Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    अक्टूबर की इस तारीख को 3 धूमकेतु आ रहे हैं धरती के करीब, सौर मंडल में दिखेगा अद्भुत नजारा

    Updated: Mon, 06 Oct 2025 01:27 PM (IST)

    आर्यभट्ट प्रेक्षण विज्ञान शोध संस्थान (एरीज) के वरिष्ठ खगोल विज्ञानी डा. शशिभूषण पांडेय ने बताया कि हमारे सौर मंडल में धूमकेतुओं का संसार आकर्षक व रोमांच से भरा हुआ है। धरती के करीब से गुजरने के दौरान इनकी आसमानी आतिशबाजी दर्शनीय रहती है। इधर खगोलीय दृष्टि से महत्वपूर्ण अक्टूबर में तीन धूमकेतुओं की दुर्लभ यात्रा होगी।

    Hero Image
    इस माह अंतरिक्ष में आकर्षण का केंद्र रहेंगे तीन धूमकेतु।

    रमेश चंद्रा, नैनीताल। सौर मंडल की सर्वाधिक आकर्षक खगोलीय घटनाओं में इस माह तीन धूमकेतु विभिन्न रंगों की लंबी पूछ के साथ धरती के करीब से गुजरने वाले हैं। इनमें दो को नग्न आंखों से देखे जाने की आस है। वहीं हमारे सौर मंडल के बाहर से पहुंचा धूमकेतु 3-आइ/एटलस नासा समेत दुनिया की कई स्पेस एजेंसियों की निगरानी में रहेगा।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    आर्यभट्ट प्रेक्षण विज्ञान शोध संस्थान (एरीज) के वरिष्ठ खगोल विज्ञानी डा. शशिभूषण पांडेय ने बताया कि हमारे सौर मंडल में धूमकेतुओं का संसार आकर्षक व रोमांच से भरा हुआ है। धरती के करीब से गुजरने के दौरान इनकी आसमानी आतिशबाजी दर्शनीय रहती है। इधर खगोलीय दृष्टि से महत्वपूर्ण अक्टूबर में तीन धूमकेतुओं की दुर्लभ यात्रा होगी।

    इन धूमकेतुओं के नाम 3-आइ/एटलस, सी/2025 आर-2 स्वान व सी/2025 ए-6 लेमन हैं। जिनमें सी/2025 ए-6 लेमन 20 अक्टूबर के आसपास नग्न आंखों से देखे जाने की संभावना विज्ञानियों ने जताई है। इसके अलावा सी/2025 आर-2 स्वान के भी नग्न आंखों से देखे जाने की आस है। छोटी दूरबीन से इन्हें अधिक स्पष्टता के साथ देखा जा सकेगा।

    तीसरा धूमकेतु 3-आइ/एटलस वैज्ञानिक अध्ययन के लिए महत्वपूर्ण होगा। दरअसल, यह धूमकेतु हमारे सौर मंडल का न होकर किसी दूसरे स्थान से आया है। इस धूमकेतु से पृथ्वी से टकराने की संभावना नहीं है लेकिन दूसरी दुनिया के धूमकेतुओं के बारे में जानकारी जुटाने में मदद कर सकता है। जिस कारण इसे दुर्लभ माना जा रहा है।

    इस धूमकेतु को दूरबीन की मदद से ही देखा जा सकेगा। अमेरिका की स्पेस एजेंसी नासा की इस पर विशेष नजर है। उल्का पिंडों की वर्षा का कारण बन जाते हैं धूमकेतु डा. शशिभूषण पांडेय ने बताया कि धूमकेतु पृथ्वी के आर्बिट से गुजरने के बाद ढेर सारा मलबा छोड़ जाते हैं, जिन्हें उल्का पिंड कहते है। जब पृथ्वी इस मलबे से होकर गुजरती है तो जलते हुए उल्का पिंडों की वर्षा के समान आतिशबाजी का नजारा देखने को मिलता है।