भूपेन्द्र ने कहा था साहब वो मुझे मार डालेंगे, 15 मुकदमे के बावजूद हत्यारोपितों के पास थी लाइसेंसी रिवाल्वर
हल्द्वानी के सबसे व्यस्ततम चौराहे पर दिन दहाड़े प्रॉपर्टी डीलर की गोली मारकर हत्या कराने वाले आरोपितों पर 15 मुकदमे दर्ज थे।
हल्द्वानी, जेएनएन : हल्द्वानी के सबसे व्यस्ततम चौराहे पर दिन दहाड़े प्रॉपर्टी डीलर की गोली मारकर हत्या कराने वाले आरोपितों पर 15 मुकदमे दर्ज थे। इसके बावजूद उनके कमर में अक्सर लाइसेंसी पिस्टल लटकी हुई नजर आ जाती थी। मृतक प्रॉपर्टी डीलर भुप्पी अक्सर कहते थे कि दोनों भाइयों से उन्हें जान का खतरा है। अंदरखाने उन्हें मारने तक की साजिश रची जा रही है। लिहाजा गुप्ता बंधुओं के खिलाफ कार्रवाई की जाए, लेकिन खाकी हर बार जांच की बात कहकर फरियादी और उनके साथियों को लौटा देती थी। इसी लापरवाही का अंजाम रविवार को पूरे शहर ने देखा।
हत्यारोपितों की कमर में अक्सर लटकी रहती थी पिस्टल
एक तरफ जहां कोई सामान्य व्यक्ति जान को खतरा बताकर शस्त्र लाइसेंस पाने की फाइल लगाए तो उसे महीनों तक पुलिस-प्रशासन के चक्कर काटने पड़ते हैं। आपत्तियों का निस्तारण करते-करते वह थक जाएगा। लेकिन उसके उलट हत्यारोपित गुप्ता बंधुओं की कमर में अक्सर लासेंसी पिस्टल नजर आ जाती थी। सौरभ गुप्ता पर जहां आठ और गौरव गुप्ता के खिलाफ सात मुकदमें दर्ज होने के बावजूद शस्त्र लाइसेंस निरस्त नहीं हो सका था। पुलिस द्वारा भेजी गई यह फाइल डीएम ऑफिस में लटकी पड़ी है। गौरव के इसी लाइसेंसी असलहे से भुप्पी पर ताबड़तोड़ गोलियां दागी गई थीं।
डीएम ऑफिस में लाइसेंस निरस्त करने का मामला अटका रहा
मुकदमों और शिकायतों की वजह से पुलिस ने गौरव गुप्ता का शस्त्र निरस्त करने की रिपोर्ट तैयार कर पुलिस ने एक अगस्त को जिलाधिकारी कार्यालय भेज दी थी। लाइसेंस कैंसिल करने का अधिकार डीएम के पास होता है। जिसके बाद गौरव ने डीएम ऑफिस में अपील कर लाइसेंस खत्म न करने की अपील की। बस उसके बाद से मामला अटका पड़ा है। बड़ा सवाल ये है कि अगर प्रशासन इन दो भाइयों का आपराधिक रिकॉर्ड देख लाइसेंस जब्त कर लेता तो रविवार को ये कांड टाल सकता था। मृतक भुप्पी पांडे ने ही सूचना अधिकार लगाकर गौरव-सौरभ की क्रिमिनल हिस्ट्री मांगी थी।
गौरव गुप्ता पर दर्ज केस व धारा
केस एक: 147/149/395/436/332/506
केस दो: 323/504/341
केस तीन: 332/504/341
केस चार: 354/427/452/504
केस पांच: 506/509
केस छह: 468/471/506
केस सात: 420/504/506 व एससीएसटी एक्ट
सौरभ पर दर्ज केस व धारा
केस एक:323/504/341
केस दो:147/323/504
केस तीन:332/341/353/504
केस चार:354/427/452/504
केस पांच:323/525
केस छह:420
केस सात:506/509
केस आठ:420/504/506 व एससीएसटी एक्ट
गुप्ता बंधुओं के चर्चित मामले
खरीददारी करने पहुंचे फौजी को पीटा
ढाइ साल पहले बरेली रोड निवासी एक सेवानिवृत्त फौजी गौरव गुप्ता की दुकान पर पहुंचा था। खरीददारी को लेकर विवाद हुआ तो सौरभ ने उसे जमकर पीटा। लहहलुहान हालत में वो भागता हुआ कोतवाली पहुंचा था।
आरटीआइ कार्यकर्ता को डंडों से पीटा
कुछ माह पूर्व मेडिकल कॉलेज गेट पर भंडारा कार्यक्रम में पहुंचे आरटीआइ कार्यकर्ता लोकेश नेगी को सौरभ ने अपने साथियों संग मिलकर जमकर पीटा था। अधिकांश जख्म चेहरे पर दिए थे।
कवयित्री के साथ विवाद
तीन माह पूर्व कवियित्री गौरी मिश्रा ने दोनों भाइयों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। आरोप था कि ऑडियो वायरल कर उसे बदनाम किया गया है। इससे पूर्व गौरी धोखाधड़ी का केस भी दर्ज करवा चुकी है।
सौदे की वजह से शहर में बवाल होते बचा
करीब तीन साल पहले एक प्रॉपर्टी के सौदे की वजह से शहर की फिजा खराब होने की नौबत बन गई थी। पुलिस-प्रशासन ने बामुश्किल मामला शांत कराया।
नेताओं व अधिकारियों संग फोटो
सोशल मीडिया पर अक्सर एक्टिव रहने वाले गुप्ता बंधु शहर के कई कार्यक्रमों में मुख्य अतिथि की भूमिका भी निभाते थे। सत्ता व विपक्ष के नेताओं के अलावा शहर के गणमान्य लोगों संग फोटो खिंचवा शेयर करते थे।
कई लोगों के रुपए हड़प चुके थे हत्यारोपित गुप्ता बंधू
जमीन व मकान के धंधे में उतरे गौरव-सौरभ कई लोगों के पैसे हड़प चुके हैं। उनके खिलाफ कई मुकदमे भी दर्ज हैं। भुप्पी पांडे ने भी पांच लाख की धोखाधड़ी का आरोप लगा मुकदमा दर्ज कराया था। जिसके बाद से दोनों पक्षों में रंजिश बढ़ती गई। चार माह पूर्व इस विवाद में नया मोड़ भी आया। भुप्पी ने काठगोदाम थाने में मुकदमा दर्ज कराते हुए कहा था कि अज्ञात नंबर से उन्हें जान से मारने की धमकी मिली है। मामले में पुलिस ने उत्तर प्रदेश के जौनपुर निवासी राहुल यादव को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। भुप्पी ने इस घटना के पीछे भी गुप्ता बंधुओं का हाथ बताया था। तब आरोप लगा था कि पुलिस ने शूटर राहुल से ढंग से पूछताछ तक नहीं की। पुलिस के चक्कर लगाने के बावजूद जब सुनवाई नहीं हुई तो प्रॉपर्टी डीलर ने मुख्यमंत्री को पत्र भी लिखा और कहा कि जानबूझकर पुलिस ने असल षडय़ंत्रकारियों का खुलासा नहीं किया। मर्डर के बाद सिंधी चौराहे पर पहुंचे भुप्पी पांडे के करीबियों ने इस बात को कई बार दोहराया। भाजयुमो जिला महामंत्री संदीप कुकसाल ने बताया कि पुलिस और प्रशासन ने कभी उनकी शिकायतों को गंभीरता से लिया ही नहीं। नतीजन भुप्पी पांडे को अपनी जान गंवानी पड़ी। पुलिस की लापरवाही की वजह से ही आरोपितों के हौंसले लगातार बढ़ते गए। बीच सड़क पर उन्होंने भुप्पी की हत्या कर दी।
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