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    Power Cut in Uttarakhand: हल्‍द्वानी में पावर कट से 'हाय-तौबा', सीएम धामी ने कसे अधिकारियों के पेंच

    Power Cut in Uttarakhand कुमाऊं के प्रवेश द्वार हल्द्वानी में लगातार बिजली संकट बना हुआ है। हल्द्वानी दौर पर पहुंचे सीएम धामी ने ऊर्जा निगम के अधिकारियों को जमकर फटकार लगाई। अधिकारियों के पेच कसते हुए कहा कि जनता को किसी तरह की समस्या नहीं होनी चाहिए। मुख्यमंत्री धामी ने अधिकारियों से सख्त रुख अपनाते हुए कहा कि नागरिकों को बेहतर से बेहतर सुविधा प्रदान करना सरकार का संकल्प है।

    By sumit joshi Edited By: Nirmala Bohra Updated: Sun, 02 Jun 2024 08:32 AM (IST)
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    Power Cut in Uttarakhand: मुख्यमंत्री ने बिजली संकट पर कसे अधिकारियों के पेंच

    जासं, हल्द्वानी : Power Cut in Uttarakhand: कुमाऊं के प्रवेश द्वार हल्द्वानी में लगातार बिजली संकट बना हुआ है। दिन तो छोड़िए रात में भी घंटों बिजली कटौती होने से लोगों का जीना दूभर हो गया है। भीषण गर्मी में उपभोक्ताओं की परेशानी को दैनिक जागरण ने प्रमुखता से उठाया। संकट के हालातों की खबर का मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने संज्ञान लिया है।

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    शनिवार को हल्द्वानी दौर पर पहुंचे सीएम धामी ने ऊर्जा निगम के अधिकारियों को जमकर फटकार लगाई। अधिकारियों के पेच कसते हुए कहा कि जनता को किसी तरह की समस्या नहीं होनी चाहिए।  एफटीआइ सभागार में सीएम धामी ने बैठक लेते हुए हल्द्वानी में हो रहे बिजली संकट पर ऊर्जा निगम के अधिकारियों से जवाब तलब किया।

    दिन और रात में घंटों बिजली आपूर्ति ठप क्यों हो रही है?

    दैनिक जागरण की खबर का हवाला देते हुए पूछा कि दिन और रात में घंटों बिजली आपूर्ति ठप क्यों हो रही है। भीषण गर्मी में जनता बगैर पंखे और कूलर जैसे उपकरणों के कैसे रह पाएगी। मुख्यमंत्री धामी ने अधिकारियों से सख्त रुख अपनाते हुए कहा कि नागरिकों को बेहतर से बेहतर सुविधा प्रदान करना सरकार का संकल्प है।

    कहा कटौती कतई नहीं होनी चाहिए। साथ ही पत्रकारों व नागरिकों का फोन उठाकर समस्या सुनने को कहा है। इसके अलावा ऊर्जा निगम के प्रत्येक उपकेंद्र का नंबर भी चालू रखने के निर्देश दिए हैं।

    रअसल, हल्द्वानी और आसपास के इलाकों में पिछले कई दिनों से सुबह से लेकर देर रात तक बिजली कटौती की समस्या बनी हुई थी। बिजली आपूर्ति सुचारू नहीं होने से उपभोक्ता लगातार गर्मी से जूझने को मजबूर थे। वहीं इस वजह पेयजल आपूर्ति और कारोबार सबकुछ प्रभावित हो रहा था, मगर ऊर्जा निगम के अधिकारी लोड बढ़ने का हवाला देकर अपना पल्ला झाड़ रहे थे। ऐसे में जनता उबलने को मजबूर थी।