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    अल्मोड़ा के बहन-भाई की एड्रेनल ग्लैंड में ट्यूमर का दुर्लभ और सफल आपरेशन

    By Skand ShuklaEdited By:
    Updated: Tue, 05 Jul 2022 11:01 AM (IST)

    अल्मोड़ा एड्रेनल ग्लैंड में ट्यूमर जैसी बीमारी से लकड़कर अल्मोड़ा के बहन-भाई ने मात दे दी। आठ वर्षीय भाई के एक तो 15 वर्षीय बहन के ग्लैंड में दो ट्यूम ...और पढ़ें

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    सर गंगा राम अस्पताल में आठ वर्षीय भाई के एक और 15 वर्षीय बहन को मिली नई जिंदगी

    जागरण संवाददाता, अल्मोड़ा: एड्रेनल ग्लैंड में ट्यूमर जैसी बीमारी से लड़कर अल्मोड़ा के बहन-भाई ने मात दे दी। आठ वर्षीय भाई के एक तो 15 वर्षीय बहन के ग्लैंड में दो ट्यूमर थे। दिल्ली के सर गंगा राम अस्पताल के डाक्टरों सलता पूर्वक जटिल आपरेशन किया।

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    अल्मोड़ा निवासी आठ वर्षीय मनन जोशी के बाएं एड्रेनल ग्लैंड में 4.5 सेमी के आकार का एक बड़ा ट्यूमर था। उसकी 15 वर्षीय बहन दिशा जोशी के दाएं एड्रेनल ग्लैंड में 5.5 सेमी और बाएं में 2.5 सेमी ट्यूमर था।

    शरीर में स्टेराइड का निर्माण कर रक्तचाप को स्थिर रखने वाली ग्लैंड को बचाते हुए ट्यूमर को निकालना बड़ी चुनौती थी। बहन-भाई का उच्च रक्तचाप (200/120) था। इसके साथ ही मस्तिष्क में दौरे और विभिन्न कठिनाइयों से पीड़ित थे।

    दोनों को दिल्ली स्थित सर गंगा राम अस्पताल के यूरोलाजी विभाग में उपचार के लिए ले जाया गया। विशेषज्ञ डाक्टरों ने गहन स्वास्थ्य परीक्षण किया। यूरोलाजिस्ट एंड रोबोटिक सर्जन डा. अश्विन माल्या ने दोनों का सफल आपरेशन किया।

    उन्होंने बताया कि जटिल सर्जरी करने से पहले दोनों मरीजों का उच्च रक्तचाप को स्थिर करना बड़ी चुनौती थी। उन्होंने बताया कि एड्रेनल ग्लैंड शरीर की बहुत महत्वपूर्ण ग्रंथी है। जो ब्लड प्रेशन नियंत्रण में रखते हुए स्टेराइड का निर्माण करतीं हैं।

    इसलिए ट्यूमर को हटाने और एड्रेनल ग्लैंड के सामान्य हिस्से को बचाने की योजना बनाई। दोनों बच्चों की मिनीमली इनवेसिव सर्जरी का उपयोग करते हुए फिर की होल सर्जरी से ट्यूमर निकाला।

    उच्च रक्तचाप के बीच हृदय गति रुकने की भी थी आशंका

    बाएं एड्रेनल ट्यूमर को हटाने के लिए सबसे पहले मनन की लेप्रोस्कोपिक सर्जरी की गई। दो घंटे में उसके ट्यूमर को हटाया। उच्च रक्तचाप के बीच मरीजों में हृदय गति रुकने की आशंका थी। ब्लड प्रेशर नियंत्रण में रखते हुए आपरेशन करना बहुत कठिन था।

    इसके बाद दिशा का रोबोटिक तकनीक से आपरेशन किया गया। उसकी दाए एड्रेनल ग्लैंड में स्थित 5.5 सेमी वाले ट्यूमर को पूरी तरह से हटाया। बाए एड्ऐनल ग्लैंड में 2.5 सेमी वाले ट्यूमर को सामान्य ग्लैंड से हटाया। उसकी सर्जरी में साढ़े तीन घंटे लगे।

    जेनेटिक अध्ययन में निकला वीएचएल सिंड्रोम

    विशेषज्ञों के अनुसार बहन-भाई में जेनेटिक और पारिवारिक बीमारी निकली। आपरेशन के बाद विशेषज्ञों ने किए जेनेटिक अध्ययन से एक दुर्लभ परिवारिक ट्यूमर सिंड्रोम का पता चला। जिसे वीएचएल सिंड्रोम कहा जाता है। यह खतरनाक और दुर्लभ सिंड्रोम पूरे शरीर में ट्यूमर बना सकता है।