68 साल बाद अद्भुत नजारा, पूरे यौवन में नजर आया चांद
चंद्रमा की सुंदरता के किस्से-कहानी आम है, लेकिन सूपरमून का जिक्र पुरानी सभ्यता व खगोल ग्रंथ में नहीं मिलता। सोमवार को चांद पूरे यौवन में नजर आया।
नैनीताल, [रमेश चंद्रा]: कार्तिक पूर्णिमा का चांद इस बार पूरे यौवन में नजर आ रहा है। सुपरमून अन्य दिनों की अपेक्षा 30 फीसद अधिक खुबसूरत नजर आया। चंद्रमा में यह निखार 68 साल बाद नजर आया है।
चंद्रमा की सुंदरता के किस्से-कहानी आम है, लेकिन सूपरमून का जिक्र पुरानी सभ्यता व खगोल ग्रंथ में नहीं मिलता। सूपरमून शब्द का वर्ष 1979 से शुरू हुआ। इसे ज्योतिषी रिचर्ड नौले प्रयोग में लाए। सूपरमून तब बनता है, जब चांद पूर्णिमा के समय अपनी निकटतम स्थिति के 90 फीसद या उससे भी अधिक भीतर आ जाता है। इस बार वह अपनी कक्षा मे चक्कर लगाते हुए पृथ्वी के बेहद करीब आ गया।
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इस कारण वह आकार में दूर की स्थिति की तुलना 14 फीसद बड़ा नजर आया। यह नजारा बेदह अनूठा है। इसे कैमरे में कैद करने के लिए चंद्रमा पर शोध कर रहे वैज्ञानिको व चित्रकार काफी उत्साहित दिखे। पूरी रात चांद अपनी चमक से पृथ्वी को भी रोशन किया
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सुपरमून से नहीं आती सूनामी
आर्यभटट् प्रेक्षण विज्ञान शोध संस्थान (एरीज) के डॉ. शशिभूषण पांडे व भारतीय तारा भौतिकी संस्थान बेगलुरु के खगोल वैज्ञानिक प्रो. आरसी कपूर के अनुसार इस बार का सुपरमून दिलकश नजारा लेकर आने वाला है। इसका समुद्र में उठने वाले ज्वार पर विशेष प्रभाव नहीं पड़ता। सुपरमून को लेकर भूकंप या सूनामी आने की बाते कही जाती है, जो निराधार है। ऐसी अफवाहों पर विश्वास न करें।
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सुपरमून का उदयकाल
14 नवंबर सुपरमून के दिन नैनीताल मे चंद्रोदय शाम 5.27 बजे हुआ और अस्त 15 नवंबर सुबह 7.05 बजे होगा। देहरादून मे उदय 5.32 व अस्त 15 को 7.12, जबकि राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में उदय 5.33 व अस्त 7.13 बजे होगा।
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