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    सिंचाई योजनाओं की देखरेख करने वाले वाले पंप ऑपरेटराें को पांच माह से नहीं मिला वेतन

    By Skand ShuklaEdited By:
    Updated: Thu, 26 Nov 2020 11:00 AM (IST)

    नैनीताल जिले के बेतालघाट ब्लॉक के तमाम गांव की हजारों हेक्टेयर कृषि भूमि तक सिंचाई का पानी पहुंचा खेतों को तरबतर करने वालों की ही जेब सूखी है। सिंचाई ...और पढ़ें

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    सिंचाई योजनाओं की देखरेख करने वाले वाले पंप ऑपरेटराें को पांच माह से नहीं मिला वेतन

    गरमपानी, जेएनएन : नैनीताल जिले के बेतालघाट ब्लॉक के तमाम गांव की हजारों हेक्टेयर कृषि भूमि तक सिंचाई का पानी पहुंचा खेतों को तरबतर करने वालों की ही जेब सूखी है। सिंचाई योजनाओं की देखरेख व पानी पहुंचाने का जिम्मा संभालने वाले पंप ऑपरेटर वेतन को तरस रहे हैं। आलम यह है कि कभी नौ महीने तो कभी पांच-पांच महीनों तक तनख्वाह ही नहीं मिलती। वर्तमान में बीते तीन माह से पंप ऑपरेटरों को वेतन नसीब नहीं हुआ है ।

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    बेतालघाट ब्लॉक में करीब 15 से ज्यादा सिंचाई योजनाएं हैं। कोसी नदी से तमाम गांवों की हजारों हेक्टेयर कृषि भूमि को सिंचित किया जाता है। सिंचाई योजनाओं का जिम्मा संभालने के लिए संबंधित विभाग ने प्रत्येक पंपिंग योजना में एक ऑपरेटर की तैनाती की है पर पंप ऑपरेटरों को चौबीस घंटे ड्यूटी के बावजूद समय पर वेतन ही नसीब नहीं होता । पंप ऑपरेटरों के अनुसार लंबी लाइन चेक करने से के साथ ही अलग-अलग क्षेत्र में सिंचाई के पानी खोलने की ड्यूटी होती है।

     

    चौबीस घंटे मेहनत करने के बावजूद समय पर वेतन नहीं मिल पाता जिससे आर्थिक स्थिति बिगड़ जाती है। कभी नौ तो कभी पांच महीने तक वेतन ही नसीब नहीं होता। वर्तमान में पिछले तीन माह से वेतन नहीं मिल सका है जिससे आर्थिक स्थिति खराब हो रही है। ब्लॉक में अमेल, चापड़, ओखलढूंगा, बिसमोली, घंघरेठी, बरधौ, बंसगांव, सोनगांव, बढेरी, हल्सौकोरण, छडा़, चमडिया समेत करीब पंद्रह से ज्यादा सिंचाई योजनाएं है। सभी योजनाओं में एक - एक पंप ऑपरेटरों की तैनाती की गई है। प्रत्येक पंप ऑपरेटर को प्रतिमाह पांच हजार रुपये मानदेय मिलता है।

     

    नलकूप खंड रामनगर अवर अभियंता गोविंद सिंह ने बताया कि करीब पंद्रह से ज्यादा योजनाएं संचालित हैं। पंप ऑपरेटरों को जिला योजना से वेतन उपलब्ध कराया जाता है। जिला योजना से जैसे ही बजट उपलब्ध होता है। ऑपरेटरों को तत्काल वेतन उपलब्ध करा दिया जाता है। प्रयास किया जा रहा है कि प्रतिमाह वेतन दिया जा सके। शौचालय व अन्य व्यवस्थाओं के लिए उच्चाधिकारियों को पत्राचार किया जाएगा।

     

    सरकारी दावे भी खोखले

    सभी सिंचाई योजनाएं नलकूप खंड रामनगर के अधीन है पर संबंधित विभाग का हाल भी अजब-गजब है। एक और सरकारे प्रदेश को खुले में शौच से मुक्त करने का दावा कर रही है तो वही इन सिंचाई योजनाओं के पंप हाउस में महज एक शौचालय तक की सुविधा नहीं है। पंप ऑपरेटरों को खुले में शौच करना मजबूरी बन चुका है। पंपिंग हाउस में शौचालय निर्माण ना होना सरकार व उसके नुमाइंदों के दावों की पोल खोल रहा है।