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    सड़क नहीं बनी तो पलायन कर गए ग्रामीण, खंडहर बन गया नैनीताल का सूण गांव, फलों व सब्जियों के खेत भी हुए बंजर

    By Rajesh VermaEdited By:
    Updated: Sat, 10 Sep 2022 04:25 PM (IST)

    पहाड़ की पीड़ा दूर करने की सरकारी कोशिश केवल दावा ही साबित हो रहा है। नैनीताल के रामगढ़ ब्लॉक के सूण गांव में 20 वर्षों से की जा रही सड़क की मांग अभी तक पूरी नहीं की जा सकी है। जिस कारण ग्रामीण यहां से पलायन कर रहे हैं।

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    रामगढ़ का सूण गांव खंडहर बनता जा रहा है। 40 परिवार ने अपना ठिकाना दूसरी जगह बना लिया है।

    संवाद सहयोगी, भवाली : Ghost village of Nainital: हम आज भले ही विकास के नए पथ पर बढ़ते जा रहे हैं, मगर अाज भी जब हम आजादी का अमृत महोत्सव मना रहे हैं, तो देश के कई गांव अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहे हैं। इन गांवों में मूलभूत जरूरतें आजादी के 75 साल बाद भी नहीं मुहैया कराई जा सकी हैं। नैनीताल जिले के रामगढ़ ब्लॉक (Ramgarh Block) के सूण गांव (Soon Village) की ऐसी ही कहानी है।

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    इस गांव में सड़क न होने के चलते 50 प्रतिशत लोग पलायन कर चुके हैं। वही जो गांव में मौजूद हैं। पलायन की तैयारी कर रहे हैं। क्योंकि गांव में आय के साधन फल व सब्जियां तो अत्यधिक मात्रा में होती है। लेकिन सड़क के अभाव में उसे पैदल बाजार तक पहुंचाना घाटे का सौदा साबित हो रहा है। जिस कारण गांव से पलायन जारी है।

    15 साल पहले थे 80 परिवार

    ग्रामीण मनोज सुनाल ने बताया कि आज से करीब 15 साल पहले गांव में करीब 80 परिवार रहा करते हैं, जो खेती व बागवानी करते थे। इस गांव में शुरुआत से आड़ू, पुलम, खुबानी के साथ ही सब्जियों में आलू, शिमला मिर्च, गोभी इत्यादि बहुतायात मात्रा में होती है। यही यहां के ग्रामीणों के आय का मुख्य साधन भी है। लेकिन इसे मंडी या बाजार तक पहुचाने में 3 किमी खड़ी चढ़ाई तय करनी पड़ती है, जो फल व सब्जियों के बोझ के साथ काफी मुश्किल है। इसी के लिए ग्रामीण 20 वर्षों से सड़क की मांग कर रहे है।

    40 परिवारों ने छोड़ा घर

    मनोज ने बताया कि ग्रामीणों की मांग पर करीब 2004-05 में गांव में सड़क का सर्वे हुआ। जिससे ग्रामीण काफी खुश थे। लेकिन तब से अब तक 3 बार सड़क का सर्वे हो चुका है। लेकिन सड़क नहीं बनाई गई। जबकि कई बार पत्राचार किया जा चुका है। सड़क के अभाव में बच्चों को पैदल ही स्कूल जाना पड़ता है। वहीं गर्भवतियों व बीमार को अस्पताल पहुंचाने में भी दिक्कत आती है। इन्हीं समस्याओं, रोजगार व अन्य समस्या से परेशान होकर गांव से अब तक तक 40 परिवार पलायन कर चुके हैं। जिस कारण बगीचे व खेत बंजर हो गए है। मकान भी खंडहर होते जा रहे हैं।

    अन्य ग्रामीण भी पलायन की राह पर

    नवीन सनवाल, सरपंच कमल सुनाल, रवि जीना ने बताया कि आसपास के सभी गांव सड़कों से जोड़े जा चुके है। लेकिन सूण गांव में 3 बार सर्वे के बाद भी सड़क नहीं पहुंची। जिस कारण अन्य ग्रामीण भी गांव से पलायन की सोचने लगे है।

    यह दुर्भाग्य है कि गांव में सड़क नहीं होने से पलायन हो रहा है। जबकि सर्वे काफी पहले हो चुका था। इसके दस्तावेज फिर से निकाले गए हैं। जल्द ही कुमाऊं कमिश्नर से मिलकर गांव में सड़क का निर्माण कराया जाएगा। गांव से पलायन कर चुके लोगों को भी दोबारा गांव में बसाने के प्रयास होंगे।

    -प्रदीप ढैला, ज्येष्ठ उप प्रमुख, रामगढ़ ब्लॉक