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    उत्‍तराखंड में संविदाकर्मियों के हाल, 20 साल से काम करने के बाद भी वेतन 20 हजार से कम

    Updated: Thu, 14 Aug 2025 06:00 AM (IST)

    हल्द्वानी के राजकीय मेडिकल कॉलेज और सुशीला तिवारी अस्पताल में कार्यरत लगभग 659 उपनल कर्मचारी वेतन संकट से जूझ रहे हैं। 20 वर्षों से अधिक सेवा के बावजूद कई कर्मचारियों का वेतन 20 हजार तक भी नहीं पहुंचा है। पांच महीने से वेतन न मिलने के कारण कर्मचारियों को आर्थिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है जिसके विरोध में वे प्रदर्शन कर रहे हैं।

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    20 साल से काम करने के बाद 20 हजार तक भी नहीं पहुंचा वेतन. Concept Photo

    जासं, हल्द्वानी । राजकीय मेडिकल कालेज हल्द्वानी और सुशीला तिवारी अस्पताल में करीब 659 उपनल कर्मचारी तैनात हैं। इसमें से अधिकतर कर्मचारी 20 वर्ष से अधिक समय से सेवाएं दे रहे है। इसके बावजूद इनका वेतन 20 हजार भी नहीं पहुंचा है। कई कर्मचारी बाहर से आकर यहां नौकरी कर रहे हैं। बढ़ती महंगाई में इतने वेतन में काम चला पाना मुश्किल है।

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    वहीं, पांच माह से कर्मचारियों को वेतन भी नहीं मिला है। एसटीएच और मेडिकल में कार्यरत उपनल कर्मियों को पांच माह से वेतन नहीं मिला है। इतने लंबे समय से वेतन न मिलने से कर्मचारियों के सामने बड़ा आर्थिक संकट पैदा हो गया है। कई कर्मचारी ऐसे हैं जो किराये के घर में रहते हैं। पैसे न होने से यह लोग किराया तक नहीं दे पा रहे हैं।

    इसको लेकर उपनल कर्मचारी रोजाना धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। वहीं अस्पताल में रोज तीन घंटे का कार्य बहिष्कार भी जारी है। सभी कर्मचारियों ने कुमाऊं आयुक्त से लेकर सीएम तक से गुहार लगाई है। इन सबके बावजूद उपनल कर्मियों के वेतन का भुगतान नहीं हो पाया है।

    इस दौरान उपनल कर्मी शंभू दत्त बुधानी, विनोद मौर्या, नीलम बिष्ट ने बताया कि उन्होंने 20 वर्ष से अधिक सेवाएं दी हैं, लेकिन उनका वेतन 20 हजार भी नहीं हो पाया है। ऐसे में इतनी मंहगाई में इतने कम वेतन में गुजारा करना काफी मुश्किल हो रहा है। ऐसी ही सैकड़ो कर्मचारी है जिनका वेतन आज तक नहीं बढ़ पाया है।

    हमारी पहली प्राथमिकता है कि सभी को वेतन मिल जाए। इसके लिए शासन, वित्त विभाग से लगातार बात-चीत हो रही है। बाकी उपनल कर्मियों का वेतन बढ़ाना हमारे स्तर से नहीं होता है। - डा. अरूण जोशी, प्राचार्य, राजकीय मेडिकल कालेज