पांच साल में 46 लाख किए खर्च, फिर भी नहीं बदली शहर के नालों की तस्वीर
नगर निगम ने 46 लाख रुपये नालों की सफाई में खर्च कर दिए। पांच वर्षों के दौरान सफाई व नालों की तस्वीर भले ही न बदली हो, लेकिन नगर निगम ने अपनी तरह से किसी तरह की कसर नहीं छोड़ी है।
हल्द्वानी, जेएनएन : आपको जानकर भले ही हैरत हो, लेकिन यह हकीकत है कि नगर निगम ने 46 लाख रुपये नालों की सफाई में खर्च कर दिए। यह आंकड़ा पिछले पांच वर्षों का है। पांच वर्षों के दौरान सफाई व नालों की तस्वीर भले ही न बदली हो, लेकिन नगर निगम ने अपनी तरह से किसी तरह की कसर नहीं छोड़ी है। नालों की सफाई में खर्च हुआ वजट तो कम से कम इस बात की पुष्टि करता है। आरटीआइ कार्यकर्ता हेमंत गौनिया ने नगर निगम से सूचना अधिकार अधिनियम के तहत पिछले पांच वर्षों में नालों की सफाई में हुए खर्च का ब्योरा मांगा था। लोक सूचना अधिकारी ने जवाब में बताया है कि पांच वर्षों में 46.06 लाख रुपये नालों की सफाई में व्यय हो गए। निगम की जानकारी के अनुसार शहर में आठ नाले हैं। हर वर्ष वर्षाकाल के दौरान नगर निगम नालों की सफाई करता है। निगम के रिकॉर्ड के अनुसार हर वर्ष 9 लाख से अधिक की राशि नालों की सफाई में व्यय हो रहा है। खास बात ये है कि इतनी राशि खर्च होने के बाद भी नालों की तस्वीर नहीं बदली।
चार माह खड़ी होती है मुसीबत : वर्षाकाल के दौरान के चार माह में नालों की सफाई नहीं होने से लोगों को बड़ी परेशानी उठानी पड़ती है। निगम बरसात से ठीक पहले नालों की सफाई की बात करता है लेकिन समय पर टेंडर नहीं होने व दूसरी वजह से नालों की सफाई नहीं हो पाती है।
ये नाले हैं गंदगी के प्रतीक
- हाइडिल गेट से आवास विकास
- आवास विकास से सुभाषनगर रेलवे क्रासिंग से राजपुरा
- राजपुरा चौराहे से बकरा स्टालर आउस होता हुआ गौला
- केएमओयू स्टेशन से ताज चौराहा, उजाला नगर होते हुए शनि बाजार
- काबुल का बगीचा, पप्पू का बगीचा होते हुए रेलवे क्रासिंग की ओर
- बाम्बे क्रॉकरी से सुशीला तिवारी अस्पताल तक
- गुसाई नगर से जेल कैंपस होते हुए हीरानगर पार्क तक
- कालाढूंगी रोड से एशबाग होते हुए पेट्रोल पंप के पास तक
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