शौर्य डोभाल की सरकारी विभागों को खरी-खरी, बोले- फाइलों को दबाने की प्रवृत्ति करनी होगी खत्म
इंडिया फाउंडेशन के संस्थापक एवं निदेशक शौर्य डोभाल शनिवार को नैनीताल में थे।
जागरण संवाददाता, नैनीताल : इंडिया फाउंडेशन के संस्थापक एवं निदेशक शौर्य डोभाल ने कहा है कि तरक्की के लिए सरकारी विभागों को फाइल दबाने की प्रवृत्ति खत्म करनी होगी। उन्होंने युवा पीढ़ी से नए इनोवेटिव आइडिया के अनुसार काम कर आत्मनिर्भर बनने व देश के विकास में योगदान देने का आह्वान किया है। शौर्य ने कहा कि उत्तराखंड को तरक्की के लिए स्वीडन व इजराइल माडल अपनाना होगा।
राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के बेटे शौर्य शनिवार को उत्तराखंड प्रशासन अकादमी में सेवा प्रवेश प्रशिक्षण कार्यक्रम के समापन अवसर पर बोल रहे थे। उन्होंने उत्तराखंड की विषम भौगोलिक परिस्थितियों का जिक्र करते हुए कहा कि गिरती अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए युवा पीढ़ी के नए आइडियाज को प्रोत्साहन देना होगा। डोभाल व एकेडमी के निदेशक राजीव रौतेला ने प्रतिभागियों द्वारा तैयार न्यूज लेटर 'ध्वनि : वाइस ऑफ उत्तराखंड', शोध पत्रों का संकलन 'जर्नल ऑफ उत्तराखंड एकेडमी ऑफ एडमिनिस्ट्रेशन' का विमोचन किया। इस दौरान नवनीत पांडे, दीपक पालीवाल, दिनेश राणा, वीके सिंह, पूनम पाठक, मनोज पांडे, डा ओम प्रकाश, गीता कांडपाल आदि थे। गांवों में बनाने होंगे ईकोनामी सेंटर
शौर्य डोभाल ने गांवों को ईकानामी सेंटर के रूप में विकसित करने पर भी जोर दिया है। उन्होंने कहा कि जब संशाधन पैदा होंगे तो बेरोजगारी और गिरती अर्थव्यवस्था जैसी समस्या स्वतं ही समाप्त हो जाएगी। एटीआइ में कार्यक्रम के बाद पत्रकारों से डोभाल ने कहा कि कोरोना का सीधा असर अर्थव्यवस्था पर पड़ा है। उत्तराखंड पर्यटन प्रदेश होने के कारण इससे अधिक प्रभावित हुआ है। इससे निकलने के लिए छोटे-छोटे प्रयास करने होंगे। इंडिया फाउंडेशन थिंक टैंक भी भरसक प्रयास करेगी। गांवों में ऐसी चीजों का उत्पादन किया जाए, जिसकी मांग समूचा विश्व करे। एक सवाल के जवाब में कहा कि राजनीति को वह करियर नहीं मानते। फिर भी यदि उच्च स्तर से कोई जिम्मेदारी मिलेगी तो उसे बखूबी निभाएंगे।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।