टस्कर हाथिया को रेडियो कॉलर पहनाने की तैयारी, पहले दिन सर्च अभियान में नहीं मिल सफलता
हाइवे पर हथियों के हमले रोकने के लिए जंगलात ने तैयारी कर ली है। वाहन चालकों के लिए मुसीबत का सबब बने टस्कर हाथी को रेडियोकॉलर पहनाने के लिए शासन से अनुमति मिल गई है।
रामनगर, जेएनएन : हाइवे पर हथियों के हमले रोकने के लिए जंगलात ने तैयारी कर ली है। वाहन चालकों के लिए मुसीबत का सबब बने टस्कर हाथी को रेडियोकॉलर पहनाने के लिए शासन से अनुमति मिल गई है। ऐसे में गुरुवार को कॉर्बेट प्रशासन ने जंगल में दिन भर सर्च अभियान चलाया लेकिन हाथी की लोकेशन ट्रेस नहीं हो पाई।
रामनगर-रानीखेत मार्ग पर टस्कर हाथी पिछले दो साल से वाहन चालकों पर हमला कर रहा है। हाथी के बस पर हमले के दौरान पिछले माह रामनगर के एक शिक्षक की मौत भी हो चुकी है। कॉर्बेट प्रशासन ने उत्तराखंड के मुख्य वन्य जीव प्रतिपालक से हाथी को इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस रेडियो कॉलर पहनाने के लिए अनुमति मांगी। गुरुवार को कॉर्बेट के निदेशक राहुल के निर्देशन में पशु चिकित्सक दुष्यंत शर्मा अपनी टीम के साथ रेडियो कॉलर लेकर धनगढ़ी पहुंचे। जंगल में हाथी की तलाश की। शुक्रवार को भी सर्च अभियान जारी रहेगा।
तीन हाथियों से चल रही निगरानी
टस्कर की तलाश के लिए ढिकाला से तीन हाथियों को बुलाया गया है। वनकर्मी हाथियों पर बैठकर धनगढ़ी से लेकर मोहान व अल्मोड़ा के अंतर्गत चिमटाखाल क्षेत्र तक तलाश कर रहे हैं।
दो रेंजों का सुरक्षा दल बनाया
वाहनों में हो रहे हाथी के हमले को देखते हुए कॉर्बेट प्रशासन ने सुरक्षा दल बनाया है। दो रेंजों की सुरक्षा दल संयुक्त टीम बना दी है। सर्पदुली व मंदाल रेंज के वनकर्मी हाथी के मूवमेंट वाले क्षेत्रों में गश्त कर रहे हैं।
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