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    Sanskarshala Haldwani : जितनी अधिक जानकारी उतनी मजबूत होगी डिजिटल सुरक्षा

    By ganesh pandeyEdited By: Skand Shukla
    Updated: Thu, 03 Nov 2022 08:09 AM (IST)

    लोग समझते है इंटरनेट पर गेम खेलकर या अन्य तरीकों से किसी ने पैसे कमा लिए तो हम क्यों न आजमाएं। इस प्रकार वे रात-दिन डिजिटल दुनिया में खोए रहते है। लाखों में कोई एक पैसे कमाता है तो उसे देखकर लाखों लोग अपना समय स्वास्थ्य पैसा बर्बाद करते हैं।

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    Sanskarshala Haldwani : डिजिटल प्लेटफार्म पर सुरक्षा पहलू को ध्यान में रखना बहुत जरूरी

    हल्द्वानी : डिजिटल ऐसी दुनिया है जहां हर चीज आसानी से आनलाइन उपलब्ध हो जाती है। इंटरनेट व टेक्नोलाजी ने हमारी रोजमर्रा की जिंदगी को काफी आसान बना दिया है। डिजिटल दुनिया में संसार का हर कोना आपस में जुड़ा हुआ है।

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    व्यापार, शिक्षा, स्वास्थ्य, परिवहन, स्कूल, कालेज से लेकर निजी जीवन को लेकर भी डिजिटल सहायता ली जा रही है। ई-मेल, वेबसाइट या अन्य तरीकों से सूचना का आदान-प्रदान चुटकी में हो रहा है। आनलाइन सुविधा के साथ डिजिटल दुनिया की चुनौतियां भी बढ़ रही हैं। डिजिटल दुनिया में कई लोग घंटों समय की बर्बादी भी कर रहे हैं। आनलाइन धोखाधड़ी के मामले में आए दिन सामने आते हैं।

    लुभावने विज्ञापनों के जरिये माइंड वाश करके बेवकूफ बनाया जाता है। अत्यधिक इंटरनेट इस्तेमाल करने से उसकी लत भी लग जाती है। जिससे समय व धन दोनों की बर्बादी होती है। सबसे बड़ी समस्या स्वास्थ्य की खड़ी हो रही है। दिनभर इंटरनेट पर बैठे-बैठे शारीरिक गतिविधियां न के बराबर हो गई हैं। इसका सीधा प्रभाव हमारे शरीर पर पड़ता है। डिजिटल दुनिया कई लोगों को एक प्रकार से एडिक्ट भी बना रही है।

    लोग समझते है इंटरनेट पर गेम खेलकर या अन्य तरीकों से यदि किसी ने इतने पैसे कमा लिए तो हम भी क्यों न आजमाएं। इस प्रकार वे रात-दिन डिजिटल दुनिया में खोए रहते है। लाखों में कोई एक पैसे कमाता है तो उसे देखकर लाखों लोग अपना समय, स्वास्थ्य, पैसा बर्बाद करते हैं।

    कुछ बुनियादी सावधानियां प्राथमिक सुरक्षा प्रदान कर सकते हैं। जैसे इंटरनेट बैकिंग या किसी भी जरूरी अकाउंट को काम पूरा होने के बाद लागआउट करना। रिमेम्बर पासवर्ड या कीप लागिंन जैसे विकल्प को बंद रखना चाहिए। साइबर कैफे, आफिस या सार्वजनिक सिस्टम से बैंकिंग लेनदेन न करें। पासवर्ड किसी के साथ साझा नहीं करना चाहिए।

    फेसबुक, ट्विटर, अन्य साइट्स व इंटरनेट बैकिंग के पासवर्ड मेल आदि पर सेव नहीं करने चाहिए। वेबसाइट पर खुलने वाले इनाम, आफर को लेकर भी सतर्क रहें। गेम व दूसरे एप्लीकेशन का इस्तेमाल करते वक्त कोई निजी सूचना साझा न करें। ओटीपी, बैंक डिटेल, आधार व पेन नंबर आदि किसी के साथ साझा न करें। ये सब बुनियादी सावधानी है। डिजिटल सुरक्षा के प्रति हमारे पास जिनकी अधिक जानकारी होगी, उतनी ही अधिक सुरक्षा होगी।

    डिजिटल सुरक्षा बेहद जरूरी

    हमारी डिजिटल सुरक्षा या डिजिटल जानकारी कितनी सुरक्षित है। यह आज के समय में बहुत बड़ा सवाल हो गया है। आनलाइन सर्च इंजन, इंटरनेट मीडिया माध्यम व मोबाइल एप हर कोई हमारे बारे में जानकारी इकट्ठा करता है। जिसे गोपनीय रखने को लेकर सभी आश्वासन तो देते हैं लेकिन उसकी सुरक्षा को लेकर कोई भी शतप्रतिशत गारंटी नहीं दे सकता। इसलिए डिजिटल सुरक्षा के उपाय किए जाना बेहद जरूरी हो गया है।

    हर तरफ से चुनौती

    डिजिटल माध्यम से हमें सहूलियत दी है, लेकिन हर स्तर पर फ्राड की संभावना भी मौजूद रहे। ईमेल के जरिए स्पैम, किसी वस्तु विशेष के प्रचार का मेल, किसी कंपनी के गोपनीय दस्तावेजों को सार्वजनिक करना, वायरस को मेल के माध्यमों से फैलाना, इंटरनेट चैट के जरिये गलत काम को अंजाम देना, साफ्टवेयर प्राइवेसी जैसे कई इंटरनेट माध्यमों से साइबर अपराध को अंजाम दिया जाता है। सरकार व विभागीय स्तर पर बचाव के लिए दिशा-निर्देश तो दिए जाते हैं लेकिन जाने-अनजाने लोग शिकार हो जाते हैं।

    -अनीता जोशी, प्रधानाचार्या सेंट लारेंस सीनियर सेकेंडरी स्कूल हल्द्वानी