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रात में सैनिक स्‍कूल से निकाले गए बच्‍चों को मंदिर के पुजारी ने दी शरण, भोजन का भी किया प्रबंध

देर रात विद्यालय से बाहर किए गए छात्रों को गोल्ज्यू मंदिर के पुजारी रमेश जोशी ने मंदिर के दो कमरों में शरण दी।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Wed, 03 Apr 2019 06:29 PM (IST)Updated: Wed, 03 Apr 2019 06:29 PM (IST)
रात में सैनिक स्‍कूल से निकाले गए बच्‍चों को मंदिर के पुजारी ने दी शरण, भोजन का भी किया प्रबंध
रात में सैनिक स्‍कूल से निकाले गए बच्‍चों को मंदिर के पुजारी ने दी शरण, भोजन का भी किया प्रबंध

भवाली, जेएनएन : सैनिक स्कूल घोड़ाखाल के 45 छात्रों के साथ विद्यालय प्रबंधन द्वारा किए गए अमानवीय व्यवहार ने सभी को स्‍तब्‍ध कर दिया। देर रात विद्यालय से बाहर किए गए छात्रों को गोल्ज्यू मंदिर के पुजारी रमेश जोशी ने मंदिर के दो कमरों में शरण दी। जोशी ने बताया कि शाम संध्या काल की आरती के बाद करीब 9 बजे यह छात्र मंदिर पहुँचे और घटना की जानकारी दी। जिसके बाद उन्होंने छात्रों को मंदिर के दो कमरों में शरण दी। और सभी के खाने पीने की व्यवस्था की। सुबह करीब 5:30 बजे सभी छात्र मंदिर से चले गए।

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सैनिक स्कूल घोड़ाखाल कुमाऊँ की शान होने के साथ ही देश के सभी विद्यालयों में अहम है। एनडीए की रैंकिंग में भी यहाँ के छात्र अन्य विद्यालयों से आगे है। छात्रों के बेहतर प्रदर्शन की वजह से कई बार विद्यालय को रक्षा मंत्रालय की ट्राफी से भी नवाजा गया है। विद्यालय में पढ़कर छात्र सैन्य अफसर बन देश की सुरक्षा में योगदान देते हैं। मंगलवार देर रात विद्यालय के 45 छात्रों के साथ हुए अमानवीय व्यवहार ने सबको आश्चर्यचकित कर दिया। देश का भविष्य इन 45 नाबालिक छात्रों के साथ हुए इस अमानवीय व्यवहार पर शासन व प्रशासन द्वारा भी फिलहाल कोई कार्यवाही नहीं की गई है। न तो रात में प्रशासन का कोई अधिकारी बच्चों की सुध लेने पहुँचा। वहीं दूसरे दिन भी प्रशासन ने इस मामले में कोई कदम नहीं उठाया। छात्रों के साथ घटी इस घटना के कारण उनके साथ कोई भी बड़ा हादसा हो सकता था। क्योंकि घोड़ाखाल वन्य जीव आरक्षित क्षेत्र है रात के समय तेंदुए यहां घूमा करते हैं। गनीमत रही कि गोल्ज्यू मंदिर पास में ही होने की वजह से छात्रों को वह शरण मिल गई।

क्‍या कहते हैं पीडि़त बच्‍चे और प्रिंसिपल

वही विद्यालय की प्रिंसिपल कर्नल डॉ स्मिता मिश्रा का कहना है कि छात्रों को पहले ही व्यवस्था करने के लिए सूचित किया जा चुका था। सूचना के बाद छात्रों के अचानक विद्यालय पहुँचने पर विद्यालय में उनके रुकने की कोई व्यवस्था नहीं थी। दूसरी ओर छात्रों ने आरोप लगाया है प्रिंसिपल ने डिनर में समय से नहीं पहुँचने व ड्रेस में नहीं होने की वजह से उन्हें विद्यालय परिसर से बाहर कर दिया। वही छात्रों ने बताया कि वह अपनी ड्रेस जूनियर छात्रों को दे गए थे। जिस कारण उनके पास ड्रेस नहीं थी। विद्यालय प्रबंधन के बयान व छात्रों द्वारा लगाए गए आरोप अब जाँच का विषय बन गए है। मामले की स्पष्ट जाँच के बाद ही सब कुछ साफ हो पाएगा।

एसडीएम बोले हम मामले की जांच करेंगे

विनोद कुमार, एसडीएम नैनीताल ने इस बारे में कहा कि हम अपने स्तर से मामले की जांच कर रहे हैं। विद्यालय प्रबंधन से इस विषय पर वार्ता की जा रही है। छात्रों के अभिभावकों की ओर से शिकायत के बाद ही हमारी ओर से कोई एक्शन लिया जाएगा।

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