Updated: Fri, 03 Oct 2025 08:52 PM (IST)
नैनीताल में पेपर लीक मामले की जांच के लिए गठित आयोग के सामने जैमर की खराबी का मामला सामने आया। युवाओं ने परीक्षा रद्द करने और नकल विरोधी कानून का हवाला दिया। प्रधानाचार्यों ने तकनीकी सहायता और सख्त ड्रेस कोड का सुझाव दिया। न्यायमूर्ति ध्यानी ने निष्पक्ष जांच का आश्वासन दिया जबकि अभ्यर्थियों ने डिजिटल सत्यापन और बार-बार पेपर लीक होने पर सवाल उठाए।
जागरण संवाददाता, हल्द्वानी । हरिद्वार के बहादुरपुर जट स्थित जिस स्कूल में पेपर लीक प्रकरण का मुख्य आरोपित खालिद मलिक परीक्षा दे रहा था, वहां जैमर से जुड़ी लापरवाही सामने आई थी। हल्द्वानी के कुछ केंद्रों पर भी जैमर से जुड़ी समस्या रही थी। जिसकी पोल शुक्रवार से शुरू हुए एकल सदस्यीय जांच आयोग के दो दिवसीय जन संवाद कार्यक्रम के दौरान खुली।
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सर्किट हाउस में आयोग के अध्यक्ष सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति यूसी ध्यानी की अध्यक्षता में बैठक हुई। इसमें दो केंद्रों के व्यवस्थापक व पर्यवेक्षक ने उपकरण सही से काम नहीं करने बात बताई। परीक्षा के बाद संबंधित प्रपत्रों में भी इसका उल्लेख करने की जानकारी दी।
परीक्षा केंद्रों के प्रधानाचार्यों ने भर्ती परीक्षाओं में जैमर के संचालन के लिए आयोग स्तर से तकनीकी कर्मी भी नियुक्त करने का विषय रखा। जिससे किसी भी प्रकार की समस्या होने पर तत्काल समाधान हो जाए।
साथ ही केंद्रों पर जैमर या अन्य उपकरण भेजे जाने से पहले उनकी सही से जांच भी करने की मांग की है। कुछ शिक्षकों ने कई जेब वाली कार्गो पैंट पहन कर आने वाले अभ्यर्थियों की चेकिंग में दिक्कत होने की बात भी रखी। ऐसे में मेडिकल की राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (नीट) की तरह सख्त ड्रेस कोड निर्धारित करने का सुझाव दिया गया। जांच आयोग के जन संवाद में युवाओं ने भी प्रतिभाग किया।
उत्तराखंड स्वाभिमान मोर्चा के प्रदेश उपाध्यक्ष भूपेंद्र कोरंगा और उत्तराखंड युवा एकता मंच के संयोजक पीयूष जोशी बैठक में शामिल युवाओं ने परीक्षा रद करने की मांग की है। इसके लिए नकल विरोधी कानून के प्रविधान का भी हवाला दिया है।
छात्र राहुल दानू ने यूकेएसएसएससी की संपूर्ण जांच करने के साथ ही मौजूदा आयोग को भंग कर पुनर्गठन करने का निवेदन किया। परीक्षा को रद कर यूपीएससी से कराने की बात रखी है। इस मौके पर एडीएम शैलेंद्र नेगी, सिटी मजिस्ट्रेट गोपाल सिंह चौहान, एसडीएम राहुल शाह आदि रहे।
निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से होगी जांच
न्यायमूर्ति ध्यानी एकल सदस्यीय जांच आयोग के अध्यक्ष सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति यूसी ध्यानी ने कहा कि जांच कार्य पूरी तरह निष्पक्ष, पारदर्शी और तथ्यों पर आधारित होगी। नैनीताल जिले से शुरुआत की गई है और सभी जिलों में होगी। शनिवार सुबह 10 से 11 बजे से तक कार्यक्रम होगा। इसके बाद रुद्रपुर में जन संवाद किया जाएगा। बताया आयोग संबंधित परीक्षा के मामले में सभी की बातों, पक्षों को सुनने के साथ ही सुझाव ले रहा है, ताकि अंतिम रिपोर्ट निष्पक्ष एवं संतुलित रूप से तैयार की जा सके।
केंद्र पर जैमर तो सत्यापन के दौरान कैसे चलते हैं डिवाइस ?
परीक्षा में शामिल अभ्यर्थी रजत बिष्ट ने आयोग के सामने जैमर को लेकर प्रश्न उठाया। कहा कि केंद्रों पर जैमर लगाए जाते हैं ताकि इंटरनेट और मोबाइल न संचालित हो पाएं। लेकिन केंद्र पर अभ्यर्थियों का डिजिटल सत्यापन करने टीम आती है तो उसके उपकरण कैसे काम करते हैं और उसी परिसर में वह इंटरनेट उपयोग कैसे कर पाते हैं। रजत ने इसे गंभीर मामला बताया। हालांकि, मौजूदा अधिकारियों ने इसे भर्ती आयोग के स्तर का विषय बताकर अपना पल्ला झाड़ लिया। लेकिन जांच आयोग ने इसे बड़ा विषय बताया।
पटवारी और बीडीओ भर्ती परीक्षा का ही पेपर क्यों लीक होता है?
ओखलकांडा निवासी अभ्यर्थी भूपेंद्र बिष्ट ने आयोग के जन संवाद के दौरान आयोग को बताया कि पिछले तीन बार हुई स्नातक स्तरीय भर्ती परीक्षाओं के पेपर लीक हुए हैं। उन्होंने कहा पटवारी और बीडीओ संबंधित पदों के लिए होने वाली परीक्षाओं के ही प्रश्न पत्र क्यों लीक होते हैं, यह बड़ा सवाल है। कहा इसकी जांच होनी चाहिए कि भर्ती आयोग में किस स्तर पर खेल हो रहा है।
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