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    Haldwani Domicile Fraud: बाहरी लोगों को अवैध रूप से बसाने वाले गिरोह पर बड़ा खुलासा, सरकारी विभागों से जुड़े तार

    Updated: Sun, 16 Nov 2025 08:52 PM (IST)

    उत्तराखंड में तेजी से बदलती जनसांख्यिकी चिंता का विषय है। सरकार घुसपैठ रोकने के लिए सख्त कदम उठा रही है। बनभूलपुरा में फर्जी निवास प्रमाण पत्र बनवाने वाले गिरोह में सरकारी कर्मचारियों की मिलीभगत सामने आई है। पुराने बिजली और पानी के बिलों का इस्तेमाल किया जा रहा है। छात्रवृत्ति और सरकारी नौकरियों में आरक्षण में भी फर्जीवाड़े की आशंका है। सरकार को गहन जांच करनी चाहिए।

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     फर्जी तरीके से स्थायी निवासी बनाने को पुराने बिजली बिलों के प्रयोग से अधिकारी हैरान। प्रतीकात्‍मक

    जागरण संवाददाता, हल्द्वानी । देवभूमि की तेजी से बदलती जनसांख्यिकी स्थानीय स्तर के साथ ही राष्ट्रीय सुरक्षा के लिहाज से भी चिंता का बड़ा विषय है। सरकार मुद्दे पर गंभीर है। पहाड़ में घुसपैठ रोकने को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कड़ी कानूनी प्रविधान किए हैं। लेकिन प्रदेश में बहारियों को अवैध रूप से बसाने वाले गिरोह के तार सरकारी विभागों और उपक्रमों से भी जुड़े हुए हैं।

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    बनभूलपुरा में फर्जी दस्तावेजाें से स्थायी निवास प्रमाण पत्र बनवाने वाले गैंग को पुराने बिल बिजली देने में ऊर्जा निगम के अस्थायी कर्मी की मिली भगत होने से इस बात की आशंकाएं बढ़ गई हैं। निगम के रिकार्ड से 15 वर्ष पुराने बिल निकाल कर बेचने की बात सामने आने के अधिकारी भी हैरान हैं। वहीं, इससे अन्य सरकारी संस्थानों को लेकर भी सवाल खड़े हो गए हैं।

    ऐसा इसलिए क्योंकि स्थायी निवास प्रमाण पत्र बनाने के लिए बिजली बिल के साथ ही पानी का बिल भी 15 वर्ष से राज्य में निवासरत होने के प्रमाण के रूप में लगाया जाता है। ऐसे में क्या पानी के पुराने बिलों का भी तो प्रयोग फर्जीवाड़े के इस खेल में तो नहीं किया गया? यह सवाल भी खड़े हो गए हैं।

    इससे शिक्षण संस्थानों में विद्यार्थियों को मिलने वाली छात्रवृत्ति, शिक्षा के अधिकार अधिनियम के तहत निजी स्कूलों में मिलने वाले प्रवेश के साथ ही सरकारी नौकरियों में मिलने वाले राज्य कोटे के आरक्षण सहित अन्य योजनाओं में इसी तरह के फर्जी प्रमाण पत्रों से फायदा तो नहीं लिया जा रहा है यह भी प्रश्न खड़े होते हैं। यदि सरकार ने मामले को गंभीरता लेकर गहन जांच नहीं कराई तो बदलती जनसांख्यिकी को नियंत्रित करने के अभियान में सफलता नहीं मिल पाएगी। पहाड़ में घुसपैठ कराने वाली स्लीपर सेल इसी तरह से काम करती रहेगी।