22 दिनों तक जिंदगी से जंग के बाद खुद को आग लगाने वाली दुष्कर्म पीडि़ता नाबालिग की मौत
22 दिनों तक जिंदगी की जंग लडऩे के बाद दुष्कर्म पीडि़ता नाबालिग ने गुरुवार को एसटीएच में उपचार के दौरान दम तोड़ दिया। पुलिस ने शव को पोस्टर्माटम के लिए मोर्चरी भेज दिया है।
हल्द्वानी, जेएनएन : 22 दिनों तक जिंदगी की जंग लडऩे के बाद दुष्कर्म पीडि़ता नाबालिग ने गुरुवार को एसटीएच में उपचार के दौरान दम तोड़ दिया। पुलिस ने शव को पोस्टर्माटम के लिए मोर्चरी भेज दिया है। आरोपित को पूर्व में ही पिथौरागढ़ पुलिस गिरफ्तार कर चुकी है।
पिथौरागढ़ के मुनस्यारी थाना क्षेत्र के एक गांव में रहने वाली दसवीं की छात्रा ने तीस अप्रैल को आत्मदाह का प्रयास किया था। स्थिति गंभीर होने पर उसी दिन पिथौरागढ़ से हल्द्वानी के एसटीएच रेफर कर दिया गया।
पांच मई को हल्द्वानी थाने में गांव के नाथूराम के खिलाफ तहरीर सौंपी गई थी। परिजनों का आरोप था कि अधेड़ लंबे समय से छात्रा को डरा-धमकाकर शारीरिक शोषण कर रहा था। इस बीच उत्पीडऩ से तंग आकर छात्रा ने खुद को आग लगा दी।
सात मई को मुनस्यारी पुलिस ने आरोपित को गिरफ्तार भी कर लिया। मामले की जांच महिला दारोगा मनीषा सिंह को सौंपी गई थी। इधर, मेडिकल चौकी के इंचार्ज मनवर सिंह बिष्ट रोजाना किशोरी का हाल जानने के लिए वार्ड पहुंचते थे। परिवार की आर्थिक स्थिति भी कमजोर थी। चौकी इंचार्ज मनवर ने बताया कि दोपहर में छात्रा ने दम तोड़ दिया।
नाना-नानी के घर रहती थी
नााबलिग मुनस्यारी में अपने नाना-नानी के घर रहकर पढ़ाई करती थी। हल्द्वानी में उपचार के दौरान नानी व मामा साथ थे। दवा व खाने की व्यवस्था को लेकर पुलिस ने मदद भी की। मगर अफसोस कि उसकी जान नहीं बच सकी। मौत के बाद आरोपित के खिलाफ धारा 306 और बढ़ाई जाएगी।
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