उत्तराखंड में तराई से लेकर पहाड़ तक फैल गए रोहिंग्या, सुरक्षा के साथ संप्रभुता के लिए भी बने चुनौती
Rohingya Muslims in uttarakhand बीते कुछ सालों में रोहिंग्या मुसलमान उत्तराखंड के मैदान से लेकर पहाड़ तक तेजी से फैल रहे हैं। इससे न सिर्फ सामाजिक तानाबाना छिन्न भिन्न हो रहा है बल्कि ये देश की सुरक्षा और संप्रभुता के लिए भी खतरा हैं।

अभिषेक राज, हल्द्वानी : बांग्लादेश के रास्ते भारत में दाखिल हुए रोहिंग्या (Rohingya Muslims) ने नेपाल के बाद पहाड़ को सुरक्षित ठिकाना बना लिया है। दलालों के माध्यम से ये हल्द्वानी व ऊधम सिंह नगर के रास्ते उत्तराखंड (Uttarakhand ) के पूरे कुमाऊं मंडल में पहुंच गए हैं। स्थानीय विशेष समुदाय में घुल-मिल धीरे-धीरे अब ये सुरक्षा के साथ ही संप्रभुता के लिए भी चुनौती बन गए हैं।
सुरक्षा एजेंसियों के अनुसार इनका पहाड़ तक पहुंचने का रूट बड़े खतरे की तरफ संकेत कर रहा है। मसलन, इनके लिए बांग्लादेश से लेकर बिहार, उत्तर प्रदेश व उत्तराखंड तक विशेष कारिडोर तैयार किया गया। इसमें उत्तराखंड से सटे उत्तर प्रदेश के कई जिले भी अतिसंवेदनशील श्रेणी में हैं। यहां से उन्हें आज भी बड़ी मदद मिल रही है।
सुरक्षा एजेंसियों के अनुसार बांग्लादेश से होते हुए भारत में दाखिल होने के बाद रोहिंग्या का पहला पड़ाव वाराणसी होता है। यहां से कुछ गोरखपुर की तरफ निकलते हैं जो सोनौली होते हुए नेपाल तक पहुंचते हैं। बाकी लखनऊ की तरफ बढ़ते हैं। यहां से भी एक हिस्सा कानपुर का रुख करता है जो बाद में गाजियाबाद, गुरुग्राम और दिल्ली के विभिन्न क्षेत्रों में बंट जाता है।
वहीं, लखनऊ से शाहजहांपुर, फरदीपुर के रास्ते इनका दल बरेली पहुंचता है। यहां से धीरे-धीरे उत्तराखंड के हल्द्वानी व ऊधम सिंह नगर के रास्ते नैनीताल, अल्मोड़ा, बागेश्वर, चम्पावत व पिथौरागढ़ तक पहुंच जाते हैं। 2012 के बाद इनकी लगातार बढ़ती संख्या सुरक्षा के साथ ही सामाजिक व सांस्कृतिक रूप से भी गंभीर संकट उत्पन्न कर रही है।
सत्यापन के लिए विशेष अभियान
गंभीर होते हालात के बाद कुमाऊं में मंगलवार से रोहिंग्या के खिलाफ विशेष सत्यापन अभियान शुरू किया गया है। इसकी जिम्मेदारी सभी जिले के सीओ को सौंपी गई है। डीआइजी खुद अभियान की निगरानी कर रहे हैं। इसपर प्रदेश गृह मंत्रालय की भी नजर है।
कुमाऊं से सटे उत्तर प्रदेश के संवेदनशील क्षेत्र : रामपुर, मुरादाबाद, स्वार, दडियाल, सहारनपुर, बिजनौर
कुमाऊं के संवेदनशील जिले : ऊधम सिंह नगर, नैनीताल, पिथौरागढ़, चम्पावत
नैनीताल में यहां रहेगी विशेष नजर
सत्यापन अभियान में नैनीताल जिले के कृष्णापुर, बूचडख़ाना, सूखाताल, हरिनगर, बारापत्थर, सीआरएसटी स्कूल के पीछे वाले इलाकों में विशेष नजर रहेगी। नैनीताल के साथ ही भीमताल, भवाली और रामगढ़, मुक्तेश्वर में भी पुलिस बारीकी से सत्यापन करेगी।
सत्यापन अभियान शुरू कर किया गया
डीआइजी कुमाऊं नीलेश आनंद भरणे का कहना है कि सुरक्षा एजेंसियों के इनपुट के आधार पर पूरे कुमाऊं में हमने सत्यापन अभियान शुरू कर दिया है। दस्तावेजों की जांच के साथ ही स्थानीय संपर्क, निवास का समय और कार्यप्रणाली पर भी नजर रहेगी।
रिपोर्ट के आधार पर तत्काल कार्रवाई
एसएसपी ऊधम सिंह नगर मंजूनाथ टीसी का कहना है कि पूरे मामले पर हमारी नजर है। रोहिंग्या के सत्यापन के लिए संबंधित सर्किल अफसर को निर्देश दिया गया है। रिपोर्ट के आधार पर हम तत्काल कार्रवाई करेंगे। नेपाल से सटे क्षेत्रों में विशेष निगरानी बरती जा रही है।
सीओ को बनाया गया नोडल अफसर
एसएसपी नैनीताल पंकज भट्ट ने बताया कि जिले में रोहिंग्या समेत अन्य के सत्यापन के लिए सीओ को नोडल अफसर बनाया गया है। मैं खुद पूरे अभियान की निगरानी कर रहा। पूरी रिपोर्ट तैयार कर डीआइजी को सौंपी जाएगी।
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