बनभूलपुरा और इंदिरा नगर में रेलवे ने चस्पा किया अतिक्रमण हटाने का नोटिस
पूर्वोत्तर रेलवे किनारे बसी अवैध कालोनियों को हटाने के लिए रेलवे अधिकारियों ने चौथी बार नोटिस थमाया है। नोटिस के विरोध में इंदिरा नगर व बनभूलपुरा के ग्रामीणों ने मौके पर पहुंच कर विरोध जताया और इसे रेलवे की परेशान करने वाली कार्रवाई बताया।

जागरण संवाददाता, हल्द्वानी : रेलवे किनारे बसी हुई कालोनियों को हटाने के लिए रेलवे फिर सक्रिय हुआ है। मंगलवार को रेलवे के अधिकारी चौथी बार 1212 लोगों को अतिक्रमण की गई जमीन 15 दिन में खाली करने का नोटिस थमाने पहुंच गए। इस दौरान इसे उत्पीड़क कार्रवाई बताते हुए इंदिरानगर व बनभूलपुरा के लोगों ने मौके पर पहुंच कर विरोध भी जताया, जिससे काफी देर तक हंगामा होता रहा।
पूर्वोत्तर रेलवे के अधिकारियों की टीम मंगलवार पूर्वाह्लन 11 बजे इंदिरानगर व बनभूलपुरा क्षेत्र में रेलवे पटरी किनारे बस्ती में पहुंची और पूर्वोत्तर रेलवे के सहायक मंडल इंजीनियर उपेंद्र सिंह धर्मशक्तू के नेतृत्व में रेलवे कर्मचारियों ने सार्वजनिक स्थान पर दो दर्जन से अधिक बोर्ड लगाकर उन पर 1200 लोगों के नाम से नोटिस चस्पा कर दिए। अधिकारियों ने बताया कि हाई कोर्ट के आदेश पर यह नोटिस लगाए जा रहे हैं। नोटिस में 15 दिन के अंदर मौके से अतिक्रमण हटाने के आदेश दिए गए हैं। इस दौरान पुलिस फोर्स भी मौजूद रहीं।
बनभूलपुरा संघर्ष समिति के अध्यक्ष उवैस रजा की रेलवे अधिकारियों से बहस भी हुई। उन्होंने कहा कि बस्ती में रेलवे के लगे अवैध खंभों को शीघ्र हटाया जाएगा। किसी भी हाल में बस्ती को उजडऩे नहीं दिया जाएगा। स्थानीय नेता जावेद सिद्दीकी की भी रेल अधिकारियों से झड़प हुई। इस मौके पर काशीपुर आरपीएफ निरीक्षक रणदीप सिंह, बनभूलपुरा थानाध्यक्ष प्रमोद पाठक, सीनियर सेक्शन इंजीनियर कार्य केएन पांडेय, सहायक सेक्शन इंजीनियर प्रवीण कुमार, स्थानीय निवासी वसीम सिद्दीकी, आरिश अली, अरमान खान, उमर, मतीन, सलीम सैफी, सरताज अहमद, इरफान अहमद, जीशान महमूद सहित दर्जनों लोग मौजूद थे।
बस्ती हटाई तो होगा आंदोलन : जावेद
रेलवे की ओर से चस्पा नोटिस का विरोध करते हुए स्थानीय नेता जावेद सिद्दीकी ने कहा कि इससे गरीबों की नींद उड़ गई है। अगर उनके मकान ध्वस्त किए जाते हैं तो बड़ा आंदोलन किया जाएगा। बताया कि लोग पिछले 40-45 वर्षों यहां निवास कर रहे हैं। सरकार और रेलवे डंडे के दम पर गरीबों को उजाडऩा चाहती है। वहीं, अब्दुल मतीन सिद्दीकी ने कहा कि इस मामले में सुप्रीम कोर्ट का स्टे है और रेलवे एक तरफा कार्रवाई कर रहा है।
रविशंकर जोशी की याचिका पर कोर्ट की सुनवाई
रेलवे किनारे से अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई रविशंकर शंकर जोशी की हाई कोर्ट में याचिका दाखिल करने के बाद शुरू हुई थी। उन्होंने रेलवे की कार्रवाई पर कहा कि कुछ नेताओं की राजनीतिक महत्वकांक्षा और तुष्टीकरण की नीति के लिए पूरे पहाड़ का विकास अवरुद्ध नहीं किया जा सकता। गफूर बस्ती से लेकर इंदिरानगर तक रेलवे की 80 एकड़ भूमि से अतिक्रमण हटाने से हल्द्वानी सहित पूरे कुमाऊं का विकास होगा। हल्द्वानी में रेलवे की भूमि से अतिक्रमण हटाया जाना सामरिक दृष्टिकोण से बेहद आवश्यक है।

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