Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    नैनीताल में आवारा कुत्ते बने मुसीबत, हाल ही में अभिनेता रोनित राय भी कर चुके शिकायत, रोजाना पांच लोग बन रहे शिकार

    By Prashant MishraEdited By:
    Updated: Sat, 30 Jan 2021 12:33 PM (IST)

    बीते पांच वर्षों में सात हजार से अधिक लोगों को काटकर कुत्ते जख्मी कर चुके है। इस दौरान वेबसीरीज की शू‍टिंग में आए अभ‍िनेता रोनित राय को भी कुत्‍तों ने नहीं छोड़ा। सुबह दौड़ने निकले अभिनेता को कुत्‍तों ने दौड़ा लिया। अभिनेता ने इंटरनेट मीडिया पर समस्‍या को बताया।

    Hero Image
    इनकी रोकथाम की कार्रवाई महज बधियाकरण तक सिमट कर रह गयी है।

    जागरण संवाददाता, नैनीताल : शहर में आवारा कुत्ते परेशानी का सबब बने हुए है। मुख्य सड़कों के अलावा गलियों, बाजारों में झुंड में जमा रहने वाले यह कुत्ते इन आवारा आतंक से लोगों का राह गुजरना मुश्किल हो गया है। शहर में रोजाना औसतन पांच लोग इनका शिकार हो रहे है। बीते पांच वर्षों में सात हजार से अधिक लोगों को काटकर कुत्ते जख्मी कर चुके है। यही नहीं इस दौरान वेबसीरीज की शू‍टिंग में आए अभ‍िनेता रोनित राय को भी कुत्‍तों ने नहीं छोड़ा। सुबह दौड़ने निकले अभिनेता को कुत्‍तों ने दौड़ा लिया। परेशान अभिनेता ने इंटरनेट मीडिया पर समस्‍या को बताया। वहीं इनकी रोकथाम की कार्रवाई महज बधियाकरण तक सिमट कर रह गयी है। इसके अलावा पालिका कोई कदम उठाती नहीं दिख रही है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    शहर में लावारि‍स कुत्तों के साथ ही लंगूर व बंदरो का आतंक भी बढ़ता जा रहा है। जिसकी रोकथाम को जिम्मेदार पालिका हर वर्ष बधियाकरण अभियान तो चला रही है, लेकिन इसके बावजूद शहर में लावारिस कुत्तों की आबादी में लगातार इजाफा हो रहा है। लाकडाउन के दौरान लोगों की आवाजाही कम होने से इनके काटने के मामलों में कुछ कमी आयी थी, लेकिन दोबारा फिर इनका आतंक शुरू हो गया है। बीडी पांडे अस्पताल में रोजाना पांच से छह मामले कुत्तों के काटने के पहुँच रहे है। जिनको एंटी रैबीज और उपचार दिया जा रहा है।

    दो मौतों के साथ ही कई गंभीर रूप से हुए घायल

    अब तक शहर में इन आवारा आतंक से राजस्थानी पर्यटक की एक बेटी और शेरवानी क्षेत्र की एक किशोरी की मौत हो गयी है। इसके अलावा बीते वर्ष अयारपाटा क्षेत्र में एक किशोर को  इन कुत्तों ने बुरी तरह नोच डाला था। जिससे उसके शरीर और सिर में करीब 40 टांके आये थे। मॉर्निंग वॉक कर रही 82 वर्षीय महिला को भी कुत्तों ने बुरी तरह घायल कर दिया था।

    लोगों की मांग के बावजूद महज बधियाकरण तक सिमटा अभियान

    बढ़ते आवारा आतंक से निजात दिलाने के लिए कई बार शहरवासी विरोध प्रदर्शन भी कर चुके है। लेकिन इसकी रोकथाम की जिम्मेदार पालिका का अभियान महज बधियाकरण तक सिमट कर रह गया है। पालिका इससे निजात दिलाने को कोई ठोस कदम नहीं उठा पा रही है।

    पांच वर्ष में 7384 लोग बने शिकार

    वर्ष  -    संख्या

    2015-  1101

    2016-    774

    2017-  1222

    2018-  1440

    2019-  1505

    2020-  1342

    योग-      7384

    नगर पालिका के अधिशासी अधिकारी अशोक वर्मा का कहना है कि आवारा कुत्तों की तादाद बढ़ने से रोकने के लिए हर वर्ष बधियाकरण किया जा रहा है। अब तक 1500 से अधिक कुत्तों का बधियाकरण किया जा चुका है। इसके अलावा पालतू कुत्तों को स्वामी लावारिस न छोड़े इसके लिए पालिका से घरेलू कुत्तों के लाइसेंस भी जारी किए जाते है।

    Uttarakhand Flood Disaster: चमोली हादसे से संबंधित सभी सामग्री पढ़ने के लिए क्लिक करें

    comedy show banner
    comedy show banner