864 किसान की सम्मान निधि पर रोक लगी है।
इन किसानों के खाते में अगली किश्त की धनराशि तब ही जाएगी, जब यह आधार सीडिंग की कार्रवाई पूरी करेंगे। कृषि विभाग के संयुक्त निदेशक पीके सिंह ने बताया कि योजना के तहत जो भी किसान चयनित है वह तुरंत अपना आधार सीडिंग, ई केवाइसी की कार्रवाई पूरी कर लें। ऐसा न होने पर उन्हें अगली किश्त का भुगतान नहीं होगा।
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