अधिकांश चर्म रोगों का इलाज पूरी तरह संभव नहीं, इलाज और परहेज से की जा सकती है नियंत्रित
डा. सुशीला तिवारी अस्पताल में चर्म रोग विशेषज्ञ डा. पिडयांग्टी गिरी मावलोंग रविवार को दैनिक जागरण के कार्यक्रम में पहुंची। जहां उन्होंने फोन करने वाले पाठकों की समस्याओं का जवाब दिया। इस दौरान दर्जनों लोगों ने फोन कर चर्म रोग संबधी समस्याओं कारण और समाधान जाना।

जागरण संवाददाता, हल्द्वानी : अधिकांश चर्म रोगों का इलाज पूरी तरह संभव नहीं है। कई बार इलाज करने के बाद भी बीमारी फिर उभर जाती है। इसलिए घबराने की जरूरत नहीं है। सही इलाज और परहेज से बीमारी को नियंत्रित किया जा सकता है। साथ ही समय-समय पर चर्म रोग विशेषज्ञ से परामर्श लेते रहना चाहिए।
यह परामर्श डा. सुशीला तिवारी अस्पताल में चर्म रोग विशेषज्ञ डा. पिडयांग्टी गिरी मावलोंग ने दिया। वह रविवार को दैनिक जागरण के हैलो डाक्टर कार्यक्रम में उपस्थित थी। पेश है मरीज व डाक्टरों के बीच बातचीत पर आधारित रिपोर्ट।
सवाल : हाथों में एलर्जी रहती है। बार-बार तेज खुजलाने का मन करता है। छाल तक निकल आती है। क्यों करें?
बजापुर से हीरा सिंह, हल्द्वानी से दीवान सिंह, भीमताल से भुवन, बिंदुखत्ता से चंदन सिंह
डाक्टर : साबुन लगाना तुरंत बंद कर दें। साबुन से दिक्कत और बढ़ते रहेगी। मेडिकल स्टोर से खरीद कर किसी भी तरह का ट्यूब इस्तेमाल न करें। इस तरह के ट्यूब लगाने से कई बार बीमारी दब जाती है और बाद में इलाज करना भी मुश्किल हो जाता है। यह बीमारी हाथों के साथ ही पांवों में भी होने लगती है।
सवाल : सफेद दाग यानी विटिलिगो की समस्या है। कई डाक्टरों से दवा ले ली है, लेकिन कोई फर्क ही नहीं पड़ता है।
बिंदुखत्ता से महेश सिंह, भीमताल से कमल जोशी, गौलापार से उमेश चंद्र
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जवाब : इस बीमारी को पूरी तरह ठीक करना संभव नहीं है। इसलिए ऐसे किसी भी झांसे में नहीं आना चाहिए जो कहे कि इस बीमारी को पूरी तरह ठीक कर देंगे। हां, शुरुआती स्तर पर ही चर्म रोग विशेषज्ञ से इलाज शुरू कर दें। सही इलाज व सावधानी बरतने से बीमारी को नियंत्रित किया जा सकता है। बीमारी के नियंत्रित होने पर सर्जरी से दाग को हटाए जा सकते हैं। इसलिए बीमारी का नियमित इलाज कराना बेहतर है। इससे जुड़ी दइवायों के दुष्प्रभाव भी बहुत हैं। इसलिए डाक्टर के परामर्श पर ही दवाइयां का सेवन करें।
सवाल : ठंड शुरू होते ही खुजली हाेने लगती है। बाल रूसी और त्वचा शुष्क हो जाती है। ऐसे में क्या करना चाहिए?
कोटाबाग से सुरेंद्र सिंह
डाक्टर : इसका भी स्थायी इलाज नहीं है, लेकिन सिर में तेल न लगाएं। सिर में साबुन इस्तेमाल न करें। अच्छा शैंपू ही प्रयोग में लाएं।
सवाल : सोराइसिस की समस्या है। क्या यह पूरी तरह ठीक हो सकता है?
काशुपीर से चरन सिंह
डाक्टर : सोराइसिस रोग अति सक्रिय प्रतिरोधक प्रणाली से होता है। इसमें शरीर की प्रतिरोधक प्रणाली ही स्वस्थ कोशिकाओं और ऊतकों पर हमला करती है। इस बीमारी में सामान्य अंगों में खुजली होती है। त्वचा पर पपड़ी जैसी ऊपरी परत जम जाती है। शरीर में लाल-लाल धब्बे और चक्कते बन जाते हैं। वैसे इस बीमारी का पूरा इलाज संभव नहीं है, लेकिन समय पर इलाज से नियंत्रित किया जा सकता है।
इन्होंने भी लिया परामर्श
हैलो जागरण कार्यक्रम में फोन कर बिंदुखत्ता से कुंवर सिंह, हल्द्वानी से कुसुम, नैनीताल से प्रमोद, भीमताल से बीएस बिष्ट, अल्मोड़ा से राजेश, काशीपुर से योगेश सक्सेना, धीरेंद्र, पिथौरागढ़ से भूपेंद्र सिंह आदि ने भी फोन कर परामर्श लिया।

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