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    हाई कोर्ट शिफ्टिंग पर अब विधायक सरिता आर्य ने दिया ऐसा बयान, बोलीं- अगर नैनीताल नहीं तो यहां हो निर्माण

    By Jagran NewsEdited By: Rajesh Verma
    Updated: Sun, 13 Nov 2022 08:45 PM (IST)

    Nainital High Court Shifting सरिता ने कहा कि अब जब हाईकोर्ट की अवस्थापना सुविधाएं पूरी हो चुकी हैं और मेट्रोपोल होटल परिसर में भविष्य में विस्तार की भी भरपूर संभावना है तो ऐसे में कोर्ट को यहां से शिफ्ट करना बिल्कुल असंगत और गैर वाजिब है।

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    सरिता आर्य ने हाई कोर्ट शिफ्ट करने को अव्यावहारिक और गलत बताया है।

    जागरण संवाददाता, नैनीताल : Nainital High Court Shifting: हाई कोर्ट शिफ्टिंग का मुद्​दा गरमाता जा रहा है। इसे लेकर प्रदेश की कई बार एसोसिएशन में दो फाड़ नजर आने लगा है। वहीं अब नैनीताल विधायक सरिता आर्य (Nainital MLA Sarita Arya) ने भी इस बयान जारी किया है। उन्होंने हाई कोर्ट शिफ्ट करने को अव्यावहारिक और गलत बताया है। साथ ही कहा है कि अगर शिफ्टिंग बहुत जरूरी हो तो इसे पटवाडांगर में बनाया जाए।

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    हाई कोर्ट ने नैनीताल को दिलाई पहचान

    विधायक सरिता आर्य ने कहा कि उत्तराखंड एक पर्वतीय राज्य है। जब इसका निर्माण हुआ, तब हम चाहते थे कि राजधानी नैनीताल बने, क्योंकि यहां राजभवन, एमएलए आवास, सीएम आवास, सचिवालय सब पहले से थे और भवाली व रानीबाग एचएमटी, भीमताल इंडस्ट्रियल क्षेत्र आदि में इसका विस्तार किया जाता लेकिन राजधानी नहीं बन सकी, पर न्यायिक राजधानी जरूर यहां बनी। इससे नैनीताल की बहुत प्रतिष्ठा बढ़ी और यहां यातायात, पर्यावरण सहित विभिन्न समस्याओं में भी कमी आई। इससे यहां हजारों लोगों को प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रोजगार भी मिला।

    बिल्कुल असंगत है कोर्ट को शिफ्ट करना

    उन्होंने कहा कि आज यह मामला पहाड़ और नैनीताल की अस्मिता से जुड़ा हुआ है। सरिता ने कहा कि अब जब हाईकोर्ट की अवस्थापना सुविधाएं पूरी हो चुकी हैं और मेट्रोपोल होटल परिसर में भविष्य में विस्तार की भी भरपूर संभावना है तो ऐसे में कोर्ट को यहां से शिफ्ट करना बिल्कुल असंगत और गैर वाजिब है। उन्होंने कहा कि नैनीताल में पार्किंग व स्वास्थ्य सुविधाओं को विकसित किया जाएगा और कोर्ट की शिफ्टिंग का मसला हमेशा के लिए समाप्त किया जायगा।

    बहुत जरूरी हो तो पटवाडांगर में बने कोर्ट

    विधायक सरिता आर्य ने कहा है कि राष्ट्रपति की ओर से हाईकोर्ट की स्थापना का नोटिफिकेशन नैनीताल के लिए जारी किया गया था। अब कोर्ट को मैदान में ले जाना इसकी भी अवहेलना होगी। उन्होंने कहा कि यदि बहुत ही जरूरी हो तो कोर्ट का परिसर बल्दियाखान के निकट पटवाडांगर में बनाया जा सकता है, जहां 103 एकड़ समतल भूमि एक साथ उपलब्ध है, जिसमें सड़क बिजली, पानी सहित सुविधाएं उपलब्ध हैं और यह नैनीताल व पहाड़ में ही है। इससे पहाड़ी राज्य की अवधारणा भी बनी रहेगी और सबको सुविधा भी रहेगी। यहां से फतेहपुर को मार्ग बन भी रहा है। यह स्थान नैनीताल, हल्द्वानी, रामनगर सहित पहाड़ के लोगों के लिए सुविधाजनक भी है।