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    lockdown in uttarakhand : 110 किमी पैदल चलकर घस पहुंचे दिल्‍ली में रहकर नौकरी करने वाले तीन नौजवान

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    Updated: Wed, 25 Mar 2020 02:45 PM (IST)

    रातीघाट गरमपानी के तीन युवाओं को कोरोना संक्रमण के चलते प्रदेश में लागू लॉकडाउन ताउम्र याद रहेगा। वाहन न मिलने से वह रामपुर से भीमताल तक 110 किमी की दूरी पैदल नापकर मंगलवार को यहां पहुंचे।

    lockdown in uttarakhand : 110 किमी पैदल चलकर घस पहुंचे दिल्‍ली में रहकर नौकरी करने वाले तीन नौजवान

    भीमताल, जेएनएन : रातीघाट, गरमपानी के तीन युवाओं को कोरोना संक्रमण के चलते प्रदेश में लागू लॉकडाउन ताउम्र याद रहेगा। दिल्ली से घर लौट रहे इन युवाओं को रामपुर से जब कोई वाहन नहीं मिला तो वह पैदल सफर पर मंजिल की ओर चल निकले। भूखे-प्यासे इन युवाओं ने करीब 110 किमी की दूरी पैदल नापी।

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    रातीघाट, गरमपानी निवासी, सुरेंद्र, उमेश और भूपेंद्र सिंह दिल्ली में एक निजी संस्थान में नौकरी करते हैं। कोरोना के खौफ के चलते अपने अन्य साथियों की भांति इन लोगों ने भी घर लौटने का फैसला किया। दिल्ली से कोई वाहन न मिलने पर यह तीनों युवक बीते रविवार को गाजियाबाद तक पैदल पहुंचे। रात में उन्हें वहां एक ट्रक मिल गया। ट्रक चालक से मदद की गुहार की तो वह रामपुर तक इन तीनों लोगों को ले आया। रामपुर से जब उन्हें हल्द्वानी के लिए कोई वाहन नहीं मिला तो तीनों पैदल सफर पर निकल पड़े। रामपुर से करीब 110 किमी की दूरी पैदल नापते हुए यह तीनों युवक हल्द्वानी होते हुए मंगलवार दोपहर भीमताल पहुंचे। भीमताल में सड़क किनारे अल्पविश्राम करने के बाद थके-हारे तीनों युवा यहां से रातीघाट की ओर बढ़ गए।

    इधर नगर में अचानक बाहरी लोगों की तादात बढ़ने से क्षेत्र में दहशत बढ़ने लगी है। स्थानीय लोगों ने पुलिस महकमे के आला अधिकारियों से नगर में बाहरी प्रदेशों से पहुंच रहे लोगों व वाहनों पर सख्ती से रोक लगाने की माग की है। स्थानीय निवासी भूपेंद्र कनौजिया ने पुलिस महकमे के अधिकारियों को बताया कि उनका घर हल्द्वानी-भीमताल मोटर मार्ग पर स्थित है। मध्यरात्रि में 12 बजे के बाद दर्जनों वाहन जिन पर दूसरे प्रदेशों के रजिस्ट्रेशननंबर अंकित है, यहां से गुजर रहे हैं। उनका कहना है कि यदि बाहर से यहां पहुंच रहे लोगों में कोई संक्रमित व्यक्ति पहुंच जाता है तो इससे विकट स्थिति पैदा हो सकती है। उन्होंने इस पर सख्त कदम उठाते हुए बाहरी लोगों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है।

    इधर जंगलियागाव निवासी दीपक कुलियाल ने बताया कि आसपास के जंगलों में बने कई कॉटेज और कोठिया बाहरी लोगों से भरी हुई हैं। इन लोगों ने अभी तक अपने स्वास्थ की कहीं कोई जाच नहीं कराई है। ऐसे में संक्रमण के खतरे से इन्कार नहीं किया जा सकता है। वहीं ओखलकाडा के सामाजिक कार्यकर्ता प्रकाश नैनवाल के मुताबिक ओखलकाडा में भी यही स्थिति है। यहां जिन बाहरी लोगों ने अपने आवास बनाए हैं वह इन दिनों लोगों से भरे हुए हैं। उन्होंने रात्रि में पुलिस गश्त की व्यवस्था की माग की है। इधर निकटवर्ती चाफी में भी पर्यटकों के रुकने की सूचना और अलचौना में दो विदेशी पर्यटकों को गेस्ट हाउस में रुकवाने की सूचना स्थानीय लोगों ने पुलिस और राजस्व विभाग को दी है।

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