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    हजारों किसानों को मिला फसल बीमे का सुरक्षा कवच, वरदान साबित हुई बीमा योजना

    By Skand ShuklaEdited By:
    Updated: Thu, 28 Mar 2019 12:21 PM (IST)

    किसानों के लिए फसल बीमा योजना जैसे स्कीम वरदान साबित हुई है। जिससे किसी भी तरह की नुकसान की स्थिति में किसानों को तत्काल फसल का मुआवजा मिल रहा है।

    हजारों किसानों को मिला फसल बीमे का सुरक्षा कवच, वरदान साबित हुई बीमा योजना

    हल्द्वानी, जेएनएन : खेत-खलिहान में पसीना बहाने के बाद किसानों की सबसे ज्यादा चिंता अपनी फसल की सुरक्षा को लेकर होती है। मौसम के मिजाज में अचानक होने वाले बदलाव के चलते कभी अतिवृष्टि तो कभी ओलावृष्टि से किसानों को नुकसान झेलना पड़ता है। बरसात के मौसम खेतों में पानी भरने से तैयार फसल के डूबने का डर रहता है तो अप्रैल-मई की गर्मी में खेतों में आग लगने की घटनाएं किसानों को बेचैन कर देती है। यही वजह है कि किसानों के लिए फसल बीमा योजना जैसे स्कीम वरदान साबित हुई है। जिससे किसी भी तरह की नुकसान की स्थिति में किसानों को तत्काल फसल का मुआवजा मिल रहा है।

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    प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अतंर्गत कुमाऊं के छह जिलों में खरीफ सत्र 2018-19 में 64543 और रबी सीजन में 34699 किसानों ने फसल का बीमा कराया। एग्रीकल्चर इंश्योरेंस कंपनी ऑफ इंडिया को बीमे की जिम्मेदारी दी गई। योजना के अंतर्गत बुआई नहीं हो पानी की स्थिति में, फसल की अवधि में नुकसान होने और स्थानीय आपदाओं के मामले में क्षति का आंकलन कर बीमे का लाभ दिए जाता है। इसके अलावा फसल कटाई के बाद खेत में सुखाने के लिए बिखेर कर रखी हुई फसल में नुकसान होने पर भी बीमा मिलेगा। किसी भी तरह की क्षति होने पर 72 घंटे के भीतर किसानों को बीमा कंपनी को सूचित करना होगा। जिसमें किसानों को बीमे का मानकों के अनुसार दावा भुगतान किया जाता है।

    क्या है दिक्कतें

    पर्वतीय क्षेत्रों में अभी भी किसान फसल बीमे के प्रति जागरूक नहीं हुए हैं। इसका कारण यह है कि पहाड़ों में ज्यादातर परंपरागत फसलों का उत्पादन किया जाता है। रबी सीजन की गेहूं और खरीफ सत्र में धान की पैदावार काफी कम मात्रा में होती है। इसलिए भी किसान बीमा नहीं करवा पाते, जबकि कुमाऊं के तराई-भाबर इलाके में गेहूं और धान की अधिक पैदावार होने से बीमा कराने वाले किसानों की संख्या भी अधिक है।

    खरीफ सीजन में बीमे की स्थिति 

    अल्मोड़ा               14478

    बागेश्वर               4664

    चम्पावत              654

    नैनीताल              5059

    पिथौरागढ़            4648

    ऊधमसिंहनगर     35040

    रबी सीजन में जिलेवार बीमे की स्थिति

    अल्मोड़ा             4745

    बागेश्वर             1377

    चम्पावत           1013

    नैनीताल            4542

    पिथौरागढ़         2320

    ऊधमसिंहनगर   20702

    (नोट: पीएमएफबीवाई आंकड़े रबी एवं खरीफ सीजन 2018-19 में)

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