Uttarakhand : तीन महीने में छह लोगों का हो चुका शिकार, यहां घूम रहा है आदमखोर बाघ
tiger terror in Fatehpur range नैैनीताल जिले के फतेहपुर रेंज के जंगल में तीन माह के भीतर छह लोगों की मौत हो चुकी है। पहली घटना को छोड़ बाकियों में अ ...और पढ़ें

गोविंद बिष्ट, हल्द्वानी: रामनगर डिवीजन की फतेहपुर रेंज (Fatehpur Range) इस समय पूरे प्रदेश मेें सुर्खियों में है। मैदानी इलाके से सटे रेंज के जंगल में तीन माह के भीतर छह लोगों की मौत हो चुकी है। पहली घटना को छोड़ बाकियों में अब स्पष्ट हो चुका है कि लोगों की जान लेने वाला तेंदुआ नहीं बल्कि बाघ है। चिंता करने वाली बात यह है कि पनियाली से लेकर भद्यूनी गांव से सटे जंगल में एक बाघ का मूवमेंट लगातार नजर आ रहा है।
बाघ-बाघिन दोनों की मौजूदगी
पनियाली से लेकर भद्यूनी के बीच में ही लोगों पर हमले हो रहे हैं। जंगल में एक बाघिन भी ट्रेस हो चुकी है। महकमे के अफसरों का कहना है कि बाघ का जंगल में अपना एक दायरा होता है। उस परिधि में दूसरा टाइगर नहीं आ सकता। मगर बाघिन के मामले में इस तथ्य को पूरी तरह नहीं माना जा सकता। क्योंकि, वह पार्टनर के तौर पर भी बाघ से मिलने उसके क्षेत्र में आ सकती है। हमलावर बाघ को उसकी मौजूदगी से कोई परहेज भी नहीं होगा।
दो पुरुषों और चार महिलाओं की मौत
फतेहपुर रेंज में अभी तक दो पुरुषों और चार महिलाओं की मौत हो चुकी है। सिलसिला दमुवाढूंगा निवासी मुकेश की मौत से शुरू हुआ था। इस घटना के पीछे गुलदार को वजह माना गया था। इसके बाद टंगर निवासी नंदी सनवाल, बजूनिया हल्दू निवासी नत्थूलाल, पनियाली निवासी जानकी देवी, भद्यूनी निवासी धनुलि देवी और कुमाऊं कालोनी दमुवाढूंगा निवासी इंद्रा देवी की जान गई। यह सभी घटनाएं 12-15 किमी के दायरे में हुई है। जिससे आबादी क्षेत्र में डर और बढ़ रहा है।
कैमरों में कैद हुआ आदमखोर
हर घटना के बाद वन विभाग ने हमलावर को चिन्हित करने के लिए जंगल में कैमरे फिट किए। इसके अलावा पिंजरों का जाल भी बिछाया। आदमखोर ने पिंजरों से तो दूरी बनाई। लेकिन कैमरों में कई बार संदिग्ध फोटो आ चुकी है। इसके बाद पगमार्ग भी चेक हुए। छठी मौत कुमाऊं कालोनी निवासी इंद्रा देवी की हुई थी। इसके बाद भारतीय वन्यजीव संस्थान के विशेषज्ञों को बुलाने के साथ बाघ को आदमखोर भी घोषित कर दिया गया।
विशेषज्ञ टीम कर रही बाघ के चित्रों का मिलान
विशेषज्ञ टीम को अब तक कैमरे में कैद फोटो, पगमार्ग की फोटो समेत जंगल से मिले अन्य सुरागों के बारे में बताया गया। ताकि इन सभी तथ्यों का मिलान कर स्पष्ट किया जा सके कि जंगल घूम रहा आदमखोर बाघ कौनसा है। वहीं, विभागीय सूत्रों की माने तो एक बाघ कई बार पनियाली से लेकर भद्यूनी के बीच ट्रेस हो चुका है। यह फतेहपुर रेंज का वह जंगल है, जिसके आसपास लोगों की जान गई है।
मचान पर आज रात से बैठेंगे डाक्टर व एक्सपर्ट
बजूनिया हल्दू के नत्थूलाल और पनियाली की जानकी देवी को जंगल में जिस जगह पर बाघ ने मौत के घाट उतारा था। उसके मिलान क्षेत्र में मचान बनाया जाएगा। 25 फीट ऊंचे मचान को बनाने के लिए सामग्री मंगा ली गई है। जिसका ढुलान किया रहा है। डीएफओ रामनगर सीएस जोशी ने बताया कि रविवार रात से मचान में बैठकर निगरानी शुरू कर दी जाएगी। मचान में वन्यजीव चिकित्सक और विशेषज्ञ मौजूद होंगे। इनके पास टैंकुलाइज गन भी होगी।
जागरण हर घटना में बाघ को जिम्मेदार बता चुका
एक के बाद एक छह लोगों की जान फतेहपुर के जंगल में जान जा चुकी है। पहले हमले को छोड़ अन्य पांच में बाघ का हाथ था। मगर कई बार वन विभाग ने गुलदार के हमले की आशंका भी जताई। या फिर जांच रिपोर्ट मिलने पर स्थिति स्पष्ट होने की बात कही। लेकिन मृतकों के शरीर पर मिले जख्मों के आधार पर दैनिक जागरण ने इन घटनाओं के पीछे बाघ के हमलावर होने का तथ्य प्रमुखता से प्रकाशित किया। अब महकमा भी बाघ को आदमखोर मान रहा है।

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