Russia-Ukraine War : दीदी मैं घर आना चाहती हूं...उंजिला की इस बात से भावुक हुआ परिवार
Ukraine War Update Hindi यूक्रेन में फंसे भारतीय बच्चों का परिवार खाना-पीना छोड़कर टीवी व फोन पर उनके बारे में जानना चाह रहा है। परिवार से बात कर वहा ...और पढ़ें

टीम जागरण, ऊधमसिंह नगर : उत्तराखंड के ऊधमसिंह नगर से सर्वाधिक 32 बच्चे यूक्रेन में पढ़ाई कर रहे हैं। काशीपुर से चार छात्र-छात्राएं यूक्रेन में युद्ध के बीच एक-एक पल इस उम्मीद से काट रहे हैं कि उनके देश की सरकार उन्हें जल्द यहां से ले जाएगी। स्वजन अपने बच्चों की सलामती की दुआ मांग रहे हैं।
काशीपुर : यूक्रेन में काशीपुर की तीन छात्राएं और एक छात्र हैं। जिनमें महेशपुरा फ्रेंड्स कालोनी मंझरा रोड काशीपुर के अहमद शम्स तथा उसकी बहन मरियम अंसारी, परसादीलाल बाग कटोरा ताल की उंजिला सैफी एवं थाना आइटीआइ जसपुर खुर्द निवासी सुखबीर कौर हैं। अहमद एक वर्ष से यूक्रेन के कीव में तो उसकी बहन मरियम विनिसिया में एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहे हैं। उजिला 3 वर्षों से यूक्रेन में एमबीबीएस का कोर्स कर रही है तथा वर्तमान में खारकीव में है। वहीं सुखबीर कौर विनिसिया में 3 वर्षों से एमबीबीएस कर रही हैं।
यूक्रेन में उजिला डिकल यूनिवर्सिटी में एमबीबीएस की पढ़ाई कर रही हैं। उजिला ने सुबह फोन पर बताया कि वह एक बिङ्क्षल्डग के बेसमेंट में पनाह लिए हुए है। बताया कि कालेज में दो दिन पहले तक उसकी आफलाइन क्लास चली और कालेज प्रशासन की ओर से सब कुछ ठीक है कहा गया लेकिन एक दिन बाद ही हालात बदल गए।
महंगे मिल रहे खाने-पीने के सामान
काशीपुर के शम्सुल आरिफ उर्फ गुड्डू ने बताया कि उनके बेटे अहमद और बेटी मरियम को बंकर में रहना पड़ रहा है। खाने-पीने का सामान दोगुने कीमत पर मिल रहा है। मार्शल ला लागू है।
अलग-अलग रूम में टोलियों में रखा गया है
दिनेशपुर : यूक्रेन में दिनेशपुर के अमन के स्वजनों ने बताया कि अभी भी अमन अन्य छात्रों के साथ खारकीव में ही है। उन्हें अलग-अलग रूम में टोलियों में रखा गया है। सुरक्षा के मद्देनजर उन्हें कमरे से बाहर निकलने से मना किया गया है। अमन के पिता दीपांकर राय ने बताया कि बेटे के लिए स्वजन काफी चिंतित हैं। खारकीव शहर पर रूस का कब्जा हो चुका है। अभी तक यह तय नहीं हो सका कि कब तक उन्हें खारकीव शहर से बाहर निकाला जाएगा।

बच्चों को सही सलामत वापस लाए जाने की लगायी गुहार
खटीमा: क्षेत्र के कुटरी पचौरिया निवासी तुषार बिष्टï, अमाऊं की मिताली बिष्टï, पालीप्लेक्स कालोनी के अंकुर वर्मा, झनकट के भजन सिंह एवं लोहियहेड रोड के ऋषभ लोहिया भी यूक्रेन में फंसे हुए हैं। सरकार को सही समय पर उचित कार्रवाई करनी चाहिए। क्योंकि वहां बच्चों के पास खाने-पीने की समस्या बनी हुई है।
पुलिस से भाई की वापसी की मदद मांगी
जसपुर: यूक्रेन में एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहे युवक के बड़े भाई ने पुलिस को पत्र देकर उसको भारत वापस लाये जाने की मांग की है। मेघावाला गांव निवासी इंद्रजीत ङ्क्षसह ने पतरामपुर पुलिस चौकी इंचार्ज को दिए पत्र में कहा कि उसका छोटा भाई ललित कुमार यूक्रेन में एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहा है। स्वजन उसकी सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं। वहां कि सरकार भारतीय छात्रों की सुरक्षा नहीं कर पा रही है।

बाजपुर क्षेत्र के 8 छात्र
बाजपुर के मुड़िया निवासी मोहम्मद इस्माइल का पुत्र मोहम्मद ताजिम यूक्रेन के कीव में मेडिकल शिक्षा के लिए गया था। मोहम्मद इस्माइल के अनुसार बच्चे पूरी तरह डरे हुए हैं और अपनी सुरक्षा के लिए स्थान परिवर्तन कर रहे हैं। मुंडिया के ही निवासी मोहम्मद शफी का पुत्र शावेद अली भी मेडिकल शिक्षा के लिए यूक्रेन के पोल्टावा में रह रहा हैं। इसी प्रकार हेमंत रैना पुत्र दर्शन कुमार मैनेजमेंट का कोर्स करने के लिए माह अक्टूबर 2021 को यूक्रेन गया हुआ है। आकाश शर्मा पुत्र राजेश शर्मा भी यूक्रेन में शिक्षा ग्रहण करने गया है। इन छात्रों के स्वजनों ने भारत सरकार से अपने बच्चों की सलामती व सकुशल घर वापसी की मांग की है।

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