जमरानी बांध: जमीन मिलने के बाद उत्तराखंड के छह गांवों को इस शहर में मिलेगा घर, ये है प्लान
उत्तराखंड में जमरानी बांध परियोजना से प्रभावित छह गांवों के निवासियों को हल्द्वानी में पुनर्वासित किया जाएगा। भूमि अधिग्रहण के बाद सरकार ने यह योजना बनाई है ताकि प्रभावित परिवारों को बेहतर आवास और जीवन स्तर मिल सके। इस परियोजना से क्षेत्र में विकास और रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे।

जमीन देने वाले छह गांवों के ग्रामीणों को किच्छा के गडरियाबाग में बसाया जाएगा।
जागरण संवाददाता, हल्द्वानी। जमरानी बांध के लिए पहाड़ का पुस्तैनी घर और जमीन देने वाले छह गांवों के ग्रामीणों को किच्छा के गडरियाबाग में बसाया जाएगा। यहां 300 एकड़ भूमि में मास्टर प्लान के तहत सुविधाओं का खाका खींचने का काम जारी है। लेकिन सड़क को लेकर फिलहाल असमंजस की स्थिति नजर आ रही है।
हाईवे के बगल से रेलवे ट्रैक जुड़ा हुआ है, इसलिए आधा किमी लंबी सड़क का निर्माण होना है। ताकि पहाड़ गांवों से शहर के नए आशियाने में पहुंचने के बाद ग्रामीणों को आने-जाने में दिक्कत न हो। लेकिन राजस्व विभाग की सहमति के बाद ही सड़क का काम शुरू हो सकेगा। क्योंकि, भूमि के इस हिस्से में राजस्व विभाग का स्वामित्व है। समस्या के समाधान को जमरानी परियोजना के अफसरों ने पत्र भेज दिया है।
जमरानी बांध की जद में भीमताल ब्लाक के छह गांव तिलवाड़ी, मुरकुड़िया, उडूवा, गनराड़, पनियाबोर और पस्तोला गांव भी आ रहे हैं। पुनर्वास और मुआवजे को लेकर अलग-अलग श्रेणी बनाई गई है। ए श्रेणी के 213 लोगों का घर-मकान दोनों बांध में समा जाएगा। इसलिए इन्हें किच्छा के गडरियाबाग (प्राग फार्म के पास) में बसाया जाएगा। इन्हें एक एकड़ खेेती भूमि और 200 वर्ग मीटर का भूखंड मकान निर्माण के लिए मिलेगा। बी श्रेणी के 821 लोगों की केवल पुस्तैनी जमीन जा रही है। इन्हें केवल नकद मुआवजा मिला है।
वहीं, ए श्रेणी परिवार से जुड़े 18 साल से अधिक उम्र के 233 युवाओं को गडरियाबाग में 50 वर्ग मीटर जमीन में पीएम आवास योजना के तहत घर बनाकर दिया जाएगा। गडरियाबाग में 300 एकड़ भूमि पूर्व में राजस्व से सिंचाई विभाग को ट्रांसफर हो रही थी। वर्तमान में मास्टर प्लान के तहत यह मूलभूत सुविधाओं काे विकसित करने का काम जारी है। लेकिन पहाड़ से मैदान पहुंचने वाले छह गांवों के लोगों के लिए दिक्कत यह है कि जिस जगह उन्हें बसाया जा रहा है। वहां हाईवे किनारे रेलवे ट्रैक है। यानी भविष्य में आवागमन में दिक्कत होगी। समस्या के समाधान को 18 मीटर चौड़ी और आधा किमी लंबी नई सड़क बनाने का प्रस्ताव तैयार किया गया है। जिसके निर्माण के लिए राजस्व विभाग की सहमति जरूरी है।
पांच मीटर रास्ते के कारण मशीनों के आने में दिक्कत
जमरानी परियोजना के अधिकारियों के अनुसार 300 एकड़ भूमि पर सुविधाओं का खाका खींचने में बुलडोजर व पोकलैंड के आने-जाने के लिए अभी पांच मीटर चौड़ा रास्ता ही विकल्प है। भविष्य में कई बड़ी मशीनें भी पहुंचेगी। तब संकरे रास्ते की वजह से परेशानी खड़ी होगी। इसके अलावा मास्टर प्लान के हिसाब से भी यह सड़क कम चौड़ी है।
आधा किमी लंबी और करीब 18 मीटर चौड़ी सड़क बनाने का प्रस्ताव है। सड़क जिस हिस्से से निकलेगी। वह राजस्व भूमि होने के कारण पत्र भेजा गया है।
- हिमांशु पंत, परियोजना प्रबंधक जमरानी
जमरानी परियोजना के अधिकारियों ने पुनर्वास स्थल पर को सड़क से जोड़ने के लिए पत्राचार किया हैै। मामले के परीक्षण के बाद ही प्रक्रिया आगे बढ़ेगी।
- गौरव पांडे, एसडीएम किच्छा (ऊधम सिंह नगर)

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