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    एसएसजे कैम्‍पस में निदेशक पर पेट्रोल डालने के बाद हुए बवाल में क्‍या-क्‍या हुआ अब तक, जानिए सबकुछ

    By Skand ShuklaEdited By:
    Updated: Tue, 19 Nov 2019 10:51 AM (IST)

    भाजपा का आनुषांगिंक संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद यानी एबीवीपी एक बार फिर अपनी ही सरकार से लिए सिरदर्द बन गई है।

    एसएसजे कैम्‍पस में निदेशक पर पेट्रोल डालने के बाद हुए बवाल में क्‍या-क्‍या हुआ अब तक, जानिए सबकुछ

    नैनीताल, स्‍कन्‍द शुक्‍ल : भाजपा का आनुषांगिंक संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद यानी एबीवीपी एक बार फिर अपनी ही सरकार से लिए सिरदर्द बन गई है। अल्‍मोड़ा के एसएसजे कैंपस में हुआ पेट्रोल कांड अब पूरे कुमाऊं भर के कॉलेजों में फैल चुका है। धरना-प्रदर्शन और उग्र आंदोलन ने विश्‍वविद्यालय और कॉलेजों में पठन-पाठन का कार्य ठप करा दिया है। छात्रनेता भी इसे अपनी राजनीति चमकाने के लिए एक बेहतर मौके के रूप इस्तेमाल कर रहे हैं। उनकी अराजकता के आगे शासन-प्रशासन ने भी घुटने टेक रखे हैं। एक तरफ छात्रनेताओं ने कैम्‍पस निदेशक को हटाने और छात्रसंघ अध्‍यक्ष की रिहाई के लिए के लिए विरोध-प्रदर्शनों से लगातार दाबाव बनाए रखा है वहीं दूसरी तरफ कैम्‍पस के शिक्षकों और कर्मचारियों ने भी स्‍पष्‍ट कर दिया है कि यदि कैम्‍पस निदेशक को हटाया गया तो सामूहिक तौर पर इस्‍तीफा दिया जाएगा। आखिर क्‍या है धरना-प्रदर्शनों और छात्रनेताओं के उग्र आंदोलन के पीछे की पटकथा। चलिए पूर प्रकरण को थोड़ा विस्‍तार से समझते हैं।

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    दरअसल पिछले शुक्रवार को प्रथम सेमेस्टर के छात्रों के सत्यापन, विषय परिवर्तन और क्‍लासों में पंखे आदि लगवाने की मांगों को लेकर कुमाऊं विश्‍वविद्यालय के अल्‍मोड़ा स्थित एसएसजे परिसर में बवंडर मच गया था। इन्‍हीं मांगों को लेकर छात्रसंघ अध्यक्ष दीपक उप्रेती अपने समर्थकों के साथ कैम्‍पस के निदेशक प्रो. पथनी से मिलने गया था। परिसर निदेशक ने समझाया कि मांगें करीब-करीब पूरी कर ली गई हैं। उन्‍हें जमीनी स्तर पर उतारने में कुछ समय लग सकता है, लेकिन अमल कर लिया जाएगा। मगर अध्‍यक्ष जी  आश्‍वासन से कहां मानने वाले थे उन्‍होंने तो आंदोलन करना था। तो बातचीत से संतुष्‍ट होने के बजाए वे समर्थकों के साथ नारेबाजी करते हुए बाहर निकल गए और कैम्‍पस बंद करा दिया। मुख्य कार्यालय में तालाबंदी कर छात्रसंघ अध्यक्ष समर्थकों के साथ धरने पर बैठ गए।

    खुद के बाद निदेशन और प्रोफेसर पर डाला पेट्रोल

    इधर छात्रसंघ अध्‍यक्ष को जब समझाने के लिए कैम्‍पस के निदेशक प्रो. पथनी धरना स्थल पर पहुंचे तो वहां का सीन ही बदल गया। छात्रसंघ अध्यक्ष दीपक और समर्थक छात्रों की प्रो. पथनी से तकरार हो गई। बहसबाजी चल ही रही थी कि छात्रसंघ अध्यक्ष ने अपने ऊपर पेट्रोल उड़ेल लिया। उसकी अराजकता यहीं नहीं थमी उसने कैम्‍पस निदेशक और वहां मौजूद इतिहास के विभागाध्यक्ष प्रो. दया पंत पर भी पेट्रोल डाल दिया और आग लगाने की चेतावनी देने लगा। जिसके बाद घटना स्‍थल का माहौल काफी संजीदा हो गया।

    निदेशक ने दी थी तहरीर

    छात्रसंघ अध्‍यक्ष द्वारा पेट्रोल डाले जाने से आहत परिसर निदेशक प्रो. पथनी ने छात्रसंघ अध्यक्ष के खिलाफ बदसलूकी और पेट्रोल डाल आग लगाने के लिए उकसाने का आरोप लगा पुलिस को तहरीर दी। शनिवार को आरोपित छात्र नेता दीपक को पुलिस ने विरोध के बीच परिसर से गिरफ्तार कर किया और उसके खिलफ मुकदमा दर्ज किया गया। सीओ वीर सिंह ने भी कोतवाली पहुंचकर बयान लिए। शाम उसका चिकित्सीय परीक्षण कराकर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट मनमोहन सिंह की अदालत में पेश किया गया। सुनवाई के दौरान आरोपित छात्रसंघ अध्यक्ष की जमानत अर्जी खारिज कर सीजेएम ने जेल भेजने का आदेश दिया।

    गिरफ्तारी ने नाराज एबीवीपी कार्यर्ताओं ने काटा बवाल

    छात्रसंघ अध्‍यक्ष की गिरफ्तारी के बाद से ही एबीवीपी कार्यकर्ताओं का धरना-प्रदर्शन जारी है। रविवार की छुट्टी के बाद सोमवार को जब कॉलेज खुला पुलिस प्रशासन को दरकिनार कर उग्र छात्रों एसएसजे कैम्‍पस बंद करा दिया। वे छात्रसंघ अध्‍यक्ष को रिहा कराने की मांग के साथ ही कैम्‍पस निदेशक को हटाने की मांग करने लगे। इसका असर कुमाऊं भर के कॉलेजों में नजर आया। नैनीताल का डीएसबी कैम्‍पस, हल्‍द्वानी का एमबीपीजी कॉलेज, पिथौरागढ़ कॉलेज को छात्राओं ने हंगामा करते हुए कैंपस बंद करा दिया।   

    विधायक जी छात्रनेताओं के ही सुर बालने लगे

    विवाद को शांत कराने का जिम्‍म मुख्यमंत्री त्रिवेन्‍द्र सिंह रावत ने विधानसभा उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह चौहान को सौंपा है। उन्‍होंने लोनिवि अतिथि गृह में छात्रसंघ अध्यक्ष समर्थकों को बुलाकर उनका पक्ष सुना। इस दौरान वे पूरी तरह से छात्रनेताओं के समर्थन में नजर आए। उन्‍होंने कहा कि प्रॉक्टर बोर्ड को भंग किया जाएगा। साथ ही मामले की जांच कराई जाएगी और यदि डीएसडब्लू व निदेशक दोषी पाए जाते हैं तो उनके खिलाफ भी कार्यवाही की जाएगी। इसके अलावा पूरे मामले में उकसाने वाले दो पुलिस कर्मियों को चिह्नित कर उनके विरुद्ध भी कार्रवाई के लिए उन्‍होंने कहा है। सके बावजूद छात्रनेताओं का कहना है कि जब तक छात्रसंघ अध्यक्ष दीपक उप्रेती की जेल से रिहाई नहीं होती है कैंपस को बंद रखकर धरना-प्रदर्शन जारी रखा जाएगा।

    स्पेशल बैक परीक्षा में नहीं डालेंगे रोड़ा, पर और परीक्षा नहीं होने देंगे 

    छात्रसंघ महासचिव ने कहा कि जब तक दीपक उप्रेती जेल से बाहर नहीं आता तक परिसर बंद रहेगा। स्पेशल बैक परीक्षा में कोई व्यवधान पैदा नहीं पैदा किया जाएगा। लेकिन इसके अलावा यह भी कहा कि कोई और परीक्षा नहीं होने दी जाएगी।

    जांच कमेटी से संयोजक ने कहा, निष्पक्ष होगी पूरी जांच

    एसएसजे परिसर में पेट्रोल प्रकरण पर कुलपति की ओर से गठित जांच समिति के संयोजक कुमाऊं विवि कार्यपरिषद सदस्य अधिवक्ता केवल सती ने कहा कि इस पूरे मामले की शीघ्र निष्पक्ष जांच पूरी कर ली जाएगी। संबंधित सभी पक्षों को सुना जाएगा। जांच समिति संयोजक ने छात्रों व प्रोफेसरों से तीन दिन के भीतर लिखित बयान उन्हें या समिति सदस्य प्रो. डीके भट्ट (विधि विभाग एसएसजे परिसर) को देने के लिए कहा है। सती ने कहा कि मामले से संबंधित महत्वपूर्ण लोगों के बयान वह स्वयं भी लेंगे।

    शिक्षक और कर्मचारियों ने भी खोला मोर्चा

    सोबन सिंह जीना परिसर अल्मोड़ा में निदेशक के साथ की गई अभद्रता के विरोध में परिसर के समस्त शिक्षकों व कर्मचारियों ने बैठक कर इस घटना का विरोध किया। सभी शिक्षकों कर्मचारियों ने कहा कि परिसर में इस प्रकार की घटनाएं आम हो गई हैं। सभी शिक्षकों व कर्मचारियों द्वारा निर्णय लिया गया कि यदि इस प्रकार से छात्रों के दबाब में परिसर प्रशासन को हटाया जाता है तो सभी शिक्षक अपने सभी प्रशासनिक पदों से त्यागपत्र दे देंगे। इस निर्णय के बाद से मामला और पेचीदा हो गया है। शासन पर अब दो तरफा दबाव है। एक तरफ एबीवीपी और दूसरी तरफ शिक्षकों की चेतावनी। देखने वाली बात होगी की बीच का क्‍या रास्‍ता निकाला जाता।

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