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    एसटी रडार उच्च हिमालय के वायुमंडल में उठने वाले विक्षोभ का पूर्वानुमान लगाने में सक्षम

    By Skand ShuklaEdited By:
    Updated: Sun, 13 Sep 2020 06:42 AM (IST)

    आर्यभट्ट प्रेक्षण विज्ञान शोध संस्थान (एरीज) का एसटी रडार उच्च हिमालय के वायुमंडल में उठने वाले विक्षोभ का पूर्वानुमान लगाने में सक्षम है।

    एसटी रडार उच्च हिमालय के वायुमंडल में उठने वाले विक्षोभ का पूर्वानुमान लगाने में सक्षम

    नैनीताल, जेएनएन : आर्यभट्ट प्रेक्षण विज्ञान शोध संस्थान (एरीज) का एसटी रडार उच्च हिमालय के वायुमंडल में उठने वाले विक्षोभ का पूर्वानुमान लगाने में सक्षम है। 20 किमी की ऊंचाई तक हवा की गति, दिशा व नमी का भी आसानी से पता लगा लेगा। आठ साल के कठिन परिश्रम के बाद विज्ञानियों को शनिवार को सफलता मिली।

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    प्रोजेक्ट हेड डॉ. मनीष नाजा ने बताया कि स्ट्रोस्फेयर व ट्रोस्पोस्फेयर (एसटी ) राडार के परीक्षण में लंबा समय लगा। हर पहलू की जांच के नतीजे उत्साहजनक रहे। वायु विक्षोभ को लेकर किया गया परीक्षण बेहद महत्वपूर्ण रहा। हिमालय क्षेत्र में पहली बार इसका परीक्षण किया गया। इससे पूर्व यह सुविधा सिर्फ दक्षिण भारत में ही थी।

     

    विमानों के उड़ान के लिए विक्षोभ बेहद खतरनाक होता है। अब इसका पूर्वानुमान लगाया जा सकेगा। इससे विमान दुर्घटनाओं में कमी की उम्मीद है। राडार की मदद से हिमालय क्षेत्र की हवा की गति व दिशाओं का भी पूर्वानुमान होगा। इससे मौसम की सटीक जानकारी मिल सकेगी।

    15 करोड़ की लागत से हुआ स्थापित

    एसटी राडार स्थापित करने में 15 करोड़ की लागत आई। आठ साल पहले इसपर काम शुरू हुआ। निदेशक एरीज प्रो. दीपांकर बनर्जी ने बताया कि एसटी राडार का ट्रायल सफल होना एरीज के लिए बड़ी उपलब्धि है। इससे वायुमंडल के बारे में कई अहम जानकारी हमारे पास होगी। साथ ही वायुमंडलीय शोध संबधी कार्य भी आसान होंगे।