उत्तराखंड का ऐसा थाना जहां पोस्टिंग के लिए होती है जोर-अजमाइश, इस बार दो माह में ही लौटा दिए कोतवाल
रामनगर कोतवाली के प्रभारी निरीक्षक सुशील कुमार का तबादला रोक दिया गया है, जिससे क्षेत्र में चर्चा है। पहले उनका तबादला हुआ और फिर रद्द कर दिया गया। बत ...और पढ़ें

सुशील कुमार ही बने रहेंगे रामनगर कोतवाल, ट्रांसफर रोका. Concept Photo
जागरण संवाददाता, रामनगर। कोतवाली के प्रभारी निरीक्षक सुशील कुमार का ट्रांसफर रोक दिया गया है। पहले कोतवाल का दो माह से कम समय में ट्रांसफर और फिर ट्रांसफर पर रोक से चर्चाएं होने लगी है। यूं तो रामनगर कोतवाली अधिकारियों व सिपाहियों की तैनाती के लिए हमेशा से ही चर्चाओं में रहती है। मनमाकिफ चौकी के लिए खूब जोर अजमाइश होती है।
पूर्व में कोतवाल कैलाश पवार के समय में तो सिपाहियों को चौकियों में भेजने के लिए लाटरी प्रक्रिया तक अपनाई गई थी। तीन साल नौ माह तक सर्वाधिक समय कोतवाली में प्रभारी निरीक्षक के पद पर तैनात अरुण सैनी के 23 सितंबर को कालाढूंगी ट्रांसफर होने के बाद दस अक्टूबर तक यह पद खाली रहा।
11 अक्टूबर को बनभुलपुरा में तैनात सुशील कुमार को रामनगर कोतवाली का प्रभारी निरीक्षक की जिम्मेदारी सौंपी गई। दो माह से भी कम समय में बुधवार देर रात सुशील कुमार का ट्रांसफर वापस बनभुलपुरा कर दिया गया था।
प्रभारी निरीक्षक सुशील कुमार ने गुरुवार को कोतवाली में बने आवास से बनभुलपुरा जाने के लिए अपना सामान भी समेटना शुरू कर दिया था। लोग भी नये कोतवाल दिनेश फर्त्याल के स्वागत की खूब पोस्ट इंटरनेट मीडिया में अपलोड करने में लगे थे।
शुक्रवार सुबह सुशील कुमार का ट्रांसफर रूकने की चर्चा तेज हो गई। ट्रांसफर रूकने की पुष्टि खुद प्रभारी निरीक्षक सुशील कुमार ने की। उन्होंने कहा कि पूछड़ी में अतिक्रमण ध्वस्तीकरण की कार्रवाई प्रस्तावित है। जिस वजह से उनका ट्रांसफर अभी रोका गया है।

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