Move to Jagran APP

पूनम पांडे हत्‍याकांड : दो युवतियों समेत तीन लोगों का होगा पॉलीग्राफ टेस्ट

शहर के चर्चित पूनम पांडे हत्याकांड का सुराग तलाशने के लिए पुलिस अब पॉलीग्राफ तकनीक की मदद लेगी। तीन लोगों को कोर्ट में पेश कर अनुमति को लेकर बयान दर्ज करवाए गए।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Tue, 25 Dec 2018 09:48 AM (IST)Updated: Tue, 25 Dec 2018 07:13 PM (IST)
पूनम पांडे हत्‍याकांड : दो युवतियों समेत तीन लोगों का होगा पॉलीग्राफ टेस्ट
पूनम पांडे हत्‍याकांड : दो युवतियों समेत तीन लोगों का होगा पॉलीग्राफ टेस्ट

हल्द्वानी, जेएनएन : शहर के चर्चित पूनम पांडे हत्याकांड का सुराग तलाशने के लिए पुलिस अब पॉलीग्राफ तकनीक की मदद लेगी। सोमवार को दो युवतियों समेत तीन लोगों को कोर्ट में पेश कर अनुमति को लेकर बयान दर्ज करवाए गए। तीनों की रजामंदी मिलने पर कोर्ट ने टेस्ट कराने को लेकर पुलिस को अनुमति दे दी। वहीं संभावना है कि जरूरत पडऩे पर कुछ ओर संदिग्धों का पॉलीग्राफ टेस्ट कराने को पुलिस आवेदन कर सकती है।

loksabha election banner

26 अगस्त को बरेली रोड गोरापड़ाव निवासी ट्रांसपोर्टर लक्ष्मीदत्त पांडे के घर में घुसकर बदमाशों ने निर्मम तरीके से पत्नी पूनम पांडे की हत्या कर दी थी। साथ ही बेटी को गंभीर रूप से घायल कर गए। जिसके बाद पुलिस के अलावा एसटीएफ भी मामले की जांच में जुटी। दून मुख्यालय से बड़े अधिकारी तक हल्द्वानी पहुंचे। वहीं मामले का खुलासा नहीं होने पर हाई कोर्ट के आदेश पर सितंबर में एसआइटी का गठन कर उसे जिम्मेदारी सौंपी गई। अब तक पुलिस इस मामले में पीडि़त परिवार से जुड़े सैकड़ों लोगों से पूछताछ करने के साथ कई राज्यों में दबिश देकर पेशेवर गिरोह के बदमाशों से पूछताछ भी कर चुकी है। जेल में बंद सक्रिय बदमाशों तक की कुंडली खंगाली गई। उसके बावजूद कोई अहम सुराग हाथ नहीं लगा। सर्विलांस-सीसीटीवी को ख्ंागालने के बाद भी पुलिस मायूस दिखी।

वहीं शुरू से इस मर्डर में पुलिस को परिवार से जुड़े करीबी लोगों का सहयोग नहीं मिला। बकायदा उनके बयानों ने जांच को बार-बार उलझाया। जिससे पुलिस की उलझने बढ़ती गई। जिसके बाद मुख्यालय ने पॉलीग्राफ टेस्ट का सहारा लेने का मन बनाया। सोमवार को दो युवतियों व एक युवक को पुलिस ने सीजेएम कोर्ट नैनीताल में पेश कर टेस्ट की रजामंदी को लेकर बयान दर्ज करवाएं। जहां उनकी सहमति मिलने पर कोर्ट ने पॉलीग्राफ टेस्ट करने की परमिशन दे दी।

क्या है पॉलीग्राफ टेस्ट

इस तकनीक का सहारा झूठ पकडऩे के लिए लिया जाता है। टेस्ट का मकसद ये जानना होता है कि व्यक्ति सच बोल रहा है या झूठ। जिस व्यक्ति की पॉलीग्राफ की जाती है। उसके साथ सेंसर अटैच किए जाते हैं। मशीन मुख्यत: व्यक्ति के सांस लेने की गति, पल्स रेट, ब्लड प्रेशर, हाथ-पांव की मूवमेंट व शरीर से निकल रहे पसीने को रिकॉर्ड करती है।

कोर्ट से मिली मंजूरी

एसएसपी जन्मेजय खंडूरी ने बताया कि कोर्ट ने तीन लोगों का टेस्ट कराने की अनुमति दी है। पुलिस अब आगे की प्रक्रिया शुरू करेगी। जरूरत के मुताबिक कुछ अन्य का भविष्य मे पॉलीग्राफ टेस्ट करवाया जा सकता है।

तीनों के बयान हर बार बदले

पुलिस ने जिन तीन लोगों का पॉलीग्राफ टेस्ट करवाने जा रही है। उनसे पूर्व में कई बार मर्डर से जुड़ी जानकारी जुटाने का प्रयास किया गया। लगातार उन्हें पूछताछ का सामना भी करना पड़ा। हालांकि उनके बयानों में विरोधाभास मिलना टेस्ट कराने की मुख्य वजह है।

यह भी पढ़ें : बीमारी से तंग आकर फंदे पर लटका युवक, फतेहपुर के जंगल में मिली लाश


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.