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    लोक निर्माण विभाग में टैक्सी प्रथा में घपला, वाहन चालक संघ ने उठाई ये मांग

    By Skand ShuklaEdited By:
    Updated: Tue, 03 Aug 2021 10:24 AM (IST)

    लोक निर्माण विभाग में टैक्सी लगाने की प्रथा में घपलेबाजी की बू आ रही है। राजकीय वाहन चालक संघ लोनिवि ने टैक्सी प्रथा को समाप्त करने की मांग उठाई है। उत्तराखंड के सभी खंडों में समान व एवरेज के दर पर टैक्सी किराया निर्धारित करने का आग्रह किया है।

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    लोक निर्माण विभाग में टैक्सी प्रथा में घपला, वाहन चालक संघ ने उठाई ये मांग

    नैनीताल, जागरण संवाददाता : लोक निर्माण विभाग में टैक्सी लगाने की प्रथा में घपलेबाजी की बू आ रही है। यही कारण है कि राजकीय वाहन चालक संघ लोनिवि ने टैक्सी प्रथा को समाप्त करने की मांग उठाई है। साथ ही आवश्यकता होने पर उत्तराखंड के सभी खंडों में समान व एवरेज के दर पर टैक्सी किराया निर्धारित करने का आग्रह किया है। विभाग में टैक्सी लगाने से पहले विभागीय मशीनों का उपयोग व मरम्मत करने की मांग कर विभाग को ही कठघरे में खड़ा कर दिया है।

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    दरअसल लोनिवि में फील्ड स्टाफ के सेवानिवृत्त होने के बाद कर्मचारियों का पेंशन एवं अन्य देयकों का भुगतान में एक वर्ष से अधिक का समय विभाग द्वारा लगाया जा रहा है। जिस कारण कर्मचारियों को अपने परिवार का पालन पोषण करने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। जबकि अनेक यांत्रिक कर्मचारियों को उच्च न्यायालय व सर्वोच्च न्यायालय से न्याय प्राप्त करने व सेवानिवृत्त होने के बाद पेंशन आदि प्रकरण का निराकरण नहीं किया जा रहा है। जबकि शासन के आदेशानुसार कर्मचारियों का सेवानिवृत्त होने से छः माह के अंदर समस्त प्रकरणों का निस्तारण किया जाना है।

    रिटायरमेंट से 24 माह पूर्व प्रक्रिया पूरी करने के निर्देश

    अविभाजित उत्तर प्रदेश के समय से तमाम शासनादेश जारी किए गए। जिसमें साफ कहा है कि कर्मचारियों के पेंशन प्रपत्रों की तैयारी सेवानिवृत्त के तिथि से 24 माह पूर्व प्रारम्भ की जाएंगी और उसके लिए हर माह की समय सारणी का पालन करना होगा। कार्य पूर्ण कर सेवानिवृत्त के कम से पांच माह पूर्व पेंशन प्रपत्र को निदेशक पेंशन व मुख्य लेखाधिकारी के पास भेज दिया जाएगा।

    लोनिवि कार्यालय में अनेक प्रकरण लम्बित

    उक्त शासनादेश के क्रम में कार्यवाही करने के लिए क्षेत्रीय मुख्य अभियन्ताओं को लिखा जाएगा परन्तु मुख्य अभियंता लोनिवि कार्यालय में अनेक प्रकरण लम्बित पड़े है। जिस कारण सेवानिवृत्ति कर्मचारियों को पेंशन समय पर नही मिल पा रही है। संघ के प्रांतीय महामंत्री नवीन उप्रेती का कहना है कि प्रकरणों का निस्तारण पूर्व की तरह होना चाहिए, ताकि सेवानिवृत्त हो रहे कर्मचारियों को उच्च न्यायालय की शरण में ना जाना पड़े, यदि कोई यांत्रिक कर्मचारी माननीय न्यायालय में जाता है उसकी पूर्ण जिम्मेदारी विभाग की होगी।

    • टैक्सी प्रथा समाप्त की जाय, संघ ने उठाई मांग

    • संघ का कहना है कि उत्तराखण्ड लोक निर्माण विभाग में टैक्सी प्रथा समाप्त की जाए और विभागीय मशीन मंगवायी जाय।
    • लोक निर्माण विभाग के सम्पूर्ण खण्डों में आवश्यकता होने पर जो टैक्सी लगायी जा रही है। उनकी पूरे उत्तराखण्ड में समान दर एवं समान एवरेज निर्धारित की जाय।
    • प्राइवेट टैक्सी लगाने से पूर्व विभागीय मशीनों का उपयोग एवं मरम्मत करायी जाय, जो मरम्मत के अभाव में खड़ी कर बिना उच्चाधिकारियों के अनुमोदन किये खण्ड स्तर से लगायी जा रही है। उन्हें बन्द किया जाय।
    • अन्य वर्ग के कर्मचारियों की भाँति लम्बे समय से चालक का कार्य कर रहे क्लीनरों की पदोन्नति की जाय। पूर्व से कार्यरत क्लीनरों पर शैक्षिक योग्यता के मानक न माना जाय मूल पद पर कार्यरत क्लीनरों को पहले पदोन्नति की जाय।
    • डोजर आपरेटरों को चालकों की भाँति ग्रेड वेतन एवं मानदेय दिया जाय डोजर आपरेटर को चालक माना जाय।
    • अन्य कर्मचारियों की भाँति इलैक्ट्रीशियन के पदों पर कार्यरत कर्मचारियों को वर्दी की सुविधा उपलब्ध करायी जाय।