Uttarakhand Lockdown Day 4 : छोटे रिटेलरों ने बड़े व्यापारियों पर कालाबाजारी करने का लगाया आरोप
बाजार के छोटे राशन विक्रेताओं ने बड़े थोक व्यापारियों पर आरोप लगाते हुए कालाबाजारी और मुंह मांगे दाम वसूलने का आरोप लगाया है।
हल्द्वानी, जेएनएन : पूरा देश इस समय कोरोनावायरस महामारी से लड़ रहा है। लॉकडाउन के दौरान सिर्फ खाने-पीने की चीजों को खरीदने के लिए छूट दी गई है। ताकि किसी घर में खाने का संकट पैदा न हो। वहीं, बाजार के छोटे राशन विक्रेताओं ने बड़े थोक व्यापारियों पर आरोप लगाते हुए कालाबाजारी और मुंह मांगे दाम वसूलने का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि बड़े व्यापारियों ने ऐसी स्थिति में भी दाम बढ़ा दिए। और बाजार में खरीददारी करने पहुंचे ग्राहक छोटे रिटेलर से बहस कर रहे हैं।
लॉकडाउन को लेकर खाने-पीने की चीजों की कालाबाजारी न हो इसके लिए प्रसाशन नजर रखें हुए हैं। इधर, मंगलपड़ाव राशन मंडी के फुटकर दुकानदारों ने बताया कि 20 मार्च के बाद से सभी दालों, आटा और चावल में दाम बढ़ाकर बड़े व्यापारियों ने गलत किया है। ऐसे समय में जनता की पीड़ा को समझा जाना चाहिए।
थोक वालों से रिटेलर की खरीद
दाल पहले खरीद नई खरीद
अरहर 75 100
चना 55 80
चना धुला 55 90
मूंग धुली 105 125
लोबिया 65 85
चीनी 34 36
आटा 260 300 (10 किलो)
नोट- छोटे दुकानदारों के मुताबिक नए रेट में थोक माल खरीदने के बाद प्रति किलो में 10-15 रुपए मार्जन रख वह फूटकर में बेच रहे है।
डंप माल पर बडे कारोबारियों ने बढाया रेट
पवन कुमार अग्रवाल, फर्म राम निवास अग्रवाल ने बताया कि बड़े व्यापारियों द्वारा दाम बढ़ाकर जनता का उत्पीड़न किया जा रहा है। ग्राहक का सामना फुटकर विक्रेता को करना पड़ता है, लिहाजा नाराजगी भी हमें झेलनी पड़ रही है। ऐसे लोगों पर कार्रवाई होनी चाहिए। प्रशांत अग्रवाल, फर्म बंसल लाल मूल चंद ने कहा कि 20 मार्च के बाद डंप माल पर रेट बढ़ा दिए गए। हमारी मजबूरी है कि खरीद रेट पर 5-10 रुपए ऊपर लें। बड़े थोक कारोबारियों को लूट नहीं मचानी चाहिए। एडीएम केएस टोलिया ने मामले में पूछने पर कहा कि फुटकर व्यापारियों का मामला संज्ञान में नहीं था। इसकी जांच करवाई जाएगी।
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