Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    रामनगर वन प्रभाग अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बाघों के संरक्षण के लिए खरा उतरा

    By Skand ShuklaEdited By:
    Updated: Tue, 29 Jan 2019 07:22 PM (IST)

    रामनगर वन प्रभाग अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बाघों के संरक्षण के लिए खरा उतरा है। इसके लिए दिल्ली में वन एवं पर्यावरण मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने वनाधिकारियों को कैट्स प्रमाण पत्र सौंपा।

    रामनगर वन प्रभाग अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बाघों के संरक्षण के लिए खरा उतरा

    रामनगर, जेएनएन : रामनगर वन प्रभाग अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बाघों के संरक्षण के लिए खरा उतरा है। इसके लिए दिल्ली में वन एवं पर्यावरण मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने वनाधिकारियों को (कंजरवेशन एस्योर्ड टाइगर स्टेंडर्ड) कैट्स प्रमाण पत्र सौंपा। यह प्रमाण पत्र पाने वाला रामनगर वन प्रभाग राष्टï्रीय स्तर पर दूसरा व अंतरराष्टï्रीय स्तर पर चौथा वन प्रभाग बन गया।
    ग्लोबल टाइगर फोरम बाघ संरक्षण के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कार्य करने वाली संस्था है। रामनगर वन प्रभाग की तत्कालीन डीएफओ रही नेहा वर्मा ने बेहतर वन प्रभाग का दर्जा दिलाने के लिए फोरम में आवेदन किया था। वर्ष 2017 में फोरम के दिल्ली में मौजूद राष्टï्रीय प्रतिनिधियों ने रामनगर पहुंचकर तय मानकों की जांच की थी। फोरम के राष्टï्रीय प्रतिनिधियों ने अपनी स्वीकृति देकर इसे अंतरराष्टï्रीय ग्लोबल टाइगर फोरम में भेजा। जहां से पिछले साल सितंबर में इसे स्वीकृति मिल गई थी। सोमवार को टैगोर हॉल नई दिल्ली में वन एवं पर्यावरण मंत्री हर्षवर्धन ने उत्तराखंड के प्रमुख वन संरक्षक वन्य जीव, मोनिष मलिक, वर्तमान डीएफओ वीपी सिंह एवं तत्कालीन डीएफओ नेहा वर्मा को यह प्रमाण पत्र सौंपा। डीएफओ वीपी सिंह ने बताया कि बाघ संरक्षण के लिए रामनगर वन प्रभाग देश का दूसरा वन प्रभाग बन गया है। वहीं तत्कालीन डीएफओ नेहा वर्मा ने प्रमाण पत्र मिलने पर खुशी जताई है। उन्होंने बताया कि यह तीन साल के लिए होता है। उसके बाद दोबारा प्रक्रिया होती है। 

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    यह मिलेगा फायदा
    कैट्स की सूची में शामिल होने पर वन प्रभाग को अंतरराष्टï्रीय स्तर पर पहचान मिलेगी। कई राष्टï्रीय व अंतरराष्टï्रीय संस्थाएं बाघ संरक्षण के लिए बजट दे सकेगी। बाघों के लिए कार्य कर रही सरकारी एजेंसी एनटीसीए दिल्ली से भी वन प्रभाग को बाघ संरक्षण के लिए विशेष वित्तीय मदद मिल सकेगी।

    14 वन प्रभाग दौड़ से हुए बाहर
    कैट्स की सूची में शामिल होने के लिए भारत के 14 वन प्रभागों ने भी आवेदन किया था। जांच में यह सभी वन प्रभाग मानकों पर खरे नहीं उतर पाए और वह रिजेक्ट हो गए।

    इन बिंदुओं पर जुटाई थी जानकारी
    ग्लोबल टाइगर फोरम ने रामनगर वन प्रभाग में मैनेजमेंट, बाघों के वास स्थल, सुरक्षा, संसाधन, सुरक्षा कर्मी, जैवविविधता, बाघों की जनसंख्या समेत कई बिंदुओं पर जानकारी जुटाई थी। 

    यह भी पढ़ें : हल्‍द्वानी के महिला चिकित्‍सालय में न चिकित्‍सक हैं न ही बुनियादी सुविधाएं

    यह भी पढ़ें : दरिंदों को फांसी के तख्‍त तक पहुंचाते हैं इंस्पेक्टर विपिन चंद्र पंत