राजनीतिक आंदोलनों ने बढ़ाई विकास भगत की साख
कांग्रेस सरकार में मुख्यमंत्री हरीश रावत का विरोध करने पर विकास भगत को हुई जेल।
जागरण संवाददाता, हल्द्वानी : कांग्रेस सरकार में मुख्यमंत्री हरीश रावत का विरोध करने पर भारतीय जनता युवा मोर्चा के प्रदेश उपाध्यक्ष विकास भगत को भले ही जेल जाना पड़ गया हो, लेकिन राजनीतिक रूप से उनकी छवि कर्मठ युवा नेता के रूप में उभर गई है। इससे उनके विरोधियों के माथे पर भी बल पड़ने लगे हैं। पूर्व मंत्री व कालाढूंगी विधायक बंशीधर भगत के बेटे विकास भगत ने पुलिस के सख्त पहरे के बावजूद विरोध जताया। तत्कालीन मुख्यमंत्री हरीश रावत को काले झंडे दिखाए। पुलिस ने पकड़ा और मुकदमा दर्ज कर दिया। इसके अलावा उन्होंने कशिश कांड में दोषियों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर आंदोलन किया था। तत्कालीन मुख्यमंत्री हरीश रावत के वाहन के शीशे टूट गए थे। तब भी गिरफ्तार होना पड़ा था। इस मामले में वह बरी हो गए थे। तब वह युवा मोर्चा मे जिलाध्यक्ष पद की कमान संभाल रहे थे। उनके साथ जेल जाने वालों में गौरव जोशी हैं, जो जिला उपाध्यक्ष रहे। इसके अलावा नीरज बिष्ट, प्रकाश रावत, प्रमोद बोरा आदि युवा भी उनके साथ थे। जनसमस्याओं को लेकर मुखर अपने पिता बंशीधर भगत के विधानसभा चुनाव में कुशल चुनावी प्रबंधन करने वाले युवा मोर्चा के प्रदेश उपाध्यक्ष विकास जनसमस्याओं को प्रमुखता से उठाते रहे हैं। कांग्रेस सरकार के समय उन्होंने जनसस्याओं के समाधान की मांग को लेकर युवाओं की टीम के साथ अक्सर सड़कों पर उतर आंदोलन किया। समय-समय पर पौधारोपण अभियान चलाना हो या फिर रक्तदान जैसे सामाजिक कार्यो में हमेशा आगे रहते हैं। डॉ. सुशीला तिवारी राजकीय चिकित्सालय में स्वास्थ्य सुविधाएं दुरुस्त करने को लेकर हाई कोर्ट में भी जनहित याचिका दायर की है। छात्रसंघ चुनावों में सक्रिय युवा मोर्चा में रहते आनुषांगिक संगठन एबीवीपी के उम्मीदवार को जिताने के लिए पूरी तरह सक्रिय रहे। चुनावी कैंपेन से लेकर कॉलेज परिसर में आंदोलन करने से भी पीछे नहीं हटे। इसी के चलते उनके पीछे युवाओं की अच्छी-खासी टीम रहती है।
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