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    UKSSSC Paper Leak Case: चंदन मनराल की अकूत संपत्ति सुनकर दंग रह जाएंगे आप, बस मालिक से बना शिक्षा माफिया

    By Prashant MishraEdited By:
    Updated: Sun, 21 Aug 2022 12:04 AM (IST)

    UKSSSC Paper Leak case उत्तराखंड में अधीनस्थ चयन सेवा आयोग के पेपर लीक का दायरा व गिरफ्तारी दिन ब दिन बढ़ती जा रही। इसी क्रम में रामनगर से चंदन मनराल ...और पढ़ें

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    UKSSSC Paper Leak case नैनीताल जिले में शिक्षा मित्र आदि भर्तियों में मनराल की भूमिका संदिग्ध रही।

    जागरण संवाददाता, रामनगर: UKSSSC Paper Leak case उत्तराखंड अधीनस्थ चयन आयोग के पेपर लीक मामले में एसटीएफ एक के बाद एक गिरफ्तारी कर रही है। इसी क्रम में कुमाऊं के रामनगर से बड़ी कड़ी को दबोचा है।

    एसटीएफ के शिकंजे में आया शिक्षा माफिया चंदन मनराल रसूखदार है। उसने अपनी एक अच्छी खासी संपति जोड़ ली थी।  शिक्षा विभाग में भी उसकी अच्छी खासी पैठ थी। नेताओं से भी उसकी अच्छी पकड़ थी। 

    बस मालिक, क्रशर संचालक से शिक्षा माफिया तक

    लखनपुर निवासी चंदन मनराल बस मालिक है। पर्वतीय मार्ग पर उसकी कई बसों का संचालन होता है। राज्य बनने के बाद वह शिक्षा विभाग के क्षेत्र में बाल महिला कल्याण समिति एनजीओ का संचालन करने लगा।इसके बाद वह सफलता की सीढ़ी चढ़ता चला गया। 

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    एनजीओ से पकड़ी रफ्तार

    एनजीओ के कामकाज के जरिए शिक्षा विभाग में उसकी पहचान बढ़ती चली गई। जिसका उसने फायदा भी उठाया। लोगों का कहना है कि मनराल ने लोगों की शिक्षा विभाग में नौकरी लगाने का झांसा देने का धंधा शुरू कर दिया।

    नैनीताल जिले में शिक्षा मित्र आदि भर्तियों में मनराल की भूमिका संदिग्ध रही। उसकी पहुंच शिक्षा विभाग में होने की वजह से लोग उससे संपर्क में रहते थे। लखनपुर में उसने बकायदा कार्यालय भी खोला था। 

    एनजीओ से जरायम दुनिया में कदम

    एनजीओ के सहारे शिक्षा विभाग में अपनी पैठ बनाने वाले मनराल शिक्षा के गलत कारोबार से भी जुड़ गया। यही वजह है कि वह पेपर लीक मामले में एसटीएफ के राडार पर आ गया। उसे एसटीएफ द्वारा गिरफ्तार किया गया।

    क्रशर मालिक से अकूत जमीन तक

    एसटीएफ द्वारा दी गई जानकारी के  मुताबिक वह मनराल स्टोन क्रशर का मालिक भी बन गया। सात ट्रक तीन पोकलैंड, 13 बसें, पीरूमद्वारा में 15 एकड़ जमीन, रामनगर में 10 बीघा जमीन उसके नाम थी। अब मनराल की गिरफ़्तारी से नैनीताल जिले में हुई कुछ शिक्षा मित्रों की भर्ती पर भी जांच की तलवार लटक रही है।