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    पिथौरागढ़ में खुलेगा प्रदेश का पहला बकरी अनुसंधान एवं प्रजनन केंद्र

    By Prashant MishraEdited By:
    Updated: Wed, 17 Mar 2021 05:33 PM (IST)

    केंद्र में राज्य में विकसित बकरी प्रजाति के साथ ही देश को दो अन्य महत्वपूर्ण प्रजातियों पर शोध होगा। बुधवार को पंतनगर से पहुंची वरिष्ठ विज्ञानियों की ...और पढ़ें

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    विज्ञानियों ने अनुसंधान केंद्र के लिए प्रस्तावित स्थल को उपयुक्त पाया।

    संवाद सहयोगी, पिथौरागढ़ : प्रदेश का पहला बकरी अनुसंधान एवं प्रजनन केंद्र पिथौरागढ़ जिले में खुलेगा। केंद्र में राज्य में विकसित बकरी प्रजाति के साथ ही देश को दो अन्य महत्वपूर्ण प्रजातियों पर शोध होगा। प्रजनन केंद्र के माध्यम से जिले में बकरी नस्ल सुधार कार्यक्रम भी चलेगा। बुधवार को पंतनगर से पहुंची वरिष्ठ विज्ञानियों की टीम ने प्रस्तावित स्थल का निरीक्षण किया और केंद्र के निर्माण को हरी झंडी दे दी। 

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    उत्तराखंड में अभी तक बकरी अनुसंधान केंद्र नहीं है। हिमालयी राज्यों में बकरी पालन की अच्छी संभावनाओं को देखते हुए प्रदेश सरकार ने अब प्रदेश का अपना बकरी अनुसंधान केंद्र खोलने का निर्णय लिया है। पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने जनपद भ्रमण के दौरान पिथौरागढ़ जिले के मड़मानले में बकरी अनुसंधान केंद्र खोलने की घोषणा की थी। घोषणा के बाद पशुपालन विभाग ने करीब 33 नाली जमीन का चयन किया। प्रस्तावित स्थल का निरीक्षण करने के लिए पंतनगर विश्वविद्यालय के पंतनगर विश्वविद्यालय के पशुधन उत्पादन एवं प्रबंध विभाग के डा. आरके शर्मा और डा. एसके सिंह बुधवार को पिथौरागढ़ पहुंचे। विज्ञानियों ने उपमुख्य पशु चिकित्साधिकारी डा. पंकज जोशी के साथ मड़मानले पहुंचकर प्रस्तावित स्थल का निरीक्षण किया। विज्ञानियों ने अनुसंधान केंद्र के लिए प्रस्तावित स्थल को उपयुक्त पाया। 

    स्थल निरीक्षण के बाद पंतनगर विश्वविद्यालय के विज्ञानियों ने जागरण से बातचीत में कहा कि अनुसंधान केंद्र में बरबरी, सिरोही और पंतजा प्रजातियों पर शोध किया जाएगा। अनुसंधान के साथ ही प्रजनन का कार्य भी केंद्र में होगा। केंद्र में पैदा होने वाले बच्चे स्थानीय बकरी पालकों को उपलब्ध कराये जायेंगे। इससे पर्वतीय क्षेत्रों में बकरी नस्ल सुधार का कार्य आगे बढ़ेगा। बकरी पालन को बढ़ावा देकर पशुपालकों की आमदनी दोगुनी करने में मदद मिलेगी। 

    पंतजा पर रहेगा विशेष फोकस 

    पिथौरागढ़ में खुलने वाले बकरी अनुसंधान केंद्र में पंतजा प्रजाति पर विशेष फोकस रहेगा। बकरी की यह प्रजाति उत्तराखंड के पंतनगर विश्वविद्यालय ने ही विकसित की है। तराई-भावर की इस प्रजाति के पहाड़ में विकसित होने के लिए केंद्र में शोध कार्य किए जाएंगे। जल्द ही ग्रोथ लेने वाली इस प्रजाति से मांस कारोबार आगे बढ़ेगा। इससे बकरी पालकों को फायदा होगा। पंतजा प्रजाति पर्वतीय क्षेत्र की गर्म घाटियों में पलने वाली प्रजाति की तरह ही बताई गई है।  उपमुख्य पशु चिकित्साधिकारी डा. पंकज जोशी का कहना है कि सीमांत जिले में खुलने वाला प्रदेश का पहला बकरी अनुसंधान केंद्र बेहद महत्वपूर्ण है। इससे पूरे पर्वतीय क्षेत्र में बकरी पालन को बढ़ावा मिलेगा। रोजगार के अवसर बनेंगे और ग्रामीणों की आमदनी में इजाफा होगा। 

     

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