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India-Nepal Border Dispute: बिहार फायरिंग के बाद नेपाल से लगती सीमा पर एसएसबी अलर्ट

नेपाल की ओर से बिहार के सीतामढ़ी सीमा पर फायरिंग में युवक की मौत के बाद उत्तराखंड की पिथौरागढ़ टनकपुर और ऊधमसिंह नगर जिले की खटीमा सीमा पर अलर्ट जारी कर दिया गया है।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Sat, 13 Jun 2020 06:59 PM (IST)Updated: Sat, 13 Jun 2020 06:59 PM (IST)
India-Nepal Border Dispute: बिहार फायरिंग के बाद नेपाल से लगती सीमा पर एसएसबी अलर्ट
India-Nepal Border Dispute: बिहार फायरिंग के बाद नेपाल से लगती सीमा पर एसएसबी अलर्ट

हल्द्वानी, जेएनएन : नेपाल की ओर से बिहार के सीतामढ़ी सीमा पर फायरिंग में युवक की मौत के बाद उत्तराखंड की पिथौरागढ़, टनकपुर और ऊधमसिंह नगर जिले की खटीमा सीमा पर अलर्ट जारी कर दिया गया है। यहां एसएसबी ने अन्य दिनों की अपेक्षा गश्त बढ़ा दी। हालांकि नेपाल में लॉकडाउन के कारण सीमा पर आवाजाही ठप है।

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चीन सीमा तक सीधी पहुंच के लिए सीमा सड़क संगठन की ओर से बनाई गई सड़क आठ मई को राष्ट्र को समर्पित हो गई। इसके बाद से ही नेपाल का रुख बदल गया है। उसने सड़क को अतिक्रमण बता विरोध शुरू कर दिया। इस बीच उसने भारतीय क्षेत्र लिपुलेख, कालापानी और लिंपियाधुरा को अपना बताते हुए नया राजनीतिक नक्शा ही जारी कर दिया। इसके बाद से ही नेपाल लगातार भारत विरोधी बयानबाजी दे रहा है। इसे लेकर कुमाऊं से लगती नेपाल सीमा की संवेदनशीलता बढ़ गई। शुक्रवार को बिहार की घटना ने इसे और भी गंभीर बना दिया।

2019 से शुरू हुई तनातनी

दो नवंबर 2019 को भारत ने नक्शा जारी किया। इसमें लिंपियाधुरा, लिपुलेख व कालापानी भी शामिल रहे। इसपर नेपाल ने एतराज जताया। इसे वास्तविक नक्शे के विपरीत बताया। हालांकि भारत ने तब नेपाल को आश्वस्त किया था। इसके बाद विवाद शांत हो गया, लेकिन मई के पहले सप्ताह में चीन सीमा तक बनी गर्बाधार-लिपुलेख सड़क के बाद नेपाल ने फिर इसे नए सिरे से तूल देना शुरू कर दिया।

जड़ में कालापानी विवाद

नेपाल-भारत और तिब्बत के त्रिकोणीय सीमा स्थित कालापानी 3600 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। विवाद की असल वजह इसे ही बताई जा रही है। करीब 35 वर्ग किलोमीटर का यह इलाका उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले का हिस्सा है। उधर, नेपाल का दावा है कि यह इलाका उसके दार्चुला जिले में आता है। वर्ष 1962 में भारत और चीन के बीच हुए युद्ध के समय भी भारतीय सेना की कालापानी में चौकी थी। यहां आज भी भारत तिब्बत सीमा पुलिस के जवान तैनात हैं। नेपाल का आरोप है कि कालापानी में भारत की मौजूदगी सुगौली संधि का उल्लंघन है। दोनों देशों के बीच विवाद महाकाली नदी के उद्गम स्थल को लेकर भी है। यह नदी कालापानी इलाके से होकर गुजरती है।

तेजी से बदला घटनाक्रम

08 मई : केंद्रीय रक्षा मंत्री ने गर्बाधार-लिपुलेख मार्ग राष्ट्र को समॢपत किया

09 मई : नेपाल ने निर्माण को अतिक्रमण बताया। पूरे देश में भारत के विरोध में प्रदर्शन

10 मई : नेपाली मंत्रीमंडल की बैठक में भारत पर 400 वर्ग किमी भूभाग पर कब्जे का आरोप लगा

11 मई : नेपाली विदेश मंत्री प्रदीप कुमार ज्ञावली ने भारत सरकार को पत्र लिखकर अपनी आपत्ति दर्ज कराई

18 मई : नेपाल ने नया नक्शा जारी कर लिंपियाधुरा, लिपुलेख व कालापानी को अपना बताया 

नेपाल सीमा पर एसएसबी अलर्ट पर है। बिहार की घटना को देखते हुए अतिरिक्‍त सतर्कता बरती जा रही है। जवानों को 24 घंटे मुस्‍तैद रहने को कहा गया है। -एसके शासनी, सेनानी-55वीं वाहिनी एसएसबी

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