पालिकाओं में लागू होगी स्वकर निर्धारण प्रणाली, जानिए क्या होगा फायदा
नगर निगमों के बाद अब सूबे के पालिकाओं में स्वकर निर्धारण प्रणाली लागू करने की तैयारी अंतिम चरण में पहुंच गई है। शासन स्तर पर होमवर्क जोरशोर से चल रहा है।
नैनीताल, जेएनएन : नगर निगमों के बाद अब सूबे के पालिकाओं में स्वकर निर्धारण प्रणाली लागू करने की तैयारी अंतिम चरण में पहुंच गई है। शासन स्तर पर होमवर्क जोरशोर से चल रहा है। इस प्रणाली के लागू होने के बाद पालिकाओं को मिलने वाले भवनकर में कम से कम दस गुना बढ़ोत्तरी होना तय है। इस प्रणाली के प्रभावी होने से कर्मचारियों के वेतन-पेंशन समेत अन्य देयकों के लिए शासन का मुंह ताक रहे निकायों को भी छुटकारा मिलेगा। साथ ही कर निर्धारण में भी एकरूपता आएगी।
दरअसल, नगरपालिका-नगर पंचायत में पंचवर्षीय कर निर्धारण प्रणाली को लेकर अर्से से सवाल उठते रहे हैं। इस प्रणाली की वजह से प्रभावशाली लोगों के भवनों व व्यावसायिक प्रतिष्ठानों को नाम मात्र का भवन कर चुकाना पड़ता है, जबकि जिसकी पहुंच ना हो, उसका कर निर्धारण मनमाने तरीके से कर दिया जाता है। तमाम विसंगतियों की वजह से निकायों को आर्थिक नुकसान भी होता है। साथ ही कर वसूली में कठिनाइयां भी आती हैं। गौरतलब है कि नैनीताल के आलीशान होटलों के भवन कर में ही भारी विसंगतियां हैं।
नैनीताल पालिका बोर्ड पारित कर चुका है प्रस्ताव
नैनीताल नगरपालिका बोर्ड की पिछले साल मार्च में हुई बैठक में स्वकर निर्धारण प्रणाली लागू करने का प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित हो चुका है। इसके बाद इसे शासन को भी भेजा जा चुका है। ईओ रोहिताश शर्मा के अनुसार अगले वित्तीय वर्ष से स्वकर निर्धारण प्रणाली को लागू किया जाएगा। इसके लिए पालिकास्तर पर जरूरी कदम उठाए जाएंगे। पालिका की पिछली बोर्ड में कर समिति अध्यक्ष रहे डीएन भट्ट ने माना कि इस प्रणाली के लागू होने से कम से कम दस गुना अधिक भवन कर पालिका को मिलेगा। इस प्रणाली के तहत भवन स्वामी खुद तय फार्मेट में जानकारी भरेगा, इसके बाद उसकी जानकारी का सत्यापन पालिका कर्मियों द्वारा किया जाएगा।
इन मानकों से होगा कर निर्धारण
भवन के समीप की सड़क पर सफाई के इंतजाम, डस्टबिन से कूड़ा उठता है या नहीं। स्ट्रीट लाइट जलती है या नहीं। सड़क पर रेलिंग, सड़क का प्रकार फोरलेन, टू लैन या अन्य, भवन की शहर से दूरी, भवन के कमरों का किराया
कर वसूली में पिछड़ी पालिका
पालिका दिसंबर 2018 तक एक करोड़ 35 लाख भवन कर व एक करोड़ 70 लाख सफाई कर वसूलना था। कर अधीक्षक लता आर्य के अनुसार दिसंबर तक भवन कर 56 लाख 53 हजार जबकि सफाई कर 82 लाख 82 हजार ही वसूला गया। कुल करीब तीन करोड़ में से एक करोड़ 39 लाख की वसूली हुई। अगले तीन माह डेढ़ करोड़ से अधिक की वसूली होनी है।
पालिकाओं में स्वकर निर्धारण प्रणाली लागू की जा रही है
उदय सिंह राणा, अपर निदेशक शहरी विकास ने बताया कि नगर पालिकाओं में स्वकर निर्धारण प्रणाली लागू की जा रही है। शासन स्तर पर होमवर्क जोरशोर से पूरा किया जा रहा है। यह डिजिटल मोड में राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र के माध्यम से लागू होगा, इसलिए तकनीकी सिस्टम भी तैयार किया जा रहा है। इस प्रणाली के लागू होने से निश्चित तौर पर पालिकाओं की आर्थिक स्थिति सुदृढ़ होगी।
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