हल्द्वानी के बनभूलपुरा में रेलवे की भूमि पर अतिक्रमण का मामला, हाई कोर्ट ने मामला दूसरी पीठ को भेजा
Encroachment on railway land Haldwani हल्द्वानी में रेलवे की 29 एकड़ भूमि पर अतिक्रमण किया गया है जिनमें करीब 4365 परिवार हैं। कोर्ट के आदेश पर इन लोगों को पीपी एक्ट में नोटिस दिया गया। जिनकी रेलवे ने पूरी सुनवाई कर ली है।
जागरण संवाददाता, नैनीताल। Encroachment on Railway Land Haldwani : हाई कोर्ट ने हल्द्वानी के बनभूलपुरा में रेलवे की भूमि पर अतिक्रमण हटाने को करने को लेकर दायर जनहित याचिका पर गुरुवार को सुनवाई की। मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति विपिन सांघी व न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे की खंडपीठ की मामला सुनवाई कर रही दूसरी पीठ को सुनने के लिए भेज दिया है।
पीपी एक्ट में सुनवाई का आदेश देने की मांग
गुरुवार को अतिक्रमण करने वालों की ओर से प्रार्थना पत्र देकर कहा गया कि उनके मामलों में कोर्ट के आदेश के बाद पीपी एक्ट में सुनवाई नही हो रहे हैं, इसलिए उनके मुकदमे पीपी एक्ट में सुने जाने के लिए आदेश दिए जाएं। याचिकाकर्ता ने कोर्ट को बताया कि यह मामला दूसरी खंडपीठ में विचाराधीन है, इसलिए सुनवाई करने के लिए उसी पीठ को भेजा जाए।
10 सप्ताह में अतिक्रमण हटाने का था आदेश
हाई कोर्ट ने नौ नवंबर 2016 को गौलापार निवासी रविशंकर जोशी की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए 10 सप्ताह के भीतर रेलवे की जमीन से अतिक्रमण हटाने का आदेश दिया था। कोर्ट ने कहा था कि जितने भी अतिक्रमणकारी हैं, उनको रेलवे पीपी एक्ट के तहत नोटिस देकर जनसुनवाई करे।
29 एकड़ भूमि पर है अतिक्रमण
रेलवे की तरफ से कहा गया कि हल्द्वानी में रेलवे की 29 एकड़ भूमि पर अतिक्रमण किया गया है जिनमें करीब 4365 परिवार हैं। कोर्ट के आदेश पर इन लोगों को पीपी एक्ट में नोटिस दिया गया। जिनकी रेलवे ने पूरी सुनवाई कर ली है। किसी भी व्यक्ति के पास जमीन के वैध कागजात नही पाए गए, इनको हटाने के लिए रेलवे ने जिलाधिकारी नैनीताल से दो बार सुरक्षा दिलाए जाने हेतु पत्र दिया गया। जिस पर आज की तिथि तक कोई प्रतिउत्तर नहीं दिया गया।
सुप्रीम कोर्ट भी अतिक्रमण हटाने का दे चुका है आदेश
दिसम्बर 2021 में सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्य को दिशा निर्देश दिए थे कि अगर रेलवे की भूमि पर अतिक्रमण किया गया है तो पटरी के आसपास रहने वाले लोगो को दो सप्ताह और उसके बाहर रहने वाले लोगो को छह सप्ताह के भीतर नोटिस देकर हटाएं ताकि रेवले का विस्तार हो सके।