दिव्यांगों के लिए काम की चीज है यूडीआइडी कार्ड, यहांं जानें कैसे कर सकते हैं इसके लिए आवेदन
यदि आप दिव्यांग हैं और सरकार द्वारा दिव्यांगों के लिए चलाई जा रही विभिन्न सरकारी योजनाओं का लाभ उठाना चाहते हैं तो जल्द अपना यूडीआडी (विशिष्ट दिव्यांगजन प्रमाण पत्र) कार्ड बना लें। इसके लिए आपको अपने सीएससी या समाज कल्याण विभाग के जिला दिव्यांग पुनर्वास केंद्र जाना होगा।

जारण संवाददाता, हल्द्वानी : यदि आप दिव्यांग हैं और सरकार द्वारा दिव्यांगों के लिए चलाई जा रही विभिन्न सरकारी योजनाओं का लाभ उठाना चाहते हैं तो जल्द अपना यूडीआडी (विशिष्ट दिव्यांगजन प्रमाण पत्र) कार्ड बना लें। इसके लिए आपको अपने नजदीकी जन सुविधा केंद्र (सीएससी) या समाज कल्याण विभाग के जिला दिव्यांग पुनर्वास केंद्र जाना होगा। दिव्यांगों को विशिष्ट पहचान पत्र के रूप में स्मार्ट यूडीआईडी कार्ड दिया जा रहा है। इस कार्ड के जरिए दिव्यांग देशभर में कहीं भी इलाज करा सकते हैं। इसके अलावा दिव्यांगजनों के लिए राज्य ओर केंद्र स्तर पर चलाई जाने वाली योजनाओं का लाभ भी इस कार्ड से उठाया जा सकता है।
ऐसे करें अप्लाई
यूडीआइडी कार्ड बनाने के लिए सबसे पहले आपको सीएससी या जिला दिव्यांग पुनर्वास केंद्र जाना होगा। यदि घर पर इंटरनेट की व्यवस्था है तो http://www.swavlambancard.gov.in वेबसाइट पर जाना होगा। वेबसाइट यूनिक डिसैबिलिटी आईडी की वेबसाइट खुलते ही इसके दाईं तरफ 'अप्लाई फार डिसैबिलिटी सर्टिफिकेट एंड यूडीआइडी कार्ड' आप्शन पर क्लिक करना होगा। इसी आप्शन के नीचे यूडीआइडी कार्ड नवीनीकरण का भी आप्शन मौजूद है। ध्यान रखने वाली बात ये है कि कार्ड बनाने के लिए आपका समाज कल्याण विभाग में पंजीयन होना व विकलांगता प्रमाण पत्र, आधार कार्ड होना जरूरी है।
ये होंगे लाभ
यूडीआइडी कार्ड बनने के बाद दिव्यांगों को दस्तावेजों की कई प्रतियां बनाकर हर समय अपने पास रखने जरूरत नहीं होगी। यह कार्ड सभी आवश्यक विवरणों को कैप्चर करेगा जो कि एक रीडर की मदद से डीकोड किया जा सकता है। इसके अलावा भविष्य में किसी योजना का लाभ उठाने के लिए इस कार्ड को सत्यापन के एकल दस्तावेज के तौर पर भी इस्तेमाल किया जा सकेगा।
योजनाओं का लाभ उठाने के लिए कार्ड जरूरीह
सहायक निदेशक समाज कल्याण विभाग उत्तराखंड कांतिराम जोशी ने बताया कि दिव्यांगजों को विभिन्न योजनाओं का लाभ उठाने के लिए यूडीआइडी कार्ड अवश्य बना लेना चाहिए। इसके लिए उन्हें अपने नजदीकी सीएससी या जिला दिव्यांग पुनर्वास केंद्र जाना होगा।
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