जिस युवक पर दलित भोजनमाता के हाथों का खाना खाने से इन्कार का आरोप लगा उसमें अब ये मामला सामने आया
भूमका गांव में क्वारंटाइन सेंटर में प्रवासी युवक ने कथित तौर खाना खाने से इन्कार कर दिया था और कारण बताया गया कि भोजनमाता एक दलित है। अब मामले को लेकर गांव में राजनीति गर्मा गई है।
हल्द्वानी, जेएनएन : नैनीताल जिले के ओखलकांडा ब्लॉक के एक गांव में पिछले दिनों सामाजिक समरसता बिगाड़ने वाला मामला सामने आया था। मामल ये था कि ब्लॉक के नाई पट्टी के भूमका गांव में बने संस्थागत क्वारंटाइन सेंटर में प्रवासी युवक ने कथित तौर खाना खाने से इन्कार कर दिया था और कारण बताया गया कि भोजनमाता एक दलित है। अब मामले को लेकर गांव में राजनीति गर्मा गई है। ग्रामीणों का कहना है कि यह सब चुनावी रंजिश के कारण हो रहा है। शुक्रवार को कई जनप्रतिनिधि और ग्रामीण इसी मामले को लेकर डीएम दफ्तर धमक गए। उनकी मांग है कि झूठी रिपोर्ट लिखवाने वाले पर कार्रवाई होनी चाहिए।
डीएम से मामले की निष्पक्ष जांच कराने की मांग
भुमका निवासी दिनेश मेलकानी पुत्र पान देव मेलकानी 14 मई को घर लौटने के बाद से स्कूल में क्वारंटाइन है। पान देव ने बताया कि प्रधान मुकेश बौद्ध द्वारा कोई व्यवस्था नहीं करने पर उनके द्वारा घर से भोजन दिया जा रहा था। पचास मीटर की दूरी पर ही घर है। परिजनों के मुताबिक पहले से रंजिश रखने वाले प्रधान ने दलित भोजनमाता के हाथ का खाना नहीं खाने का आरोप लगाते हुए बेटे के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवा दिया। जबकि भोजनमाता संग अभद्रता का कोई मामला नहीं था। ग्रामीण व जनप्रतिनिधियों ने डीएम सविन बंसल से मामले में निष्पक्ष जांच की मांग की है। इस दौरान पूर्व ग्राम प्रधान विपिन सनवाल, ग्राम प्रधान तुलसी देवी, संजय सिंह, कमला देवी, प्रताप सिंह, उमेद सिंह आदि मौजूद थे।
हिमाचल से आया है प्रवासी युवक
हिमाचल प्रदेश से अपने गांव भूमका आए युवक दिनेश मेलकानी स्कूल में बने क्वारंटाइन सेंटर में रह रहा है। प्रधान मुकेश चंद्र बौद्ध ने राजस्व पुलिस को बीते सोमवार को तहरीर देकर बताया कि युवक ने दलित भोजनमाता के हाथ से बना भोजन करने से इन्कार कर दिया है। उसका भोजन रोज उसके घर से आ रहा है। परिवार का कोई सदस्य गेट पर रखकर चला जाता है। मामले की जांच पट्टी पटवारी रवि पांडे कर रहे हैं। पूछताछ में भोजनमाता ने बताया कि युवक ने उससे कोई अभद्रता नहीं की। जबिक युवक निदेश का कहना है कि भोजन समय से न मिलने और बेहद खराब होने के कारण घर से मंगा रहा हूं।
उत्तराखंड में प्रवासियों को लाने का सिलसिला तेज
लॉकडाउन के कारण दूसरे राज्यों में फंसे प्रवासियों को लाने की कवायद प्रदेश सरकार ने तेज कर दी है। हरियाणा, गुजरात समेत देश के दूसरे हिस्सों से उत्तराखंडियों को बस और ट्रेन के माध्यम से लाया जा रहा है। तीन श्रमिक स्पेशल ट्रेनें गुजरात से और बसों से हरियाणा व दिल्ली बड़ी तादाद में प्रवासियों को लाया जा चुका है। बाहर से आने अावले लोगाें को गांवों में संस्थागत क्वारंटाइन करने के साथ ही होम क्वारंटाइन भी किया जा रहा है। क्वारंटाइन नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा रही है।
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