Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    दो गायों को अपना निवाला बनाने वाला बाघ वन विभाग के पिंजरे में कैद

    By Skand ShuklaEdited By:
    Updated: Fri, 01 Feb 2019 08:11 PM (IST)

    दो गायों को अपना निवाला बनाने वाला बाघ वन विभाग के पिंजरे में कैद हो गया। क्षेत्र बाघ के आतंक से ग्रामीण दहशत में थे, जिसे देखते हुए वन विभाग ने पिंजरा लगाया था।

    दो गायों को अपना निवाला बनाने वाला बाघ वन विभाग के पिंजरे में कैद

    रामनगर, जेएनएन : ग्राम ढेला में गौशाला में घुसकर दो गाय को निवाला बनाने वाली बाघिन २४ घंटे के भीतर पकड़ी गई। रात में वह मृत कटरे को खाने के लालच में आकर लगाए गए पिंजरे में बंद हो गई। सुबह होने से पहले ही उसे कालागढ़ के जंगल में ले जाकर छोड़ दिया गया।
    कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के अंतर्गत ढेला गांव में बाघिन ने बुधवार रात में दो गाय मार डाली थी। सुबह वन कर्मियों ने मौके पर पहुंचकर बाघिन की तलाश की। मौके पर बाघिन के पदचिन्ह भी पाए गए। इसके बाद वन कर्मियों ने उसे भी देख लिया। उसकी मौजूदगी गौशाला के आसपास जंगल में देखी गई। इसके बाद ग्रामीणों ने मौके पर पहुंचे वनाधिकारियों से हमलावर बाघिन को पकडऩे की मांग की। ग्रामीण अपनी सुरक्षा को लेकर बेहद आक्रोशित थे। इसके बाद कर्मचारियों ने मौके पर पिंजरा लगाकर उसमें बाघिन द्वारा मारा गया कटरा रख दिया था। गुरुवार को रात करीब 11 बजे बाघिन पिंजरे में कैद हो गई। पिंजरे का गेट गिरने की आवाज सुनकर वनकर्मी पुष्टिï के लिए मौके पर पहुंच गए। सूचना मिलने पर कॉर्बेट के अधिकारी व  ग्रामीण भी मौके पर पहुंच गए। सुबह ग्रामीणों की अधिक भीड़ जुटने की आशंका के चलते उसे रात में ही पिंजरा समेत टैक्टर में ले जाकर

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    दूसरे जंगल में छोड़ दिया गया
    पिंजरे में कैद बाघिन पहले महज एक साल की बताई जा रही थी। इसके बाद अधिकारियों ने उसकी उम्र 11 साल बताई। पार्क के निदेशक राहुल ने बताया कि बाघिन पूरी तरह स्वस्थ है। ग्रामीणों की सुरक्षा को देखते हुए उसे हटाना जरूरी हो गया था।

    आनन फानन में विभाग ने ली अनुमति
    यह रामनगर क्षेत्र का दूसरा मामला है। जहां बाघिन हमलावर होने के 24 घंटे बाद ही पकड़ी गई। इतनी जल्दी बाघिन को हटाने को लेकर ग्रामीण चर्चा भी कर रहे हैं। ग्रामीणों ने कहा इंसानों को मारने के बाद विभाग कई बार बहुत देर में पिंजरा लगाता है। अधिकारियों से पिंजरा लगाने के लिए अनुमति नहीं मिलने की बात कही जाती है। लेकिन ढेला में आनन फानन में पिंजरा लगाने के साथ ही उसमें बाघिन भी पकड़ ली गई। उपनिदेशक चंद्रशेखर ने बताया कि अधिकारियों ने बताया कि बाघिन गांव के आसपास ही मंडरा रही थी। वह गांव में आने का बार-बार प्रयास कर रही थी। इसलिए आनन फानन में मुख्य वन्य जीव प्रतिपालक की अनुमति ली गई। अनुमति मिलने के बाद मौके पर उसे पकडऩे के लिए पिंजरा लगाया गया। यदि उसे नहीं पकड़ा जाता तो वह दोबारा हमला कर सकती  थी।

    यह भी पढ़ें : कॉर्बेट में बढ़ेगा बाघों का कुनबा, वाइल्‍ड लाइफ इन्‍स्‍टीट्यूट ऑफ इंडिया को भेजी गई रिपोर्ट