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नेपाल के सीमावर्ती जिलों में तेजी से हो रहा 'डेमोग्राफिक चेंज', सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट

नेपाल से लगते कुमाऊं के ऊधमसिंह नगर चम्पावत व पिथौरागढ़ में तेजी से डेमोग्राफिक चेंज हो रहा है। यह बदलाव अचानक का नहीं है। वर्ष 2011 में हुए जातिगत जनगणना में ही एक धर्म विशेष की आबादी में ढाई गुना वृद्धि दर्ज की गई थी।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Tue, 28 Sep 2021 09:57 AM (IST)Updated: Tue, 28 Sep 2021 09:57 AM (IST)
नेपाल के सीमावर्ती जिलों में तेजी से हो रहा 'डेमोग्राफिक चेंज', सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट
नेपाल के सीमावर्ती जिलों में तेजी से हो रहा 'डेमोग्राफिक चेंज', सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट

अभिषेक राज, हल्द्वानी : नेपाल से लगते कुमाऊं के ऊधमसिंह नगर, चम्पावत व पिथौरागढ़ में तेजी से डेमोग्राफिक चेंज हो रहा है। यह बदलाव अचानक का नहीं है। वर्ष 2011 में हुए जातिगत जनगणना में ही एक धर्म विशेष की आबादी में ढाई गुना वृद्धि दर्ज की गई थी। इस दौरान नेपाल में तेजी से आंतरिक हालात भी बदले। इस सब के बीच जनवरी 2021 में सुरक्षा एजेंसियों की रिपोर्ट में कुमाऊं के तीनों जिलों को संवेदनशील बताते हुए गृह मंत्रालय को रिपोर्ट भेजी गई।

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इनमें चीन व नेपाल से सटे पिथौरागढ़ के दो कस्बों धारचूला व जौलजीवी को अतिसंवेदनशील श्रेणी में रखा गया। इसी के साथ सुरक्षा एजेंसियों ने उत्तर प्रदेश में भी अलर्ट जारी किया था। इसमें बहराइच, बस्ती व गोरखपुर मंडल से लगी नेपाल सीमा पर मात्र दो वर्ष के दौरान ही 400 से अधिक धार्मिक शिक्षण संस्थान और धर्मस्थल खुलने की जानकारी दी गई थी। सीमावर्ती क्षेत्र में होने वाले इस बदलाव को सुरक्षा एजेंसियों के साथ ही सुरक्षा विशेषज्ञों ने भी सामान्य नहीं माना था।

विशेष गलियारे का भी जिक्र

जनवरी में तैयार रिपोर्ट में सुरक्षा एजेंसियों ने बांग्लादेश, बिहार, नेपाल, उत्तर प्रदेश, हरियाणा व पंजाब के मध्य सुनियोजित तरीके से धर्म विशेष की ओर से गलियारा तैयार करने की भी जानकारी दी गई है। पाकिस्तान को इस गलियारे से जोडऩे की आशंका भी जाहिर की गई है। इसमें बीते 10 वर्षों में शरणार्थियों के नाम पर बड़ी आबादी इस गलियारे में शिफ्ट भी की गई है।

नेपाल बार्डर पर आइएसआइ की सक्रियता

सुरक्षा एजेंसियों के अनुसार पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आइएसआइ नेपाल के रास्ते उत्तर प्रदेश, बिहार और बंगाल में सक्रिय है। जून 2000 में भी भारत-नेपाल सीमा पर तेजी से बन रहे धर्म विशेष के स्थलों से सावधान रहने की चेतावनी जारी गई थी।

सामरिक महत्व वाले क्षेत्रों में ज्यादा सक्रियता

सुरक्षा एजेंसियों के अनुसार योजना के तहत धर्म विशेष के शिक्षण संस्थानों को उन्हीं क्षेत्रों में ज्यादातर खोला जा रहा है जो सामरिक रूप से अहम हैं। इसी श्रेणी में पिथौरागढ़, ऊधमसिंह नगर व चम्पावत भी आते हैं। गोरखपुर व बस्ती मंडल को भी इसी क्रम में चुना गया। डीआइजी डा. नीलेश आनंद भरणे ने बताया कि डेमोग्राफिक चेंज को लेकर सीमावर्ती जिलों में भी चेतावनी जारी की गई है। खुफिया एजेंसियां सभी पहलुओं की जांच कर रही हैं। इसके बाद ही पता चलेगा की संख्या में इजाफा तेजी से क्यों हो रहा है।


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