Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    शादी के बाद चमकता गया पुष्कर सिंह धामी सियासी सफर, पत्‍नी ने घर के साथ क्षेत्र को भी संभाला

    By Skand ShuklaEdited By:
    Updated: Mon, 05 Jul 2021 07:57 AM (IST)

    यूं तो पुष्कर सिंह धामी के अंदर नेतृत्व करने का गुण बचपन से ही था लेकिन विवाह बंधन के बाद उनका सियासी सफर चमकता चला गया। पहले विधायक बने और अब सीएम। स ...और पढ़ें

    Hero Image
    शादी के बाद चमकता गया पुष्कर सिंह धामी सियासी सफर

    खटीमा, जागरण संवाददाता : यूं तो पुष्कर सिंह धामी के अंदर नेतृत्व करने का गुण बचपन से ही था, लेकिन विवाह बंधन के बाद उनका सियासी सफर चमकता चला गया। पहले विधायक बने और अब सीएम। स्नातक करने के दौरान उनका यह बीज तब और ज्यादा अंकुरित होने लगा जब उन्होंने राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की शाखा को ज्‍वाइन कर लिया। संघ शिक्षा वर्ग को करने के बाद वह सामाजिक कार्य में और तन्यमता से जुट गए। उनकी विनम्रता और कुशल व्यवहार और समझदारी को देख महाराष्ट्र के राज्यपाल और उस समय यहां संघ के प्रचारक की भूमिका में रहे भगत सिंह कोश्यारी काफी प्रभावित हुए। उनका जब सहारा मिला पुष्कर सिंह धामी में और पंख लग गए। इस बीच उन्होंने कई जिम्मेदारियों का निर्वह्न किया।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    जब भगत दा सीएम बने तो 2002 तक उन्हें अपना ओएसडी बनाया। उस ओएसडी बनने के दौरान धामी ने जिस प्रशासनिक क्षमता का एहसास कराया। उससे भाजपा के शीर्ष नेतृत्व तक यह संदेश चला गया कि आने वाले समय में पुष्कर सिंह धामी एक बड़ा कद होंगे। उसके बाद नेतृत्व का गुण देखते हुए युवा मोर्चा का प्रदेश अध्यक्ष बनाया। यहां भी उन्होंने बखूबी जिम्‍मेदारियां निभाईं। नेतृत्व क्षमता का एहसास खुद धामी ने भाजपा हाईकमान को करा भी दिया। इसी का परिणाम रहा कि भाजपा ने खटीमा विधानसभा क्षेत्र से 2012 में इनको टिकट दे दिया। पहले ही चुनाव में जीत हासिल कर अपनी क्षेत्रीय पकड़ का अहसास कराया। तब से वह लगातार विधायक हैं।

    राजनीतिक प्रक्रिया के बीच 28 जनवरी 2011 में इनका विवाह हुआ। विवाह के दौरान केंद्र से लेकर प्रदेश के तमाम कद्दावर नेता और वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों का जमावड़ा देखने को मिला। तब धामी के दिमाग में एक चिंता थी कि पारिवारिक जिम्मेदारियों में वह सामाजिक कार्य को कैसे गति दे पाएंगे। लेकिन वह खुद भी कई मौके पर कह चुके हैं यह उनका सौभाग्य है कि धर्मपत्नी गीता धामी उनके सियासी भाग्य को जगाने में बड़े सहायक की भूमिका में रहीं हैं। गीता धामी ने पारिवारिक जिम्मेदारियों के साथ पति की सामाजिक प्रतिष्ठा में कोई कमी न आए इसके लिए उन्हें भरपूर सहयोग दिया है। इस बात को क्षेत्रवासी भी स्वीकार करते हैं कि विधायक पुष्कर सिंह धामी क्षेत्र में हो या न हों लेकिन उनकी समस्या का समाधान कराने में उनकी पत्नी की पूरी सहभागिता रहती है। वह उसी सम्मान के साथ स्वागत करती हैं और पीडि़तों की बात सुन निराकरण करने का पूरा प्रयास करती हैं। विधायक पत्नी की यह सहनशीलता क्षेत्रवासियों को काफी भाती है।